Jahangirpuri Violence: दिल्ली में 5 लाख से अधिक बांग्लादेशी घुसपैठिये बने पुलिस के लिए परेशानी का सबब
Jahangirpuri Violence जहांगीरपुरी में हिंसा को लेकर यह बात भी सामने आ रही है कि इसमें बड़ी संख्या में बांग्लादेशी मुस्लिम भी शामिल थे। ये इस इलाके के साथ दिल्ली पुलिस के लिए चुनौती बन गए हैं।
नई दिल्ली। दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में शनिवार को हुई हिंसा का मामला अभी ठंडा भी नहीं हो पाया था कि सोमवार को एक आरोपित की गिरफ्तारी के लिए इलाके में पहुंची पुलिस टीम पर भी पथराव कर दिया गया। इस पथराव में एक पुलिसकर्मी घायल हुआ।
प्रश्न यह उठता है कि ऐसे समय में जबकि दो दिन पूर्व ही इलाके में बड़े पैमाने पर हिंसा हुई है और पुलिस आरोपितों की गिरफ्तारी में जुटी है, इससे बेफिक्र आरोपित पुलिस पर हमले कैसे कर रहे हैं। आखिर उन्हें किसका संरक्षण प्राप्त है कि उनमें पुलिस का तनिक भी खौफ नहीं है। पथराव के ताजा मामले में पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, लेकिन यह घटना क्षेत्र में पुलिस के दबदबे पर भी सवाल खड़े करती है।
आरोपितों को बांग्लादेशी घुसपैठिया बताया जा रहा है। पुलिस सूत्रों के एक अनुमान के अनुसार, राजधानी दिल्ली में पांच लाख से अधिक बांग्लादेशी घुसपैठिये हैं, लेकिन पुलिस प्रशासन उनकी पहचान कर उन्हें दिल्ली और देश से बाहर करने में अब तक विफल साबित हुआ है।
ऐसा तब है, जबकि ये बार-बार कहा जाता है कि बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुस्लिम दिल्ली के अनेक इलाकों में झुग्गियों में रह रहे हैं और इन इलाकों में इनकी वजह से ही विभिन्न प्रकार की आपराधिक घटनाएं होती हैं, जिनका नुकसान आम जनता को उठाना पड़ता है।
यही नहीं, मामला इसलिए और भी गंभीर हो जाता है कि इन घुसपैठियों को संरक्षण देकर कभी इनका इस्तेमाल नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध, कभी उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगे और कभी जहांगीरपुरी में हिंसा को अंजाम देकर सामाजिक तानाबाना नष्ट करने के लिए किया जाता है।
ऐसे में दिल्ली पुलिस और स्थानीय प्रशासन को अब जहांगीरपुरी की घटना के आलोक में दिल्ली में रह रहे बांग्लादेशियों व रोहिंग्या मुस्लिमों की गंभीरता से पहचान कर उन्हें दिल्ली और देश से बाहर करने में जुटना चाहिए।
इन्हें जिनका संरक्षण मिला हुआ है, उनके खिलाफ भी मामले दर्ज किए जाने चाहिए और उनपर मुकदमा चलाया जाना चाहिए। ये घुसपैठिए सिर्फ दिल्ली के एक इलाके की सुरक्षा ही नहीं, राष्ट्रीय राजधानी और देश की सुरक्षा के लिए बड़ी चुनौती हैं, जिनसे जल्द से जल्द पार पाया ही जाना चाहिए।