देश के अन्य हिस्सों में पहुंच रहा 'मेरे गांव की मिट्टी' जागरुकता अभियान, कीटनाशकों को लेकर किसानों को कर रहा जागरूक
मेरे गांव की मिट्टी अभियान किसानों को कीटनाशकों के दुष्प्रभावों से अवगत करा रहा है और फसल की गुणवत्ता के साथ-साथ आय में वृद्धि के तरीके बता रहा है। एमडीएच उन किसानों को अतिरिक्त मूल्य देगा जिनकी उपज विदेशी बाजार और देश के मानकों के अनुसार होगी। इस अभियान से किसानों को बेहतर दाम मिलेंगे और उपभोक्ताओं को स्वस्थ अन्न मिलेगा।

जेएनएन, नई दिल्ली। देश भर में किसानों को जागरूक करने के लिए चलाए जा रहे ‘मेरे गांव की मिट्टी’, टशुद्ध उगाओ, शुद्ध खिलाओ’ अभियान के एमडीएच परिवार के सुरेश राठी और उनकी टीम दिल्ली से नागौर (राजस्थान) पहुंची। यह टीम देश के किसानों को पेस्टीसाइड कीटनाशकों) से होने वाले दुष्परिणामों से अवगत कराने और फसल की गुणवत्ता के साथ-साथ आय में कैसे इजाफा करने के बारे में बता रही है।
इस दौरान सुरेश राठी ने देश भर के किसानों के लिए दो महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि एमडीएच उन किसानों को बाजार भाव से अतिरिक्त मूल्य देगा, जिनकी उपज विदेशी बाजार और देश के तय बाजार के मानकों के अनुसार होगी। इसके अलावा उनमें पेस्टीसाइड नहीं के बराबर पाया जाएगा।
सुरेश राठी ने बताया कि जीरा को सामान्य जीरा के मुकाबले 15 फीसदी और मेथी पत्ता पर 20 फीसदी तक बाजार भाव से अधिक मूल्य पर खरीद करेगा।
लोगों को मिले स्वस्थ अन्न
राजस्थान किसान आयोग के अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद सीआर चौधरी ने कहा जागरुकता अभियान को जन चेतना का अभियान बनाना है, जिससे देश का हर किसान जागरुक हो और आमजन को स्वस्थ अन्न मिले। नागौर जिलाधीश अरुण कुमार पुरोहित ने विश्वास दिलाया कि पेस्टीसाइड लैब टेस्ट के लिए प्रशासन हर संभव मदद के लिए तैयार है। अरुण कुमार ने बताया कि नागौर की कसूरी मेथी अपनी खुशबू, रंग और स्वाद के लिए दुनिया भर में जानी जाती है।
...तो फसल के मिलेंगे बेहतरीन दाम
आईसीएआर के डायरेक्टर डॉ. विनय भारद्वाज ने कहा ‘मेरे गांव की मिट्टी’ एक सराहनीय कदम है। अगर किसान कम पेस्टीसाइड के कृषि उत्पाद उगाएगा तो निश्चित तौर पर उसे फसल का बेहतरीन दाम भी मिलेगा और खेत की मिट्टी के तत्व भी बरकरार रहेंगे। जरूरत सिर्फ किसान के जागरुक होने की है और आईसीएआर इस नेक काम में साथ है।
मसाला कारोबार में हो सकती है बढ़त
भारत से वर्ष 2023-24 में मसालों का कुल निर्यात 4.46 अरब डॉलर का हुआ है। इससे पता चलता है कि अगर मसाला इंडस्ट्री और सरकार मिलकर किसानों को पेस्टीसाइड को लेकर शिक्षित करें तो 2030 तक भारतीय मसाला कारोबार 20 अरब डॉलर का हो सकता है। यानी 5 साल में 5 गुणा बढ़ोतरी।
राजस्थान में जीरा, लालमिर्च, धनिया, मेथी दाना, मेथी पत्ता की बेहतरीन फसल होती है। किसान भी चाहता है कि उसके उत्पाद विदेशी बाजारों में उचित कीमत पर बिके।
ये लोग रहे मौजूद
इस मौके पर नागौर के अतिरिक्त जिलाधिश, चम्पालाल जीनगर, आईसीएआर-एनआरसीएसएस अजमेर के डायरेक्टर डॉ विनय भारद्वाज, कृषि उपज मंडी के सचिव रघुनाथराम चौधरी, आईसीएआर - एनआरसीएसएस अजमेर से कृषि विज्ञान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ रविन्द्र सिंह जी, आईसीएआर - एनआरसीएसएस अजमेर से कीट विज्ञान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ कृष्ण कान्त गुप्ता, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जुगल किशोर सैनी और मार्केट टाइम्स से रुपा मैहता कार्यक्रम में उपस्थित रहे। गौरतलब है कि 5 दिसंबर को दिल्ली में केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने एमडीएच मेरे गांव की मिट्टी, जागरुकता अभियान की शुरुआत की थी।
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