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    NCRB: आंकड़े बता रहे राजधानी में महिलाओं के खिलाफ अपराध में कितने फीसद हुई बढ़ोतरी, पढ़िये अन्य डिटेल

    By Vinay Kumar TiwariEdited By:
    Updated: Tue, 30 Aug 2022 05:56 PM (IST)

    NCRB पुलिस अधिकारी का कहना है कि शहर में ज्यादातर हत्याएं गुस्से अचानक उकसावे या व्यक्तिगत दुश्मनी के कारण की गईं।2021 में गिरफ्तारी पर एनसीआरबी के आंकड़ों से पता चलता है कि आईपीसी की धाराओं के तहत 130678 लोगों को गिरफ्तार किया गया।

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    NCRB: विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज मामलों की कुल संख्या में भी लगभग 17 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा सोमवार को जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार राजधानी में 2020 की तुलना में 2021 में हर तरह के अपराध में 15 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज मामलों की कुल संख्या में भी लगभग 17 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। हत्या के मामलों में दो प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, वहीं हत्या के प्रयास के मामलों में भी वृद्धि देखी गई।

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    2020 में 10,093 के मुकाबले 2021 में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के 14,277 मामले दर्ज होने के साथ, इन अपराधों में 41 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 2020 में दुष्कर्म के 1250 मामले दर्ज किए गए। वहीं 2021 में 2076 मामले दर्ज किए गए। 2021 में हत्या के 459 मामले, गैर इरादतन हत्या के 60 मामले, दहेज हत्या के 141 मामले, हत्या के प्रयास के 761 मामले, अपहरण के 5527 मामले, दुष्कर्म के 1250 मामले, दंगा के 68 मामले, लूट के 2333 मामले दर्ज किए गए थे।

    पुलिस अधिकारी का कहना है कि शहर में ज्यादातर हत्याएं गुस्से, अचानक उकसावे या व्यक्तिगत दुश्मनी के कारण की गईं।2021 में गिरफ्तारी पर एनसीआरबी के आंकड़ों से पता चलता है कि आईपीसी की धाराओं के तहत 1,30,678 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इसी तरह विशेष और स्थानीय कानूनों (एसएलएल) के तहत 23,124 लोगों को पकड़ा गया। 3,060 किशोरों को आईपीसी की धाराओं के तहत और 257 को एसएलएल के तहत गिरफ्तार किया गया।

    2020 में 38,681 लोगों को दोषी ठहराया गया जबकि 2,274 को बरी भी कर दिया गया। वहीं 2021 में 4,516 को आईपीसी अपराधों के तहत बरी किया गया। एसएलएल के तहत 3,388 लोगों को दोषी ठहराया गया और 58 को बरी कर दिया गया। 2021 में दर्ज किए गए कुल 14,277 मामलों के साथ दिल्ली महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित शहर बना रहा। इनमें दुष्कर्म के 1,250 मामले, दहेज हत्या के 141 मामले, अपहरण के 4083 मामले, महिलाओं पर हमले के 2,068 मामले और महिला केंद्रित साइबर अपराध के 104 मामले शामिल हैं।

    दिल्ली पुलिस का कहना है कि दुष्कर्म के ज्यादातर मामलों में आरोपित पीडि़तों को जानता था। उनकी तेजी से गिरफ्तारियां की गई। आर्थिक अपराधों के मामलों में भी 2020 की तुलना में 2021 में वृद्धि देखी गई। आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले साल लगभग 5,143 मामले सामने आए थे जबकि 2020 में यह 4,524 मामले थे।