Air Pollution: प्रदूषण ने जीना किया दुस्वार, दिल्ली-मुंबई के लोग दूसरी जगह बसने की जता रहे इच्छा
Air Pollution नई दिल्ली और मुंबई में रहने वाले 10 में छह लोग वायु प्रदूषण को देखते हुए दूसरी जगह जाने पर विचार कर सकते हैं। स्वास्थ्य सेवा प्रदाता प्रिस्टिन केयर की ओर से दिल्ली मुंबई और आसपास के लोगों पर सर्वे के बाद यह रिपोर्ट जारी की गई है। इस सर्वे में विभिन्न क्षेत्रों से 4000 लोग शामिल हुए थे।
पीटीआई, नई दिल्ली। नई दिल्ली और मुंबई में रहने वाले 10 में छह लोग वायु प्रदूषण को देखते हुए दूसरी जगह जाने पर विचार कर सकते हैं। स्वास्थ्य सेवा प्रदाता प्रिस्टिन केयर की ओर से दिल्ली, मुंबई और आसपास के लोगों पर सर्वे के बाद यह रिपोर्ट जारी की गई है। इस सर्वे में विभिन्न क्षेत्रों से 4,000 लोग शामिल हुए थे।
सर्वे में शामिल 10 में से नौ लोगों ने बताया कि खराब होते वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के लक्षणों का उन्हें अनुभव हो रहा है। जैसे लगातार खांसी, सांस लेने में तकलीफ, घरघराहट, गले में खराश और आंखों में खुजली या पानी आना।
सर्दियों में हुई सांस संबंधी बीमारियां
रिपोर्ट में विशेष रूप से सर्दियों के दौरान लोगों पर वायु गुणवत्ता में गिरावट के गहरे प्रभाव पर भी प्रकाश डाला गया। इसमें शामिल 40 प्रतिशत लोगों ने सर्दियों के दौरान अस्थमा या ब्रोंकाइटिस जैसी पहले से मौजूद श्वसन संबंधी समस्याओं का सामना किया।
लोग लेते हैं डॉक्टर्स से परामर्श
इसमें कहा गया है कि दिल्ली और मुंबई में 10 में से चार लोग हर साल वायु प्रदूषण से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं के लिए डॉक्टरों से परामर्श पर विचार करते हैं। जब उनसे पूछा गया कि इस प्रदूषित वातावरण के दौरान वह क्या करते हैं।
नहीं निकलते घर से बाहर
सर्वे में शामिल 35 प्रतिशत लोगों का कहना था कि वह प्रदूषण बढ़ने पर बाहरी गतिविधि बंद कर देते हैं। वहीं, 30 प्रतिशत का कहना था कि वह बाहर निकलने पर मास्क का प्रयोग करते हैं। इस दौरान दिल्ली और मुंबई में केवल 27 प्रतिशत ने एयर प्यूरिफायर के उपयोग की बात स्वीकारी।
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