Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Delhi Crime: 36 लाख का चूना लगाने वाले तीन शातिर दबोचे, पूछताछ में बताई वारदात के पीछे की वजह

    Updated: Thu, 10 Jul 2025 08:27 AM (IST)

    दिल्ली पुलिस ने मनी ट्रांसफर कंपनी से 36 लाख की धोखाधड़ी करने वाले दो पूर्व कर्मचारियों और एक वितरक को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने कंपनी के एडमिन पोर्टल का गलत इस्तेमाल कर अवैध रूप से पैसे ट्रांसफर किए। शिकायत के बाद साइबर सेल ने जांच शुरू की और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में बकाया वेतन न मिलने से नाराजगी की बात सामने आई।

    Hero Image
    कंपनी को 36 लाख का चूना लगाने वाले तीन गिरफ्तार।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली में मनी ट्रांसफर कंपनी को 36 लाख का चूना लगाने वाले दो पूर्व कर्मचारी और एक पंजीकृत वितरक को मध्य जिले के साइबर सेल थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इन तीनों ने धोखाधड़ी वाले वालेट लेनदेन के माध्यम से कंपनी को ठगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बताया गया कि आरोपितों ने कंपनी के एडमिन पोर्टल का दुरुपयोग करते हुए 36 लाख रुपये अवैध रूप से ट्रांसफर कर लिए।  डीसीपी मध्य जिले के अनु जेनिथ लीजर हालिडेज लिमिटेड ने साइबर सेल थाने में वित्तीय साइबर धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई थी।

    वहीं, शिकायत में बताया गया कि 28 मई 2024 को कंपनी के डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से 36 लाख रुपये के अनधिकृत वालेट लेनदेन किए गए, जबकि कंपनी के आधिकारिक बैंक खाते में कोई राशि जमा नहीं की गई। वालेट क्रेडिट केवल खुदरा विक्रेताओं द्वारा बैंक जमा की पुष्टि के बाद ही दिए जाते हैं।

    इस मामले में आंतरिक एडमिन-स्तरीय एक्सेस का उपयोग करके सिस्टम को बायपास किया गया। शिकायत के आधार पर केस दर्ज कर जांच शुरू की गई। जांच में तकनीकी चुनौतियों को देखते हुए एसीपी ऑपरेशन सुरेश खुंगा और इंस्पेक्टर संदीप पंवार को जिम्मेदारी सौंपी गई।

    वहीं, जांच से पता चला कि शिकायतकर्ता कंपनी के बैंक खाते में कोई वैध जमा किए बिना कुल 36 लाख के तीन अनधिकृत लेनदेन किए गए। साइबर फुटप्रिंट के तकनीकी जांच से यह भी स्पष्ट हुआ कि धोखाधड़ी वाले लेनदेन कंपनी के पंजीकृत वितरक सौरभ जैन से जुड़े हैं।

    यह भी सामने आया कि रानी सिंह की रिटेलर आईडी, जिस पर 36 लाख रुपये जमा किए गए, वह सौरभ जैन के वितरक के तहत पंजीकृत है। जांच में एक गहरी आंतरिक सांठगांठ का पता चला। सौरभ जैन को गिरफ्तार करने पर उसने बताया कि कंपनी के पूर्व कर्मचारी संजय शर्मा और चंद्रकांत ने उसे ठगी के पैसे का एक बड़ा हिस्सा देने के बदले अपने नियंत्रण वाले वालेट में पैसे ट्रांसफर करवाने के लिए उकसाया था। इसके बाद संजय शर्मा और चंद्रकांत को भी गिरफ्तार किया गया।

    पूछताछ में दोनों ने बताया कि इस्तीफे के बाद बकाया वेतन का भुगतान न होने से वे नाराज थे। उन्होंने कंपनी के एडमिन पोर्टल तक अनधिकृत पहुंच प्राप्त कर ली थी। गिरफ्तार आरोपितों में सौरभ जैन, संजय शर्मा और चंद्रकांत शामिल हैं। पुलिस ने धोखाधड़ी में इस्तेमाल चार मोबाइल फोन भी बरामद किए हैं।