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    MCD के पार्कों में दौर रहा मौत का 'करंट', प्रशासन बेखबर

    By rais rais Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Sun, 25 May 2025 10:21 PM (IST)

    दक्षिणी दिल्ली के कालकाजी में एक पार्क में करंट लगने से बच्चे की मौत के बाद भी एमसीडी की लापरवाही जारी है। पार्कों में नंगे तार खुलेआम घूम रहे हैं जिस ...और पढ़ें

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    करंट लगने से बच्चे की मौत के बाद भी एमसीडी की लापरवाही जारी है। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। कालकाजी थाना क्षेत्र के महर्षि दयानंद पार्क में करंट लगने से नौ वर्षीय बच्चे की मौत के बाद भी विभाग पर कोई असर नहीं दिख रहा है। जिस पार्क में घटना हुई, वहां पिछले एक माह से स्ट्रीट लाइट के खंभे का तार कटा हुआ है। इस खतरनाक हिस्से की ऊंचाई करीब ढाई फीट है। यानी कोई भी बच्चा खेलते समय इसे छू सकता है।

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    आरडब्ल्यूए की शिकायत के बाद भी अभी तक इसकी मरम्मत नहीं कराई गई है। आसपास के एमसीडी पार्कों का भी यही हाल है। हादसे के मद्देनजर जागरण टीम ने रविवार को आसपास के पार्कों में खंभों की स्थिति की पड़ताल की तो इसमें चौंकाने वाले दृश्य देखने को मिले। एमसीडी के अधिकतर पार्कों में नंगे तार खंभों को छू रहे हैं। बारिश होने पर करंट खंभे के साथ-साथ जमीन में भी उतर सकता है और कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।

    महर्षि दयानंद पार्क

    कालकाजी डीडीए फ्लैट्स एल-वन ब्लॉक स्थित इसी पार्क में 24 मई की शाम करंट लगने की घटना हुई थी। इस छोटे से पार्क में एक तरफ बैडमिंटन कोर्ट है तो दूसरी तरफ झूले हैं। इसके पीछे बीएसईएस का बॉक्स लगा है। ढाई फीट की दूरी पर स्ट्रीट लाइट का खंभा है।

    खंभे के बेस पर लगे तार कटे हुए हैं। गेट के बगल और शेड के पास लगे खंभे का भी यही हाल है। सुबह-शाम बच्चे वहां खेलते हैं। सुरक्षा के मद्देनजर आरडब्ल्यूए ने कई बार एमसीडी और बीएसईएस से शिकायत की। हद तो यह है कि हादसे के बाद भी इसकी मरम्मत नहीं कराई गई।

    बुद्ध वाटिका

    यह पार्क भी एल-1 ब्लॉक में है। इसके रखरखाव पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता। झूले टूट चुके हैं। कूड़े का ढेर लगा है। गेट के पास स्ट्रीट लाइट लगी है। रहवासियों के मुताबिक, यह भी ठीक से काम नहीं करती। खंभे के नीचे तीन-चार फटे तार बेतरतीब ढंग से लगे हुए हैं।

    नंगे तार खुले हैं और लोहे के खंभे को छू रहे हैं। रखरखाव ठीक न होने के कारण यहां बच्चे कम ही आते हैं। ज्यादातर समय यहां सन्नाटा रहता है। ऐसे में अगर कोई बच्चा यहां आ जाए तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।

    संतोषी माता मंदिर पार्क

    मंदिर के सामने इस पार्क के आसपास बाजार है। यहां बैडमिंटन कोर्ट और बच्चों के लिए झूले लगे हैं। दोपहर में कई किशोर बैडमिंटन खेल रहे थे।

    गेट से पार्क में घुसते ही हमारी नजर स्ट्रीट लाइट के खंभे पर पड़ी। बेस पर तार में कई जोड़ थे, जिन्हें टेप से चिपकाया गया था। लेकिन कई जोड़ खुले थे। आस-पास खेल रहे किशोर इस बात से अनजान अपने काम में व्यस्त थे।