Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    25 दिन की बच्ची पर टूटा मां कह कहर, कूड़ेदान में फेंककर मारा, बोली- करती थी परेशान

    By Amit MishraEdited By:
    Updated: Mon, 26 Feb 2018 08:39 AM (IST)

    नेहा ने पुलिस को बताया कि उसे बच्ची को पालने में काफी दिक्कतें हो रही थी। बच्ची के रोने और रात में जागने की वजह से उसे अपनी रोजमर्रा की जिंदगी तबाह होती दिख रही थी।

    Hero Image
    25 दिन की बच्ची पर टूटा मां कह कहर, कूड़ेदान में फेंककर मारा, बोली- करती थी परेशान

    नई दिल्ली [जेएनएन]। कल्याणपुरी के ईस्ट विनोद नगर में मां की ममता को झकझोर देने वाली घटना सामने आई है। एक मां ने 25 दिन की दुधमुंही बच्ची को सिर्फ इसलिए डलावघर में मरने के लिए फेंक दिया, क्योंकि उसे नन्ही सी जान का रोना और रात में जागना गंवारा नहीं था। वह लोगों से नजरें बचाकर शुक्रवार शाम डलावघर तक पहुंची और बच्ची को फेंक दिया। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पकड़ी गई चालाकी 

    सिर में गंभीर चोटें आने के बाद बच्ची कूड़े के ढेर पर ही तड़पती रही। फिर अस्पताल में ऑपरेशन जैसी पीड़ा झेली, लेकिन तमाम जद्दोजहद के बावजूद शनिवार सुबह सांसों ने दामन छोड़ दिया। उस मां की निर्दयता देखिए कि दुधमुंही बच्ची को मरने के लिए खुद ही फेंककर बेटी के गुम होने का ड्रामा किया, लेकिन पुलिस की जांच में चालाकी पकड़ी गई।

    आरोपी मां गिरफ्तार 

    पुलिस ने आरोपित मां नेहा तिवारी (25) को गिरफ्तार कर लिया है और उसने अपना जुर्म भी कबूल कर लिया है। मूलरूप से कानपुर निवासी नेहा तिवारी अपने पति सौरभ तिवारी के साथ ई-132, गली नंबर-पांच, ईस्ट विनोद नगर में रहती है। सौरभ ट्रेवल एजेंट हैं और घर से ही काम करते हैं, जबकि नेहा गृहिणी है।

    यह पहली संतान थी 

    बच्ची की देखभाल के लिए सौरभ की मां भी कानपुर से दिल्ली आई थीं। सौरभ-नेहा की यह पहली संतान थी। शुक्रवार शाम सौरभ अपनी मां के साथ कहीं बाहर गए थे। शाम करीब 7:15 बजे जब लौटे तो दरवाजा बाहर से बंद था। तभी नेहा रोते हुए पहुंची और बच्ची नहीं मिलने की जानकारी दी।

    जख्मी हालत में मिली बच्ची 

    पुलिस तक मामला पहुंचा और जांच के क्रम में करीब 7:48 बजे पुलिस को डलावघर में जख्मी हालत में बच्ची मिली। पुलिस ने उसे लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल पहुंचाया, जहां से जीटीबी अस्पताल रेफर कर दिया गया। वहां बच्ची के सिर का ऑपरेशन किया गया, लेकिन बचाया नहीं जा सका।

    एक बच्चे के बयान बना अहम 

    नेहा जब बच्ची को डलावघर में फेंक रही थी तो 13 साल का एक बच्चा सारा घटनाक्रम देख रहा था, लेकिन उसे यह नहीं पता था कि बच्ची को फेंका जा रहा है। डलावघर में एक बच्ची के होने की सूचना पाकर जब पुलिस वहां पहुंची तो बच्चे ने सारी कहानी बयां कर दी। उसने बताया कि लाल नाइटी पहनी महिला ने बच्ची को फेंका है। उसने हुलिया भी बताया। इसी आधार पर पुलिस ने नेहा को हिरासत में लिया। तब तक नेहा भी उसी कपड़े में थी।कड़ाई से पूछताछ में उसने जुर्म स्वीकार कर लिया। पुलिस ने पहले हत्या की कोशिश का मामला दर्ज किया, लेकिन बच्ची की मौत के बाद हत्या की धारा जोड़ दी गई।  

    निर्दयी मां का बयान

    नेहा ने पुलिस को बताया कि उसे बच्ची को पालने में काफी दिक्कतें हो रही थी। बच्ची के रोने और रात में जागने की वजह से उसे अपनी रोजमर्रा की जिंदगी तबाह होती दिख रही थी। इसलिए वह बच्ची को बोझ मानने लगी और आखिरकार उसे खुद से दूर करने का निर्णय लिया। 

    यह भी पढ़ें: छात्र की इस हरकत से परेशान टीचर ने दिया इस्तीफा, अमेरिका तक पहुंची बात

    यह भी पढ़ें: एक छात्र ने टीचर को दिया कैंडल लाइट डिनर का ऑफर, तो दूसरे ने पार कर दी हद