Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पढ़िए आखिर कैसे यूपी के जुगेंद्र बने देश के लाखों युवाओं के लिए एक मिसाल

    By Mangal YadavEdited By:
    Updated: Sun, 02 Jan 2022 02:49 PM (IST)

    जुगेंद्र सिंह अच्छी पढ़ाई लिखाई कर अपना भविष्य संवारना चाहते थे और नौकरी पाकर अपने माता-पिता का नाम रोशन करना चाहते थे लेकिन किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया। बावजूद इसके वह निराश नहीं हुए बल्कि परिवार के पालन पोषण के लिए उन्होंने काम शुरु कर दिया।

    Hero Image
    बीए, बीएड की डिग्री लेकर भी जूस की ठेली लगााकर आत्मनिर्भर बने जुगेंद्र

     नई दिल्ली [रितु राणा]। कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता, बस हमारे उस काम को करने की ईच्छा शक्ति होनी चाहिए। इस बात का जीवंत उदाहरण प्रस्तुत करते हैं गौतमपुरी में रहने वाले जुगेंद्र सिंह। जो अच्छी पढ़ाई लिखाई कर अपना भविष्य संवारना चाहते थे और नौकरी पाकर अपने माता-पिता का नाम रोशन करना चाहते थे, लेकिन किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया। बावजूद इसके वह निराश नहीं हुए, बल्कि परिवार के पालन पोषण के लिए उन्होंने काम शुरु कर दिया। 32 वर्षीय जोगेंद्र बीए और बीएड की डिग्री लेकर भी आज जूस की ठेली लेकर घूम रहे हैं। वह सीलमपुर और ब्रह्मपुरी में ठेली लगाकर मौसमी का जूस बेचते हैं।जोगेंद्र ने बताया कि 2012 में बुलंदशहर से स्नातक की पढ़ाई करने के बाद वह नौकरी की तलाश में दिल्ली आए।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    काफी संघर्ष करने के बाद जब नहीं मिली नौकरी तो निराश न होते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिए आत्मनिर्भर भारत के नारे से प्रेरित होकर 2016 में अपना काम शुरू किया, ताकि परिवार का पालन पोषण कर सकें और घर का किराया निकाल सकें। इस बीच उन्होंने एमआइटी मेरठ पोहाली मेरठ रोड सरदना से बीएड की पढ़ाई भी की।

    बीएड में 72 फीसद अंक प्राप्त किए थे। इसके बाद कुछ वर्ष स्कूलों में शिक्षक नौकरी की तलाश की, लेकिन कहीं नौकरी नहीं मिल पाई। 2016 में ही शादी भी हो गई थी इसके बाद घर की जिम्मेदारियों को उठाने के लिए अपना काम शुरू करने का विचार बनाया, लेकिन उनके पास कोई बड़ा काम करने के लिए पैसे नहीं थे। उनके गांव के कुछ रिश्तेदार ब्रह्मपुरी में ही जूस की ठेली लगाते थे, तो उन्होंने उनके साथ ही काम शुरू किया और अब वह खुद दो जगह पर ठेली लगा रहे हैं।

    सुबह और दोपहर जूस की रेहड़ी लगाने के बाद शाम को पढ़ाते हैं ट्यूशनजोगेंद्र रोजाना सुबह सात बजे से नौ बजे तक सीलमपुर मार्केट और उसके बाद दोपहर एक बजे तक ब्रह्मपुरी रोड पर जूस की रेहड़ी लगाकर जूस बेचते हैं। इसके बाद गौतमपुरी स्थित अपने निवास स्थान पर शाम चार से पांच प्राथमिक कक्षाओं के पांच और साढ़े छह बजे से कक्षा आठवीं से लेकर 10वीं तक के सात छात्रों को गणित और अंग्रेजी विषय का ट्यूशन पढ़ाते हैं।