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Mother Dairy का टोकन दूध लेकर 4 रुपये की बचत के साथ ही देश सेवा का भी मौका

Single Use Plastic ban in India मदर डेयरी ने दूध उपभोक्ताओं से प्लास्टिक के विकल्प के रूप में टोकन वाला दूध (Token Milk) खरीदने की अपील की है।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 01 Oct 2019 07:50 AM (IST)Updated: Thu, 03 Oct 2019 05:29 PM (IST)
Mother Dairy का टोकन दूध लेकर 4 रुपये की बचत के साथ ही देश सेवा का भी मौका
Mother Dairy का टोकन दूध लेकर 4 रुपये की बचत के साथ ही देश सेवा का भी मौका

नई दिल्ली, जेएनएन। Single Use Plastic ban in India: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की समूचे देश में सिंगल यूज प्लास्टिक (Single Use Plastic) का इस्तेमाल बंद करने की अपील का असर दिखाई देने लगा है। पीएम मोदी के इस महत्वाकांक्षी अभियान में अब मदर डेयरी भी उतर आया है। इसी क्रम में मदर डेयरी ने दूध उपभोक्ताओं से प्लास्टिक के विकल्प के रूप में टोकन वाला दूध (Token Milk) खरीदने की अपील की है। बता दें कि टोकन वाले दूध की कीमत पैकेज्ड दूध की तुलना में रुपये 4 प्रति लीटर कम है। 

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जुड़ें पीएम मोदी के अभियान से

यहां पर बता दें कि अगर आप भी पैकेज्ड दूध खरीदना बंद कर टोकन वाला दूध लेने शुरू कर देते हैं, तो ऐसा करते ही आप भी पीएम मोदी के 'सिंगल यूज प्लास्टिक बैन' अभियान में जुट जाएंगे। ऐसा करने से आप न केवल 4 रुपये की बचत करेंगे, बल्कि पर्यावरण की रक्षा कर देशहित में भी अपना सहयोग देंगे।

गौरतलब है कि प्लास्टिक के उपयोग को कम करने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की अपील से मदर डेयरी (Mother Dairy) भी जुड़ गया है। 

उपभोक्ताओं को मिलेगा 90 करोड़ रुपये का लाभ

कंपनी की ओर से जारी बयान के मुताबिक, अगर उपभोक्ता पैकेज्ड दूध की तुलना में टोकन दूध खरीदेगा तो उसे तकरीबन 90 करोड़ रुपये प्रति वर्ष का फायदा होगा। यह दूध मदर डेयरी के आउटलेट्स पर भी उपलब्ध है। कंपनी ने टोकन वाले दूध की मांग को पूरा करने के लिए अपनी क्षमता को 10 लाख लीटर प्रतिदिन तक बढ़ाया है। अब बड़ी संख्या में लोगों को वेंडिंग मशीनों का लाभ मिलेगा। बताया जा रहा है कि उपभोक्ताओं को इस नकद प्रोत्साहन से वार्षिक 90 करोड़ रुपये का लाभ होगा।

900 मीट्रिक टन प्लास्टिक का उपयोग होगा कम

कंपनी के प्रबंध निदेशक संग्राम चौधरी ने उपभोक्ताओं से आग्रह करते हुए कहा कि वे पर्यावरण के बढ़ते खतरे को देखते हुए गुणवत्तापूर्ण टोकन वाले दूध को अपनाकर इस पहल में योगदान दें। एक लीटर दूध में 4.2 ग्राम प्लास्टिक का प्रयोग होता है। ऐसे में सालाना 900 मीट्रिक टन प्लास्टिक का उपयोग कम हो जाएगा। इससे प्लास्टिक से पर्यावरण को होने वाले नुकसान में कमी तो आएगी ही लोगों का स्वास्थ्य भी सुधरेगा।

एनसीआर में बेचा जाएगा टोकन वाला दूध

वहीं, संग्राम चौधरी ने यह भी दावा किया है कि टोकन वाले दूध की बिक्री में इजाफा करने की दिशा में मदर डेयरी कई तरह के सार्थक कदम उठाने की तैयारी कर रही है। योजना के मुताबिक, दिल्ली के अलावा इससे सटे नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, साहिबाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद में भी टोकन वाला दूध बेचा जाएगा। इसके लिए योजना तैयार है, जल्द ही इसका क्रियान्वयन शुरू होगा।

बढ़ाई जाएगी उत्पादन क्षमता

मदर डेयरी से जुड़े अधिकारियों की मानें तो योजना के मुताबिक, दूध की आपूर्ति बढ़ाने और मांग को पूरा करने के लिए डेयरी ने अपनी क्षमता बढ़ाई है और अब दूध की मांग को पूरा करने के लिए मदर डेयरी ने क्षमता 10 लाख लीटर रोज बढ़ा दी है। इससे हम लोगों की जरूरत को पूरा करने में सक्षम होंगे।

दूध की होम डिलिवरी पर हो रहा विचार

मदर डेयरी की रिसर्च एंड डेवलपमेंट शाखा से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि दूध की बिक्री बढ़ाने और थैली मुक्त दूध घर-घर पहुंचाने की योजना का चर्चा जारी है। यह दिल्ली-एनसीआर में दूध की होम डिलिवरी का मॉडल पायलट प्रोजेक्ट है। इसके लिए मोबाइल डिलिवरी वैन में इजाफा किया जाएगा। इसी के साथ मदर डेयरी के बूथों को मॉडर्न लुक देने की भी योजना है। 

वहीं, मदर डेयरी फ्रूट एंड वेजिटेबल प्राइवेट लिमिटेड के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि मदर डेयरी वर्तमान में तकरीबन 6 लाख लीटर दूध टोकन और वेंडिंग मशीनों के जरिये बेच रही है। इसी के साथ उपभोक्ताओं को वेंडिंग मशीनों से थैली मुक्त दूध बेचने की तैयारी चल रही है।

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