नरेला अग्निकांड: मृतकों के परिजनों को 20-20 लाख रुपये का मुआवजा दें - एनजीटी
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने नरेला औद्योगिक क्षेत्र में मूंग दाल फैक्ट्री में आग लगने की घटना में दिए गए मुआवजे को कम बताया है। मृतकों के परिजनों को 20-20 लाख और घायलों को 15 लाख तक मुआवजा देने का सुझाव दिया है। एनजीटी ने कहा कि पहले दिया गया मुआवजा पर्याप्त नहीं है क्योंकि इस घटना में कई लोगों की जान गई है और कई घायल हुए हैं।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने जून 2024 में नरेला औद्योगिक क्षेत्र स्थित एक मूंग दाल फैक्ट्री में आग और विस्फोट से तीन श्रमिकों की मौत और छह के घायल होने के मामले की सुनवाई करते हुए मुआवजे की राशि को अपर्याप्त बताया।
एनजीटी ने टिप्पणी की कि संबंधित अधिकारियों और फैक्ट्री प्रबंधन को मृतकों के परिजनों को न्यूनतम 20-20 लाख रुपये और घायलों को उनकी चोट की गंभीरता के अनुसार 15 लाख रुपये तक का मुआवजा देना चाहिए।
न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ ने कहा कि अब तक दिया गया मुआवजा अपर्याप्त है। महाराष्ट्र के पालघर पटाखा फैक्ट्री विस्फोट जैसे मामलों का हवाला देते हुए पीठ ने कहा कि वहां 20 लाख रुपये तक का मुआवजा तय किया गया था, जबकि नरेला हादसे में भी जानें गई हैं और कई घायल हुए हैं, ऐसे में कम मुआवजे का कोई औचित्य नहीं है।
मामले में एसडीएम नरेला द्वारा दाखिल रिपोर्ट में बताया गया कि प्रशासन की ओर से मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये और घायलों को 20-20 हजार रुपये दिए गए हैं। वहीं, फैक्ट्री प्रबंधन ने मृतकों के परिजनों को 6-6 लाख रुपये और घायलों के इलाज पर खर्च होने वाली राशि प्रदान की है।
8 जून, 2024 को नरेला औद्योगिक क्षेत्र स्थित श्याम कृपा फूड्स फैक्ट्री में अचानक आग लग गई। आग लगने के बाद एक ज़ोरदार विस्फोट हुआ जिससे इमारत का एक हिस्सा उड़ गया। हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि छह कर्मचारी गंभीर रूप से झुलस गए।
इसके बाद लगभग 90 दमकलकर्मी मौके पर पहुँचे और फैक्ट्री में रखे एक दर्जन गैस सिलेंडरों को बाहर निकालकर आग बुझाई।
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