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    Delhi Metro ने विज्ञापन देने का अनोखा तरीका अपनाया, राजस्व में होगी बढ़ोतरी

    Updated: Sun, 31 Aug 2025 07:51 PM (IST)

    दिल्ली मेट्रो अब अपनी भूमिगत सुरंगों को विज्ञापन के लिए इस्तेमाल करेगी। येलो लाइन पर नई दिल्ली से मालवीय नगर के बीच 12 स्टेशनों के भूमिगत खंड में वीडियो विज्ञापन दिखाए जाएंगे। इससे डीएमआरसी को राजस्व बढ़ाने और यात्री सुविधाओं को बेहतर बनाए रखने में मदद मिलेगी। यह कदम कोविड काल में हुए नुकसान की भरपाई के लिए उठाया जा रहा है।

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    मेट्रो का भूमिगत हिस्सा बनेगा स्क्रीन, चलते-फिरते देख सकेंगे विज्ञापन। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। यात्री सुविधाओं को बनाए रखने, कोविड काल में हुए नुकसान और जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी के कर्ज की भरपाई के लिए डीएमआरसी लगातार आय के स्रोत बढ़ाने में जुटी है।

    किराए में बढ़ोतरी के साथ ही अब मेट्रो के अंदर ऑडियो विज्ञापन और भूमिगत हिस्से में वीडियो विज्ञापन चलाने की तैयारी है। मेट्रो का कुल नेटवर्क 395 किलोमीटर है, जिसमें से 106 किलोमीटर भूमिगत है। पहले चरण में येलो लाइन के भूमिगत हिस्से से इसकी शुरुआत के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है।

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    दरअसल, समयपुर बादली से मिलेनियम सिटी सेंटर तक 49 किलोमीटर लंबी येलो लाइन पर 37 स्टेशन हैं, जिनमें से 20 भूमिगत हैं। इसी लाइन पर सबसे ज्यादा यात्री सफर करते हैं। अंदर से देखने पर वीरान दिखने वाला सुरंग वाला हिस्सा अब तरह-तरह के वीडियो और विजुअल से गुलजार होगा। सुरंग की दीवारों पर लगे बड़े-बड़े डायनामिक डिस्प्ले पर विज्ञापन दिखाए जाएंगे।

    मेट्रो के सुरंग में प्रवेश करते ही विज्ञापन अपने आप चलने लगेंगे। निविदा के अनुसार, विज्ञापन येलो लाइन पर नई दिल्ली और मालवीय नगर मेट्रो स्टेशनों (अप और डाउन लाइन) के बीच भूमिगत खंड में प्रदर्शित किए जाएँगे, जिसमें 12 भूमिगत मेट्रो स्टेशन शामिल हैं।

    ये स्टेशन हैं

    नई दिल्ली, राजीव चौक, पटेल चौक, केंद्रीय सचिवालय, उद्योग भवन, लोक कल्याण मार्ग, जोर बाग, दिल्ली हाट-आईएनए, एम्स, ग्रीन पार्क, हौज़ खास और मालवीय नगर। येलो लाइन पर सफल संचालन के बाद, इसे अन्य लाइनों के भूमिगत हिस्से में भी शुरू किया जाएगा।

    सुविधाओं को बढ़ाने और रखरखाव में मदद मिलेगी

    - मेट्रो संचालन के साथ-साथ रखरखाव लागत का भी प्रबंधन करना होता है। जहाँ परिचालन लागत में मेट्रो संचालन की लागत के साथ-साथ कर्मचारियों का वेतन भी शामिल होता है, वहीं रखरखाव लागत में यात्री सुविधाओं और सफाई व्यवस्था को बनाए रखने की लागत भी शामिल होती है। मेट्रो की आय बढ़ने से मौजूदा सुविधाओं का बेहतर रखरखाव संभव होगा, वहीं नई सुविधाएँ भी शुरू की जा सकेंगी।

    मेट्रो के 71 स्टेशन भूमिगत

    डीएमआरसी का कुल नेटवर्क 395 किलोमीटर है, जिसमें से 106.14 किलोमीटर भूमिगत है। कुल 289 स्टेशनों में से 71 भूमिगत हैं। राजस्व बढ़ाने के लिए कई विकल्पों पर काम किया जा रहा है। भूमिगत सुरंग विज्ञापन पहल ब्रांडों को अपने लक्षित ग्राहकों से जुड़ने के लिए एक अनूठा मंच प्रदान करेगी, साथ ही डीएमआरसी के आय स्रोतों में भी वृद्धि करेगी।

    डीएमआरसी के आय विकल्प

    • टिकट और कार्ड बिक्री
    • स्टेशन परिसर में दुकानें और एटीएम
    • सह-ब्रांडिंग (ब्रांडों को स्टेशन के नाम से जोड़ना)
    • ट्रेन के अंदर विज्ञापन
    • ट्रेन के बाहर विज्ञापन प्रदर्शन
    • ट्रेन के अंदर ऑडियो विज्ञापन (वायलेट लाइन)

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