Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    1100 से अधिक बुद्धिजीवियों ने डीयू कुलपति को लिखा पत्र, पाठ्यक्रम में शामिल हो महाश्वेता देवी की लघुकथा

    By Jp YadavEdited By:
    Updated: Wed, 08 Sep 2021 12:03 PM (IST)

    लेखकों ने कुलपति से गुजारिश की है कि महाश्वेता देवी बामा और सुकीरथरानी की रचनाओं को अंग्रेजी पाठ्यक्रम में फिर से शामिल किया जाए। हस्ताक्षर करने वालों में अरुंधति राय विक्रम चंद्रा सरीखे लेखक अभिनेत्री शर्मिला टैगोर शबाना आजमी फिल्म निर्माता अडूर गोपालकृष्णन और आनंद पटवर्धन भी शामिल हैं।

    Hero Image
    1100 से अधिक बुद्धिजीवियों ने डीयू कुलपति को लिखा पत्र, पाठ्यक्रम में शामिल हो महाश्वेता देवी की लघुकथा

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली विश्वविद्यालय में बीए आनर्स के पाठ्यक्रम से तीन साहित्यकारों की लघुकथा हटाने को लेकर उपजा विवाद फिलहाल थमता नजर नहीं आ रहा। डीयू कुलसचिव द्वारा स्पष्टीकरण जारी कर लघुकथाओं की विषयवस्तु को आपत्तिजनक कहा गया। जिसके बाद अब शिक्षकों, लेखकों की तरफ से डीयू के कार्यवाहक कुलपति प्रो पीसी जोशी को एक पत्र लिखा गया है। पत्र पर ग्यारह सौ से अधिक लेखकों, शिक्षाविदों के हस्ताक्षर हैं। कुलपति से गुजारिश की गई है कि महाश्वेता देवी, बामा और सुकीरथरानी की रचनाओं को अंग्रेजी पाठ्यक्रम में फिर से शामिल किया जाए।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    याचिका पर हस्ताक्षर करने वालों में अरुंधति राय, विक्रम चंद्रा सरीखे लेखक, अभिनेत्री शर्मिला टैगोर, शबाना आजमी, फिल्म निर्माता अडूर गोपालकृष्णन और आनंद पटवर्धन भी शामिल हैं। इसमें लिखा गया है कि बामा और सुकीरथरानी की रचनाएं हटाना राजनीतिक उपेक्षा का एक दुर्लभ उदाहरण है। प्रश्न किया गया है कि बामा और सुकीरथरानी दोनों समकालीन तमिल लेखक हैं। क्या भारत की क्षेत्रीय विविधता को दिल्ली स्थित एक केंद्रीय विश्वविद्यालय में पढ़ाना और जानना जरूरी नहीं है।