दिल्ली में जहां हुआ था दंगा वहां मुस्लिमों ने दिया हिंदू की अर्थी को कंधा, किया अंतिम संस्कार
कबीर नगर शवदाह गृह समिति के सदस्य रवि सोलंकी ने कहा कि मुस्लिमों ने एक हिंदू का अंतिम संस्कार करके सौहार्द की मिसाल पेश की है। उनके कार्य को देखते हुए समिति बलबीर सिंह के अंतिम संस्कार में खर्च हुए पैसे को उन्हें वापस करेगी।
नई दिल्ली। रमजान का पाक महीना चल रहा है। कहते है कि इस महीने में नेकी करने पर आम महीनों के मुकाबले ज्यादा सवाब मिलता है। कोरोना के इस दौर में कई मामले सामने आएं हैं जब बीमारी से मौत होने पर अपनों ने ही मुंह फेर लिया, ऐसे वक्त में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने आगे आकर एक हिंदू बुजुर्ग की अर्थी को कंधा दिया। कबीर नगर के शवदाह गृह में बुजुर्ग के बच्चों के साथ मिलकर चिता तैयार कर उनका अंतिम संस्कार भी किया। संस्कार में होने वाला सारा खर्च मुस्लिमाें ने ही उठाया। अर्थी को कंधा देते हुए मुस्लिमों की वीडियो इंटरनेट मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है, लोग इसे हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल कह रहे हैं।
यह मिसाल उस इलाके में पेश आई है, जहां पर फरवरी में 2020 सीएए के नाम पर दंगे हुए थे। सांप्रदायिक तनाव पैदा हो गया था। 60 वर्षीय बलबीर अपने परिवार के साथ कबीर नगर की गली नंबर-1 में रहते थे। उनके परिवार में बेटा अरविंद और अर्जुन व अन्य सदस्य हैं।
अरविंद ने बताया कि उनके पिता दिल की बीमारी से पीड़ित थे, पिछले कई दिनों से काफी बीमार चल रहे थे। अचानक से उनकी मृत्यु हो गई, लाकडाउन के कारण रिश्तेदार नहीं आ सके। उन्होंने बताया कि जिस जगह वह रहते हैं वह मुस्लिम बहुल है, इकलौता उनका हिंदू परिवार है। परिवार आर्थिक रूप से कमजाेर है। पड़ोसी मुस्लिमों ने उनके पिता के शव को कंधा दिया और अंतिम संस्कार करवाया।
तीन दिन तक मुस्लिम ही उनके घर पर भोजन भेजेंगे। अर्थी को कंधा देने वाले नासिर चौधरी ने कहा कि हिंदू हो या मुस्लमान, मरने के बाद सभी को ऊपर वाले के पास जाना होता है। यह वक्त काफी बुरा चल रहा है, बुजुर्ग के दो बेटे हैं। मुस्लिमों ने अपना फर्ज निभाते हुए अर्थी का इंतजाम किया, घर से लेकर शवदाह गृह तक अर्थी को कंधा दिया और शवदाह गृह के अंदर जाकर अंतिम संस्कार किया।
मुस्लिमों ने पेश की सौहार्द की मिसाल, अंतिम संस्कार का पैसा वापस किया जाएगा
कबीर नगर शवदाह गृह समिति के सदस्य रवि सोलंकी ने कहा कि मुस्लिमों ने एक हिंदू का अंतिम संस्कार करके सौहार्द की मिसाल पेश की है। उनके कार्य को देखते हुए समिति बलबीर सिंह के अंतिम संस्कार में खर्च हुए पैसे को उन्हें वापस करेगी। इसके साथ ही समाज को संदेश देगी इसी तरह से सभी के लोग एक दूसरे की मदद करते रहे।