Delhi News: सीबीआई कोर्ट ने घूसकांड में आरोपी एमसीडी क्लर्क को दी जमानत, जानिए क्या है पूरा मामला?
दिल्ली में सीबीआई कोर्ट ने रिश्वतखोरी के मामले में एमसीडी क्लर्क अरुण कुमार को जमानत दे दी है। अरुण कुमार पर तिमारपुर में सील की गई दुकानों को खुलवाने के लिए रिश्वत मांगने का आरोप है। सीबीआई ने शिकायत मिलने पर कार्रवाई करते हुए अरुण कुमार और दो अन्य को रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। अदालत ने 50 हजार के मुचलके पर जमानत दी है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राउज एवेन्यू स्थित विशेष न्यायाधीश की अदालत ने रिश्वतखोरी के मामले में गिरफ्तार किए गए दिल्ली नगर निगम के जूनियर सचिवालय सहायक (जेएसए) अरुण कुमार को नियमित जमानत दे दी है। अदालत ने आरोपित अरुण कुमार को 50 हजार रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की एक जमानती पर जमानत दे दी।
अदालत ने माना कि जांच में आवश्यक साक्ष्य एकत्र किए जा चुके हैं, आरोपी का फरार होने या साक्ष्य से छेड़छाड़ करने की आशंका कम है। अभियोजन पक्ष के अनुसार, अरुण कुमार समेत अन्य सह-आरोपितों पर शिकायतकर्ता से 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगने और वसूली करने का आरोप है।
शिकायतकर्ता की दुकानें तिमारपुर ट्रक पार्किंग क्षेत्र में स्थित थीं, जिन्हें नगर निगम ने सील कर दिया था। इन दुकानों को फिर से चालू करवाने के लिए रिश्वत मांगी गई थी। सीबीआई ने इस शिकायत की पुष्टि के बाद 20 जून को ट्रैप कर के कार्रवाई की, जिसमें अरुण कुमार, एमसीडी अधिकारी योगेश कुमार और एक निजी व्यक्ति रवि कुमार को रंगे हाथों पकड़ा गया।
रवि कुमार के पास से 40 हजार रुपये की रिश्वत की रकम बरामद हुई। अरुण कुमार के अधिवक्ता ने दलील दी कि उनके मुवक्किल का नाम प्राथमिकी में नहीं है और उनके खिलाफ कोई प्रत्यक्ष सुबूत नहीं मिला। अधिवक्ता ने यह भी दलील दी कि वह तिमारपुर वार्ड के प्रभारी नहीं थे, जहां शिकायतकर्ता की दुकानें स्थित हैं।
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