Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पांच घंटे चली एमसीडी सदन की बैठक, फंड की कमी पर हुई चर्चा; पहली बार निर्वाचित पार्षदों को मिला बोलने का मौका

    Updated: Sat, 27 Sep 2025 07:03 AM (IST)

    नई दिल्ली में एमसीडी सदन की बैठक शुक्रवार को साढ़े पांच घंटे तक चली जिसमें पहली बार निर्वाचित पार्षदों को बोलने का मौका मिला। महापौर ने सदन को सुचारू रूप से चलाने के लिए बायोसीएनजी प्लांट के उद्घाटन में शामिल न होने का फैसला किया। सदन में डेंगू-मलेरिया के मामलों पर चर्चा हुई और संपत्ति कर योजना की समय-सीमा 31 दिसंबर तक बढ़ाई गई।

    Hero Image
    पुलआउट लीड:पांच घंटे चली एमसीडी सदन की बैठक, सफाई और फंड की कमी पर हुई चर्चा

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। कभी माइक की तोड-फोड़ तो कभी बोतल फेंक के एक दूसरे को मारने जैसी घटनाओं से एमसीडी की सदन की बैठक अक्सर चर्चाओ में रही है लेकिन शुक्रवार को पहला मौका था साढ़े पांच घंटे बैठक में पार्षदों ने अपने-अपने मुद्दे रखें।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इतना लंबे समय तक सदन की कार्रवाई चलने से कई पार्षद तो ऐसे थे जो पहली बार निर्वाचित होकर आए और पहली बार ही सदन में बोल पाए। नहीं, तो ढाई साल तक तत्कालीन आप सरकार में शैली ओबेराय और महेश कुमार के महापौर रहते हुए सदन की कार्रवाई नहीं चल पाई थी। बैठक में अक्सर शोरगुल के बीच ही एजेंडा पास होता था।

    खास बात यह रही कि सदन की बैठक तब साढ़े पांच घंटे संचालित हुई जबकि महापौर को नरेला में बने बायोसीएनजी प्लांट के उद्धाटन में शामिल होना था लेकिन महापौर राजा इकबाल सिंह ने सदन चलाने के लिए उद्धाटन कार्यक्रम में न जाकर सदन की कार्रवाई को सुचारु चलाया।

    दरअसल, पूर्व में एमसीडी सदन की बैठक दोपहर दो बजे रखी गई थी लेकिन बाद में इसका समय सुबह 11 बजे कर दिया गया। बैठक का समय बदलने पर विपक्ष सदन में बार-बार यह दावा कर रहा था कि सदन की बैठक कुछ ही देर में खत्म हो जाएगी क्योंकि महापौर को नरेला में निगम के द्वारा होने वाले बायोसीएनजी प्लांट के उद्धाटन में जाना है।

    महापौर राजा इकबाल सिंह सदन में विपक्ष के ही दावे को तुरंत ही खारिज करते हुए कहा कि वह रात आठ बजे तक सदन की बैठक चलाने के लिए यही रहेंगे। इसके बाद सत्तापक्ष से लेकर विपक्ष के पार्षदों ने बारी-बारी से अपने अपने वार्ड के सफाई, पार्कों की खराब हालत, सड़कों की खराब स्थिति और फंड की कमी के मुद्दों को रखा। कई पार्षदों ने सदन में स्वयं यह बात कही कि ढाई साल में पहली बार निर्वाचित होने के बाद सदन में बोल पा रहे हैं।

    वहीं, महापौर ने भी सदन में हंगामा न हो इसके लिए सत्तापक्ष के पार्षदों को भी विपक्ष के पार्षदों पर कटाक्ष करने पर रोका और कई भाजपा के पार्षदों को डांटकर भी सदन में शांत रहने के लिए कहा। सदन की बैठक में नेता सदन प्रवेश वाही ने जीएसटी की दरे घटाने को लेकर केंद्र की मोदी सरकार के लिए धन्यवाद प्रस्ताव भी पारित किया।

    उल्लेखनीय है कि अप्रैल 2025 तक 30 से अधिक निगम की बैठकें हंगामे के कारण नहीं चल पाई थी। जबकि एक बैठक पर निगम पांच लाख रुपये तक की राशि खर्च होती है।

    डेंगू मलेरिया पर आमने-सामने पक्ष विपक्ष

    एमसीडी की सदन की बैठक में मलेरिया और चिकनगुनिया के मामले ज्यादा होने की वजह से नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग अपने पार्षदों के साथ मच्छरदानी लेकर पहुंचे थे। सदन की बैठक शुरू होते ही आप पार्षदों ने मच्छरदानी ओढ़कर मच्छरजनित बीमारियों से बचाने को लेकर प्रतिकात्मक तौर पर प्रदर्शन किया। हालांकि महापौर पार्षदों को शांत कराया। शोक प्रस्तावों के बाद मच्छरजनित बीमारियों को लेकर चर्चा हुई।

    नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने कहा कि डेंगू मलेरिया की निगम की रिपोर्ट के अनुसार मलेरिया और चिकनगुनिया के मामले ज्यादा आ रही है। वहीं, भाजपा पार्षद योगेश वर्मा ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने डेंगू की रिपोर्ट सार्वजनिक करनी शुरू कर दी है लेकिन आप सरकार ने तो ढाई साल में रिपोर्ट ही नहीं जारी की थी।

    अब 31 दिसंबर तक उठाए सुनियो योजना का लाभ

    एमसीडी सदन में संपत्तिकर में ब्याज और जुर्माना माफ करने वाली संपत्तिकर निपटान योजना की समय-सीमा 31 दिसंबर तक बढ़ा दी है।सदन में इससे संबंधित प्रस्ताव पारित कर दिया है। निगम के अनुसार यह योजना पहले 31 सितंबर तक थी। लोगों की सुविधा के लिए इस योजना का तीन माह के लिए विस्तार किया गया है।

    महापौर राजा इकबाल सिंह ने बताया कि सुनियो योजना के अंतर्गत, वित्त वर्ष 2020-21 से पूर्व लंबित बकाया संपत्ति कर सहित ब्याज और जुर्माना पूरी तरह माफ कर दिया जाएगा। यदि करदाता वर्तमान वित्त वर्ष 2025-26 तथा पिछले पाँच वित्त वर्षों (2020-21 से 2024-25 तक) के मूल संपत्ति कर का बिना ब्याज और जुर्माने के भुगतान करते हैं।