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    कैब से पीक टाइम में सफर हुआ दुश्वार, दोगुना किराया-दोगुनी परेशानी, सरकार के फैसले से NCR के यात्रियों में हैरानी

    By Jagran NewsEdited By: Neeraj Tiwari
    Updated: Thu, 03 Jul 2025 06:16 PM (IST)

    दिल्ली-एनसीआर में कैब किराया बढ़ा...प्रमुख कैब कंपनियां अब पीक आवर्स में दोगुना किराया वसूलेंगी। प्रमुख कैब कंपनियों ने तय किया है कि पीक आवर्स यानी सुबह-शाम ऑफिस आवागमन के समय यात्रियों से दोगुना किराया वसूला जाएगा। इस फैसले से रोजाना लाखों लोगों का सफर महंगा होने वाला है। जानिए नया चार्ज लोगों की राय और सरकार के नए नियम...

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    कैब का किराया बना जेब पर वार, पीक टाइम में सफर हुआ दुश्वार

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में कैब सर्विस इस्तेमाल करने वालों को अब अपनी जेब और ज्यादा ढीली करनी पड़ेगी। प्रमुख कैब कंपनियों ने तय किया है कि पीक आवर्स, यानी सुबह-शाम ऑफिस आवागमन के समय, यात्रियों से दोगुना किराया वसूला जाएगा। इस फैसले से रोजाना लाखों लोगों का सफर महंगा होने वाला है।

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    यात्रियों पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा

    अभी तक दिल्ली-एनसीआर में कई लोग ट्रैफिक चालान, पार्किंग और जब्ती की कार्रवाई के डर से अपनी निजी गाड़ियां छोड़कर कैब से सफर कर रहे थे। लेकिन अब उन्हीं यात्रियों पर अतिरिक्त बोझ पड़ने वाला है। सोशल मीडिया पर इस फैसले का विरोध भी शुरू हो गया है। लोग इसे आम आदमी पर सीधी मार बता रहे हैं।

    सरकार ने दिए नए दिशा-निर्देश

    सरकार के नए दिशा-निर्देशों के मुताबिक सभी राज्यों को अगले तीन महीने में यह व्यवस्था लागू करनी होगी। दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, गाजियाबाद और फरीदाबाद जैसे इलाकों में रोजाना लाखों लोग कैब से यात्रा करते हैं। यात्रियों का कहना है कि सरकार ने पहले चालान और जब्ती का डर दिखाकर पुरानी गाड़ियां सड़क से हटवाईं और अब कैब कंपनियों को किराया बढ़ाने की खुली छूट दे दी गई है।

    कैब यूजर्स ने जताई नाराजगी

    राजेश गुप्ता, प्रीतमपुरा निवासी कहते हैं...

    “मुझे रोज दिल्ली से गुरुग्राम के डीएलएफ तक जाना पड़ता है। अभी तक मैं 30 से 35 किलोमीटर की यात्रा के लिए 486 से 548 रुपये देता था। दोगुना किराया लागू होने पर यह खर्च 972 से 1096 रुपये तक पहुंच जाएगा। एक ट्रिप पर ही 400 से 500 रुपये ज्यादा देने पड़ेंगे।”

    पंकज कुमार, रोहिणी निवासी ने कहा...

    “मैं फरीदाबाद से दिल्ली तक 24.8 किलोमीटर का सफर करता हूं। अभी यह दूरी 510 से 569 रुपये में तय होती है। किराया बढ़ने पर यह खर्च बढ़कर 1000 से 1138 रुपये तक जाएगा। पहले महीने भर का कैब खर्च 1500 से 2000 रुपये था, अब यह 3000 से 3500 रुपये के बीच पहुंचेगा।”

    दीनानाथ सोमकर, वसंत विहार निवासी ने कहा...

    “सरकार के इस फैसले ने लाखों लोगों को चौंका दिया है। किराया बढ़ने से आम आदमी की जेब पर सीधा असर होगा। लोग मजबूरन मेट्रो या अन्य साधनों से यात्रा करेंगे।”

    अशोक कटारिया, चांदनी चौक निवासी ने कहा...

    “पीक आवर्स में कैब मिलना पहले ही मुश्किल होता है। अब एक ट्रिप के लिए दोगुना किराया देना होगा। जितना पैसा पहले दो-तीन ट्रिप में लगता था, उतना अब एक ही ट्रिप में देना पड़ेगा।”

    क्या कहते हैं जानकार

    ट्रांसपोर्ट एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस कदम से कैब कंपनियों को तो फायदा होगा, लेकिन रोजाना यात्रा करने वालों पर बड़ा असर पड़ेगा। ऑफिस आवर्स में मेट्रो पहले ही भीड़ से भरी रहती है, ऐसे में मेट्रो का दबाव और बढ़ेगा।

    एनसीआर में कैब किराया क्यों बढ़ा?

    कैब कंपनियों का कहना है कि बढ़ते ईंधन खर्च और ड्राइवरों को अतिरिक्त इंसेंटिव देने के कारण यह कदम जरूरी है। हालांकि आम लोग इसे एकतरफा फैसला मान रहे हैं।