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    Delhi News: पढ़ाई के बाद आय का जरिया बनेंगे एमसीडी के स्कूल, सामुदायिक भवनों से भी राजस्व बढ़ाने की तैयारी

    Updated: Sun, 03 Aug 2025 07:46 AM (IST)

    दिल्ली में कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए एमसीडी अपने अनुपयोगी सामुदायिक भवनों और स्कूलों को कौशल विकास केंद्रों के रूप में विकसित करेगी। इन केंद्रों को एनजीओ और कौशल विकास संस्थानों को किराए पर दिया जाएगा जिससे निगम की आय बढ़ेगी और लोगों को प्रशिक्षण मिलेगा। स्थायी समिति की मंजूरी के बाद विभिन्न कौशल विकास योजनाओं के तहत प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।

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    दिल्ली नगर निगम का प्राथमिक स्कूल.। जागरण आर्काइव

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली कौशल विकास को बढ़ावा देने के साथ निगम की आय बढ़ाने के लिए एमसीडी अपने अनुपयोगी सामुदायिक भवनों के साथ निगम स्कूलों को स्कूल की कक्षाओं के बाद उपयोग किया जा सकेगा।

    इसके लिए सामुदायिक भवनों और निगम स्कूलों को स्वयंसेवी संगठनों (एनजीओ) और कौशल विकास की संस्थाओं को समझौते के साथ किराये पर दिया जाएगा। इससे निगम को आय तो होगी ही साथ ही लोगों को घर के पास कौशल विकास केंद्र की सुविधा भी मिलेगी।

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    इसमें प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के साथ ही क्राफ्टमैन ट्रेनिंग स्कीम, वोकेशनल ट्रेनिंग प्रोग्राम फोर वूमेन और संकल्प योजना के तहत कार्य करने वाली संस्थाओं को यह स्थान उपलब्ध कराए जा सकेंगे।

    इसके लिए एमसीडी के समुदायिक सेवा विभाग के साथ ही शिक्षा विभाग ने प्रस्ताव तैयार किया है। इसमें सामुदायिक भवनों और स्कूलों को कौशल विकास केंद्र के तौर पर उपयोग पर स्वयं सेवी संठनों और संस्थाओं को देनी की बात है।

    कितने सामुदायिक हॉल हैं?

    अगामी आठ अगस्त होने वाली स्थायी समिति की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए रखा जाएगा। प्रस्ताव के अनुसार 299 सामुदायिक हॉल है इसमें 122 केंद्र अनुपयोगी हैं।

    इसी तरह निगम के 1185 स्कूल की इमारते हैं। जिन इमारतों में पहली पारी के स्कूल के बाद स्कूल नहीं लगता है वहां दोपहर 3 बजे से रात आठ बजे तक यह स्कूल और सामुदायिक भवन किराये पर दिए जाएंगे। हालांकि इसमें बिजली पानी का खर्चा कितना लिया जाएगा यह भी निगमायुक्त द्वारा तय किया जाएगा।

    स्कूलों और सामुदायिक भवनों को शुरुआती तौर पर एक-एक वर्ष के लिए देने की योजना है। इसके बाद इसका विस्तार दोनों विभागों में बनी अलग-अलग समितियों की रिपोर्ट के आधार पर दिया जाएगा।

    समुदायिक भवनों को स्वयंसेवी संस्थाओं को देने के लिए निगम ने हर जोन निगम उपायुक्त के साथ ही निदेशक सामुदायिक सेवा विभाग और सहायक निदेशक समुदायिक सेवा विभाग सदस्यों वाली कमेटी बनाने का प्रस्ताव किया है। जबकि स्कूलों को कौशल विकास केंद्र को उपयोग में देने के लिए शिक्षा विभाग की कमेटी में शिक्षा निदेशक, संबंधित जोन के निगम उपायुक्त और उप निदेशक संबंधित जोन के सदस्य होंगे।

    यह समिति संस्थाओं के कार्य के आधार पर उनके कार्य का विस्तार करेगी। हालांकि निगम के पास यह अधिकार होगा कि की कोई भी अनिमियतता पाई जाती है तो निगम स्वयं सेवी संस्थाओं के साथ किए गए अनुबंध को कभी भी खत्म कर सकता है।

    वहीं, समुदायिक भवन में मंजूरी देने के साथ यह शर्त भी होगी कि वहां पर अगर, कोई सामाजिक कार्यक्रम की बुकिंग आती है तो उसकी बुकिंग के लिए संस्था को हॉल उस दिन खाली व साफ उपलब्ध कराना होगा।