Loudspeaker Sound Dispute: मुस्लिमों को भी पसंद नहीं लाउडस्पीकर का शोर, योगी सरकार की कार्रवाई को सराहा
Loudspeaker Sound Dispute उत्तर प्रदेश में सत्तासीन योगी आदित्यनाथ सरकार की लाउडस्पीकर पर शोर को लेकर कार्रवाई को सुधारवादी मुस्लिम संगठनों का साथ मिल रहा है। उन्होंने योगी सरकार की कार्रवाई को सराहा है। मुस्लिम समुदाय खुद लाउडस्पीकर के शोर से परेशान है।

नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने की उत्तर प्रदेश सरकार की कार्रवाई को सुधारवादी मुस्लिम संगठनों का साथ मिल रहा है। वे इसे लेकर समाज में सकारात्मक बहस के साथ पूरे देश में स्वेच्छा से लागू कराना चाहते हैं, ताकि लाउडस्पीकर को लेकर टकराव खत्म हो और मंदिर-मस्जिद के आसपास रहने वाले लोग ध्वनि प्रदूषण से बच सकें। इसके लिए वे अपने स्तर पर जागरूकता अभियान भी चला रहे हैं।
प्रमुख सुधारवादी संगठन इंडियन मुस्लिम्स फार प्रोग्रेस एंड रिफार्म्स (आइएमपीआर) ने हाल में ही इस मसले पर देशभर के मस्जिद प्रबंधकों को खुला पत्र लिखा है। इसमें लाउडस्पीकर की आवाज कम रखने का आग्रह किया गया है। लाउडस्पीकर के उच्च डेसिबल से होने वाले प्रदूषण के संबंध में कर्नाटक हाई कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए उसके पालन की अपील की गई है। साथ ही कहा है कि शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए अपनी जिम्मेदारी समङों।
आइएमपीआर के अध्यक्ष डा. एमजे खान बताते हैं कि अभियान पर अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। पहले जहां 100 में से एक-दो ही इससे संबंधित राय रखते थे, अब यह कहने वाले 20 प्रतिशत लोग हो गए हैं। जल्द इसे 50 प्रतिशत तक पहुंचाने की कोशिश है। उनका संगठन अभियान चला रहा है कि लाउडस्पीकर धर्म का हिस्सा नहीं है।
मौलाना सुहैब कासमी ने कहा- मजहब में लाउडस्पीकर कहीं नहीं : जमात उलेमा-ए-हंिदू इसे लेकर कश्मीर, असम, पश्चिमी उप्र समेत देश के अन्य हिस्सों में अभियान चला रहा है। इसमें मस्जिदों के आसपास रहने वाले लोगों से रायशुमारी कराई जा रही है। खासकर हंिदूुओं से राय ली जा रही है। फिर मस्जिद प्रबंधन को उक्त राय से अवगत कराकर आवाज कम करने की गुजारिश की जा रही है।
जमात के अध्यक्ष मौलाना सुहैब कासमी कहते हैं कि पूरी दुनिया प्रदूषण से परेशान है। चाहे हवा में हो या कुछ और, वह कम होनी चाहिए। मजहब में लाउडस्पीकर कहीं नहीं है।
उन्होंने बताया कि 50 साल पहले भी बड़े धर्मगुरुओं ने समझाया था कि लाउडस्पीकर का इस्तेमाल न करें, लेकिन कुछ कट्टरपंथी लोग हैं जो इसे धर्म से जोड़कर विवाद पैदा करना चाहते हैं। देर रात तक तकरीर की जा रही है, जिससे पड़ोसी परेशान हैं। उन्होंने कहा कि इस्लाम में स्पष्ट है कि अगर आपके किसी कार्य से पड़ोसी परेशान होता है तो वह गैर इस्लामिक है।

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