Namo Bharat Train: नमो भारत प्रदूषण कम करने में करेगी मदद, हर साल 60 हजार टन कम करेगी पीएम 2.5
दिल्ली से मेरठ के बीच दौड़ने वाली भारत की पहली विश्व स्तरीय सेमी हाईस्पीड ट्रेन नमो भारत के संचालन से हवा को प्रदूषित करने वाले तत्वों में कमी का दावा किया जा रहा है। नमो ट्रेन दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण कम करने में अहम भूमिका निभाएगी। 2025 में नमो भारत का विधिवत संचालन शुरू होने के बाद सुधार संभावित है।

प्रदीप द्विवेदी, मेरठ। दिल्ली से मेरठ के बीच दौड़ने वाली भारत की पहली विश्व स्तरीय सेमी हाईस्पीड ट्रेन नमो भारत के संचालन से हवा को प्रदूषित करने वाले तत्वों में कमी का दावा किया जा रहा है। नमो ट्रेन दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण कम करने में अहम भूमिका निभाएगी। 2025 में नमो भारत का विधिवत संचालन शुरू होने के बाद सुधार संभावित है। इसको लेकर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने विभिन्न एजेंसियों से अध्ययन कराया।
इस अध्ययन में पुराने अध्ययनों को भी शामिल किया गया है। अध्ययन में दावा किया गया है कि प्रत्येक वर्ष 60 हजार टन पीएम-2.5 कम होगा। 4.75 लाख टन नाइट्रोजन आक्साइड, आठ लाख टन हाइड्रोकार्बन और आठ लाख टन कार्बन मोनोआक्साइड कम होगा। रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) के प्रथम कारिडोर दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ के पूरे हिस्से पर ट्रेन संचालन अप्रैल 2025 से शुरू होगा।
इसलिए इस तरह के प्रदूषित तत्वों में कमी का असर ट्रेन के विधिवत संचालन शुरू होने के बाद दिखाई देगा। 82 किमी लंबे इस कारिडोर के 17 किमी हिस्से पर यानी साहिबाबाद से दुहाई तक ट्रेन का संचालन शुरू हो चुका है।
ऐसे आएगी प्रदूषित तत्वों में कमी
अध्ययन के अनुसार निजी वाहनों व अन्य यात्री सेवाओं को छोड़कर आठ लाख यात्री इस ट्रेन से प्रतिदिन यात्रा करेंगे। निजी वाहनों को छोड़कर लोग सार्वजनिक परिवहन सेवा अपनाएंगे। वर्तमान में सार्वजनिक परिवहन की हिस्सेदारी 37 प्रतिशत है। यह बढ़कर 63 प्रतिशत हो जाएगी। इसमें 15 प्रतिशत दोपहिया, 20 प्रतिशत कार और 40 प्रतिशत बस के यात्री इस सेवा का लाभ लेंगे।
एक लाख निजी वाहन सड़क से हटकर सार्वजनिक परिवहन अपनाएंगे। इलेक्ट्रिक नमो ट्रेन के स्टेशनों से यात्रियों को घर तक छोड़ने के लिए सीएनजी की विभिन्न तरह की फीडर सेवाएं भी शुरू होंगी। इससे सड़क पर वाहनों का दबाव घटेगा और ईंधन से निकलने वाले प्रदूषित तत्वों में कमी आएगी।
भयावह स्थिति के अध्ययन से आरआरटीएस पर काम तेज
अर्बन मास ट्रांजिट कंपनी के अध्ययन के अनुसार एनसीआर में प्रतिदिन 3.50 लाख यात्री कारें पहुंच रही हैं। एनसीआर प्लानिंग बोर्ड ने रीजनल ट्रांसपोर्टेशन प्लान 2032 के अंतर्गत अध्ययन कराया। इसमें 2007 के अध्ययन को भी शामिल किया गया, जो एनसीआर के दिल्ली, गाजियाबाद, मेरठ, फरीदाबाद, डासना समेत 82 स्थानों के सर्वे पर आधारित था। इन स्थानों पर ही प्रतिदिन एक हजार मीट्रिक टन कार्बन डाइआक्साइड उत्सर्जित हो रही है।
इसमें सुझाव दिया गया कि यदि आरआरटीएस कारिडोर जल्द नहीं शुरू किया गया तो राजधानी दिल्ली वाहनों के प्रदूषण से बदहाल हो जाएगी। एनसीआरटीसी के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पुनीत वत्स का कहना है कि नमो भारत ट्रेन संचालन से निजी वाहनों की हिस्सेदारी घटकर नमो भारत और अन्य सार्वजनिक परिवहन पर स्थानांतरित होगी। हवा को प्रदूषित करने वाले तत्वों में कमी आएगी। इसका अध्ययन भविष्य में अनुमानित वाहनों की कमी, अनुमानित यात्री और सार्वजनिक वाहनों की हिस्सेदारी में बढ़ोतरी के आधार पर किया गया है। इस परिणाम सकारात्मक आएगा।
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