अगले सप्ताह से दिल्ली के अस्पतालों में दवा की कमी होगी दूर, सीपीए से होगी खरीदी; भ्रष्टाचार पर लगेगी रोक
दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में दवाओं की कमी हो रही है जिसका कारण सीधे खरीद पर रोक है। मरीजों को बाहर से दवाएं खरीदनी पड़ रही हैं। राहत की खबर है कि अगले सप्ताह से सेंट्रल प्रोक्योरमेंट एजेंसी (सीपीए) के माध्यम से दवाओं की खरीद शुरू हो जाएगी। स्वास्थ्य विभाग ने दवा खरीदी में पारदर्शिता लाने के लिए यह कदम उठाया है जिससे भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। सीधे तौर पर या जेम पोर्टल से दवा खरीदने पर रोक के बाद से राजधानी के सरकारी अस्पताल दवाओं की कमी से जूझ रहे हैं। लोक नायक से लेकर जीबी पंत अस्पताल तक के स्टोर खाली होने लगे हैं। मरीजों को जरूरी दवाएं बाहर से खरीदनी पड़ रही हैं।
जीबी पंत में 1057 दवाओं और सर्जिकल आइटम के स्टाक में से 495 समाप्त हो चुके हैं। कुछ ऐसा ही हाल राजधानी के अन्य सरकारी अस्पतालों का भी है। हालांकि अस्पताल और मरीजों के लिए राहत भरी खबर है। दवाओं की पूर्ति के लिए सेंट्रल प्रोक्योरमेंट एजेंसी (सीपीए) के जरिए अगले सप्ताह से दवा की खरीदी शुरू होगी।
दरअसल, स्वास्थ्य विभाग ने स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को बेहतर, प्रभावशाली और मरीज-केंद्रित बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है। दिल्ली के सभी सरकारी अस्पतालों से खरीदारी और सप्लाई चेन से जुड़े कार्यों को खत्म किया जा रहा है।
अब सेंट्रल प्रोक्योरमेंट एजेंसी के जरिए ही दवाएं या अन्य सामग्री मंगाई जा सकेगी। इस पहल की शुरुआत 1994 में तत्कालीन भाजपा सरकार में की गई थी। बाद की सरकारों ने अपने-अपने हिसाब से व्यवस्था बनाई।
मौलाना आजाद डेंटल कालेज में हाल ही में पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री डॉ. पंकज सिंह ने साफ किया कि दवा खरीदी के नाम पर चल रहे भ्रष्टाचार को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सीपीए के जरिए अस्पतालों के लिए एक समान, गुणवत्ता आधारित और पारदर्शी खरीद प्रक्रिया को सुनिश्चित किया जाएगा। इतनी बड़ा व्यवस्था बनाने में थोड़ा समय जरूर लग रहा है, पर अगले सप्ताह से इसका काम शुरू होने की उम्मीद है।
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