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    Delhi Crime: अपराध की राजधानी बनी दिल्ली, छह महीने में तीन हजार से अधिक चोरी; चौंका देंगे ये आंकड़े

    लूट जैसे मामलों में दिल्ली पुलिस कितनी गंभीर है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि गत छह महीने में राजधानी में तीन हजार से अधिक घटनाएं हुईं। पुलिस इसमें से 68 फीसदी मामले को अब तक नहीं सुलझा सकी है। भोगल में हुई करोड़ों के जेवरात की चोरी ने एक बार फिर न सिर्फ पुलिस की सुरक्षा-व्यवस्था की पोल खोल दी है।

    By Jagran NewsEdited By: Jeet KumarUpdated: Fri, 29 Sep 2023 05:33 AM (IST)
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    दिल्ली में छह महीने में तीन हजार से अधिक हुईं चोरी की घटनाएं

    ऑनलाइन डेस्क, नई दिल्ली: लूट जैसे मामलों में दिल्ली पुलिस कितनी गंभीर है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि गत छह महीने में राजधानी में तीन हजार से अधिक घटनाएं हुईं। पुलिस इसमें से 68 फीसदी मामले को अब तक नहीं सुलझा सकी है। भोगल में हुई करोड़ों के जेवरात की चोरी ने एक बार फिर न सिर्फ पुलिस की सुरक्षा-व्यवस्था की पोल खोल दी है, बल्कि वारदात होने के बाद उसे सुलझाने के दावों पर भी सवाल खड़ा किया है।

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    दिल्ली के भोगल में हुई करोड़ों की चोरी की वारदात के बाद भले ही दिल्ली पुलिस अपराधियों को पकड़ने के लिए ऐड़ी-चोटी का जोर लगा रही है, लेकिन आंकड़ों पर नजर फेरें तो सेंधमारी की वारदात के प्रति पुलिस संजीदा नहीं दिखती। आंकड़े काफी चिंताजनक हैं जिनपर गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है।

    गत छह महीने में राजधानी में तीन हजार से अधिक चोरी की घटनाएं हुईं

    वहीं, ऐसे सेंधमारी, लूट जैसे मामलों में दिल्ली पुलिस कितनी गंभीर है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि गत छह महीने में राजधानी में तीन हजार से अधिक घटनाएं हुईं। पुलिस इसमें से 68 फीसदी मामले को अब तक नहीं सुलझा सकी है।

    भोगल में हुई करोड़ों के जेवरात की चोरी ने एक बार फिर न सिर्फ पुलिस की सुरक्षा-व्यवस्था की पोल खोल दी है, बल्कि वारदात होने के बाद उसे सुलझाने के दावों पर भी सवाल खड़ा किया है। सेंधमारी के केस सुलझाने में कमी के कारणों के पीछे यह भी माना जा रहा है कि पुलिस थानों में संख्या बल की कमी की वजह से पुलिस उस पर अधिक ध्यान नहीं दे पाती है।

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    बाइक चोरी के मामले भी काफी बड़ी मुसीबत

    वर्ष 2023 के शुरुआती छह माह से वर्ष 2022 की तुलना में सामान्य चोरी के 21 फीसदी से अधिक मामले दर्ज किए। वहीं, इसी अवधि में सेंधमारी के 29 फीसदी से अधिक मामले दर्ज किए हैं और इतना ही नहीं बाइक चोरी के मामले भी काफी बड़ी मुसीबत है। 72 फीसदी मामले वाहन चोरी के जनवरी, 2022 की तुलना में जून, 2023 में दर्ज हुए।

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    इससे पहले वाहन चोरी को लेकर एक रिपोर्ट आई थी जिसमें बताया गया था कि दिल्ली पुलिस की नाक के नीचे राजधानी में हर रोज औसतन 107 वाहन चोरी हो जाते हैं। करीब दो करोड़ से अधिक जनसंख्या वाली दिल्ली में पार्किंग एक बड़ी समस्या है।

    पार्किंग के लिए समुचित जगह न होने से अधिकतर लोग अपने वाहनों को अपनी नजरों से दूर कहीं भी पार्क करने को मजबूर होते हैं जहां से वाहन चोर उसे उड़ा ले जाते हैं। वाहन चोरों के लिए दिल्ली सबसे पसंदीदा शहर इसलिए है क्योंकि यहां से वाहन चोरी कर वे वाहनों को लेकर आसानी से पड़ोसी राज्यों में प्रवेश कर जाते हैं।

    सुरक्षा कड़ी हो तो लग सकती है लगाम

    जी-20 को लेकर दिल्ली में एक सितंबर से 10 सितंबर तक सुरक्षा के कड़े इंतजाम थे। ऐसे में एक से 10 सितंबर के बीच आपराधिक घटनाओं में कमी आई।