Monkeypox: चिकित्सक ने बताया होम्योपैथी में मंकीपाक्स का कारगर इलाज संभव, बताई दवाइयां और लक्षण
Monkeypox- अगर परिवार में किसी एक व्यक्ति को मंकीपाक्स हो जाए तो अन्य व्यक्ति यदि संक्रमण होने से पहले बचाव के तौर पर दी जाने वाली होम्योपैथी खुराक (H ...और पढ़ें

दिल्ली/नोएडा [मोहम्मद बिलाल]। होम्योपैथी चिकित्सा (Homeopathy Medicine) में मंकीपाक्स(Monkeypox) का कारगर इलाज संभव हैं। लक्षणों के आधार पर बीमारी का इलाज किया जाता है। साथ ही कई दवा ऐसी हैं, जिनके सेवन से बीमारी से बचा जा सकता है। यह कहना है सेक्टर-24 स्थित डा. डीपी रस्तोगी केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान संस्थान व राष्ट्रपति भवन में तैनात रहे वरिष्ठ होम्योपैथी चिकित्सक योगेन्द्र राय(Yogendra Roy) का। उनका कहना है कि मंकीपाक्स से घबराना नहीं चाहिए और न ही दवा लेने से परहेज करना चाहिए।
होम्योपैथी (Homeopathy)में इस बीमारी का इलाज संभव है। वेरीयूलिनम दवा को लेने से कोई साइड इफेक्ट मरीज पर नहीं होता। इस बीमारी में यह इलाज पूरी तरह से सुरक्षित है, इसलिए इलाज न कराने की भ्रांति से लोगों को दूर रहना चाहिए। बीमारी से बचाव के तौर पर भी यहां दवा दी जाती है, जिससे कि यह बीमारी होने का खतरा कम हो जाता है। इस दवा का सेवन करने से पहले चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें।
अगर परिवार में किसी एक व्यक्ति को मंकीपाक्स हो जाए तो अन्य व्यक्ति यदि संक्रमण होने से पहले बचाव के तौर पर दी जाने वाली होम्योपैथी खुराक (Homeopathy Medicine) को इस्तेमाल करें तो उनमें मंकीपाक्स के लिए प्रतिरोधक क्षमता विकसित होने लगती है। जिससे यह बीमारी अन्य लोगों में नहीं फैलती। जिस परिवार में कोई व्यक्ति पीड़ित नहीं है, वह लोग भी यह खुराक ले सकते हैं। इससे उन्हें बीमारी होने की संभावना कम हो जाती है।
मंकीपाक्स एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। ऐसे में लोगों को शारीरिक संपर्क से बचाव रखना चाहिए। संक्रमित व्यक्ति या किसी व्यक्ति में मंकीपाक्स के लक्षण हैं, तो उसे तुरंत डाक्टर से संपर्क करना चाहिए। संक्रमित व्यक्ति को इलाज पूरा होने तक खुद को आइसोलेट रखना चाहिए।
इलाज में कारगर प्रमुख होम्योपैथी दवाइयां
मंकीपाक्स से निजात दिलाने के लिए कई तरह की होम्योपैथी दवाइयां मौजूद हैं। इसमें वेरीयूलिनम, मेलेनड्रिनम, रसटाक्स, कैंथेरिस, हिपर सल्फ, सरसोनिया पी, मेजेरियम, मेंसीनेला, इचिनेशिया, एंचिमटार्ट व आर्सेनिक एलबी, थूजा, हिम्मोजेनियम आदि हैं। यह दवाएं अलग-अलग लक्षणों के आधार पर तीन से सात दिन तक दी जाती हैं। इन दवाओं का सेवन स्वयं करने के बजाय चिकित्सक की सलाह पर ही लें।
मंकीपाक्स का लक्षण (Symptoms of Monkeypox)
- बार-बार तेज बुखार आना।
- पीठ और मांसपेशियों में दर्द।
- खुजली की समस्या होना।
- त्वचा पर दाने और चकत्ते पड़ना।
- शरीर में सामान्य रूप से सुस्ती आना।
- मंकीपाक्स वायरस की शुरुआत चेहरे से होती है।
- संक्रमण आमतौर पर 14 से 21 दिन तक रहता है। चेहरे से लेकर बाजुओं, पैरों और शरीर के अन्य हिस्सों पर रैशेज होना।
बचाव
- पीड़ित व्यक्ति को अन्य लोगों के संपर्क में न आने दें।
- पपड़ी सूखने की स्थिति में भी अन्य लोगों के संपर्क में न आने दें।
- खाने-पीने में तरल खाद्य पदार्थ जैसे-छाछ, दही, खिचड़ी, दलिया, दाल, जूस, ताजा फल का इस्तेमाल करें।

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