Delhi: बचपन में उठा पिता का साया, मां और कोच की मदद से मैदान पर उड़ान भर रहे चिराग
कहा जाता है कि प्रत्येक कामयाब आदमी के पीछे एक औरत का हाथ होता है। राजधानी में एक पैरा खिलाड़ी ऐसे भी हैं जिनकी कामयाबी के पीछे एक नहीं बल्कि दो महिलाओं का हाथ है। यह कहानी राष्ट्रीय चैंपियन पैरा एथलीट चिराग खन्ना की है। दुनिया जीतने वाले चिराग के पीछे उनकी मां सुनीता खन्ना और कोच सुनीता राय का हाथ है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। कहा जाता है कि प्रत्येक कामयाब आदमी के पीछे एक औरत का हाथ होता है। राजधानी में एक पैरा खिलाड़ी ऐसे भी हैं, जिनकी कामयाबी के पीछे एक नहीं बल्कि दो महिलाओं का हाथ है। यह कहानी राष्ट्रीय चैंपियन पैरा एथलीट चिराग खन्ना की है। दुनिया जीतने वाले चिराग के पीछे उनकी मां सुनीता खन्ना और कोच सुनीता राय का हाथ है।
चिराग ने सोमवार को जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में खेलो इंडिया पैरा गेम्स में टी 35-36 वर्ग में सौ मीटर प्रतिस्पर्धा में उड़ान भरते हुए स्वर्ण पदक प्राप्त किया। हाल ही में चीन में आयोजित पैरा एशियाई खेलों में टी-35 वर्ग में सौ मीटर में कांस्य जीतने वाले दिल्ली के ही नारायण ठाकुर को हराकर चिराग पैरा गेम्स में चैंपियन बने हैं। चिराग ने बताया कि उनका सपना देश के लिए पैरालिंपिक में स्वर्ण पदक जीतना है।
मां सुनीता खन्ना ने बताया कि 16 साल पहले चिराग के पिता ओमप्रकाश खन्ना का देहांत हो गया था। उस समय वह पांच साल का था। उनके देहांत के बाद मैंने घर से टिफिन का काम शुरू किया। मैं अपने सुपुत्र की सफलता से काफी खुश हूं। मुझे मेरे बेटे के नाम से जाना जाता है, एक मां के लिए यह गर्व की अनुभूति है। अपने बच्चे को ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार हूं।
कोच सुनीता राय ने बताया कि चिराग छोटी उम्र से ही काफी कठिनाइयों का सामना करते हुए यहां तक पहुंचा है। वर्ष 2021 में चिराग उनके पास आया था। सिर पर पिता का साया नहीं होने और आर्थिक तंगी के बावजूद उन्होंने अपना हौसला बनाए रखा और आज वह उत्कृष्ट प्रदर्शन से विश्वभर में परचम लहरा रहा है।
उनकी सफलता का राज यह है कि मैंने हमेशा से उन्हें छत्रसाल स्टेडियम में सामान्य एथलीटों के साथ अभ्यास कराया है। वह मुख्य तौर पर सौ मीटर का एथलीट है लेकिन मेरी चाहत है कि वह राष्ट्रीय स्तर पर दौ सौ मीटर में भी उड़ान रहे। चिराग दिल्ली राज्य एथलेटिक्स चैंपियनशिप में सौ व दो सौ मीटर का चैंपियन है। चिराग दिल्ली विश्वविद्यालय में स्कूल आफ ओपन लर्निंग में पढ़ते हैं। वह मेरे नेतृत्व में प्रतिदिन दो से तीन घंटे अभ्यास करते हैं। इसमें दौड़ के अलावा स्ट्रेंथ वर्कआउट भी शामिल है।
चिराग की अभी तक की उपलब्धियां
- मई में पुणे में आयोजित पैरा नेशनल में 13.54 सेकंड के साथ स्वर्ण पदक
- दिल्ली राज्य चैंपियनशिप वर्ष 2022 व 2023 में सौ व दो सौ मीटर में स्वर्ण पदक
- बेंगलुरू में आयोजित ओपन इंडिया में स्वर्ण पदक
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