एनएसयूटी और डीटीयू में पढ़ने वाले छात्रों के लिए खुशखबरी, दोनों जगह जल्द शुरू होगी एमबीबीएस कोर्स की पढ़ाई
परियोजना का प्रारूप अमेरिका स्थित हार्वर्ड विश्वविद्यालय मैरीलैंड स्थित जान्स हापकिन्स विश्वविद्यालय इंग्लैंड स्थित आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय इंपीरियल क ...और पढ़ें

नई दिल्ली [मनीषा गर्ग]। नेताजी सुभाष प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एनएसयूटी) और दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (डीटीयू) में मेडिकल कालेज की कवायद एक बार फिर तेज हो गई है। उम्मीद है यहां अगले वर्ष दोनों ही विश्वविद्यालयों में एमबीबीएस कोर्स की पढ़ाई शुरू हो जाएगी। 31 मई को विश्वविद्यालय के बोर्ड आफ मैनेजमेंट की बैठक में इस परियोजना की फाइल को मंजूर करवाकर सचिवालय को भेज दिया जाएगा। बता दें, 2020 में तैयार हुई इस परियोजना के तहत विश्वविद्यालय ने 2022 तक मेडिकल कालेज शुरू करने का आश्वासन दिया था।
स्वास्थ्य और इंजीनियरिंग क्षेत्र का साथ आना जरूरी: असल में स्वास्थ्य के क्षेत्र में लगातार हो रहे विस्तार के साथ विज्ञान व तकनीक का समावेश भी बढ़ता जा रहा है। इतना कुछ होने के बावजूद अभी तक हमारे देश में स्वास्थ्य व इंजीनियरिंग दोनों की पढ़ाई को अलग-अलग देखा जाता है। विदेश के कई प्रख्यात विश्वविद्यालयों की बात करें तो वहां विज्ञान व स्वास्थ्य के क्षेत्र की जुगलबंदी पर आधारित कई पाठ्यक्रम देखने को मिलते हैं।
उसी के आधार पर एनएसयूटी व डीटीयू ने भी अपने यहां मेडिकल कालेज शुरू करने के लिए 2020 में परियोजना तैयार की थी। इसमें मेडिकल की पढ़ाई के साथ-साथ इंजीनियरिंग की पढ़ाई को भी शामिल किया जाएगा। इस परियोजना का प्रारूप अमेरिका स्थित हार्वर्ड विश्वविद्यालय, मैरीलैंड स्थित जान्स हापकिन्स विश्वविद्यालय, इंग्लैंड स्थित आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय, इंपीरियल कालेज आफ लंदन, किंग्स कालेज आफ लंदन व न्यू हेवेन स्थित येल विश्वविद्यालय का अध्ययन करने के बाद तैयार किया गया है।
यह है परियोजना: यदि दिल्ली सरकार परियोजना को मंजूरी देती है तो एनएसयूटी का मेडिकल कालेज द्वारका सेक्टर-10 में इंदिरा गांधी अतिविशिष्ट अस्पताल और डीटीयू पीतमपुरा स्थित भगवान महावीर अस्पताल से संबद्ध होगा। नेशनल मेडिकल कमिशन के दिशानिर्देशानुसार मेडिकल कालेज व संबद्ध अस्पताल के बीच की दूरी केवल 10 किलोमीटर या 30 मिनट की होनी चाहिए। एनएसयूटी व इंदिरा गांधी अतिविशिष्ट अस्पताल के बीच केवल साढ़े तीन किलोमीटर है, जबकि डीटीयू व भगवान महावीर अस्पताल के बीच 10 किलोमीटर का फासला है।
जानकारी के मुताबिक फिलहाल दोनों विश्वविद्यालय ने एमबीबीएस, दंत चिकित्सा व नर्सिग विज्ञान में स्नातक कोर्स और कुछ स्किल डेवलपमेंट कोर्स को शुरू करने का प्रस्ताव तैयार किया है। प्रत्येक कोर्स में 150-150 सीट निर्धारित की गई है। यदि परियोजना सफल रही तो भविष्य में यहां स्नातक, स्नातकोत्तर और डिप्लोमा डिग्री युक्त 44 कोर्स शुरू करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। साथ ही हर साल एमबीबीएस कोर्स भी सीटों का इजाफा किया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक विद्यार्थी दाखिला प्राप्त कर सकें। जहां तक आधारभूत ढांचे की बात है तो एनएसयूटी प्रशासन का कहना है कि इंदिरा गांधी अतिविशिष्ट अस्पताल के पीछे 15 एकड़ जमीन है, जो मेडिकल कालेज के लिए प्रस्तावित है।
यदि दिल्ली सरकार जमीन विश्वविद्यालय को आवंटित करती है तो वहां मेडिकल कालेज का निर्माण किया जाएगा। यदि ऐसा नहीं होता है तो विश्वविद्यालय परिसर में ही मेडिकल की पढ़ाई करवाई जाएगी। विश्वविद्यालय में पहले से बायोलाजिकल साइंसेस एंड इंजीनियरिंग स्नातक व स्नातकोत्तर कोर्स है।
- पूरी उम्मीद है अगले सत्र से एमबीबीएस की पढ़ाई दोनों विश्वविद्यालयों में शुरू हो जाएगी। राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा (नीट) के माध्यम से मेडिकल कालेज में दाखिला होगा। दिल्ली में ये अपनी तरह का विशेष मेडिकल कालेज होगा और युवा पीढ़ी स्वास्थ्य जगत से जुड़ी भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार होगी। साथ ही इससे मेडिकल टूरिज्म को काफी बढ़ावा मिलेगा। प्रो. जयप्रकाश सैनी, कुलपति, एनएसयूटी व कार्यवाहक कुलपति डीटीयू

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