मौत का दूसरा नाम माया...दिल्ली का कुख्यात अपराधी गिरफ्तार, शूटआउट एट लोखंडवाला फिल्म देख बनाई गैंग
शूटआउट एट लोखंडवाला से प्रेरित सागर उर्फ माया भाई को दिल्ली पुलिस ने मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया। उसके पैर में गोली लगी है और उसके पास से हथियार बरामद हुए हैं। सागर ने माया गैंग बनाया था और लूटपाट जैसे कई अपराधों में शामिल था। वह सोशल मीडिया पर हथियारों के साथ तस्वीरें डालता था और इलाके में दबदबा बनाना चाहता था।

जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। शूटआउट एट लोखंडवाला फिल्म से प्रेरित होकर गैंगस्टर बने सागर उर्फ माया भाई को दक्षिण-पूर्वी जिला पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने सोमवार रात सरिता विहार फ्लाइओवर के पास मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया है।
उसके दाहिने पैर में गोली लगी है। पुलिस ने आरोपी के कब्जे से एक सेमी ऑटोमैटिक पिस्टल और दो कारतूस के अलावा चोरी की स्कूटी बरामद की है।
आरोपित सागर ने 'माया गैंग' के नाम से अपना गैंग बनाया था और गैंग के सदस्यों ने अपने हाथ पर टैटू से मौत शब्द गुदवा रखा था। सागर के खिलाफ लूटपाट, डकैती, हत्या के प्रयास, आर्म्स एक्ट के 20 मामले दर्ज हैं।
डीसीपी हेमंत तिवारी ने बताया कि अमर कॉलोनी निवासी 23 वर्षीय सागर उर्फ माया अमर कॉलोनी थाने का घोषित बदमाश है। गत 20 सितंबर को आरोपित ने अपने तीन साथियों के साथ लूटपाट की वारदात को अंजाम दिया था और विरोध करने पर दो राज्यस्तरीय खिलाड़ियों सहित तीन लोगों पर चाकू से हमला कर उन्हें घायल कर दिया था।
पुलिस आरोपित की इस मामले में तलाश कर रही थी। सोमवार रात करीब 11:45 बजे एसटीएफ टीम को सूचना मिली कि 'माया गैंग' का सरगना कालिंदी कुंज के रास्ते से आने वाला है। सूचना के आधार पर एसटीएफ प्रभारी इंस्पेक्टर शिव कुमार की टीम ने सरिता विहार लूप के पास नाकाबंदी की।
इस दौरान पुलिस ने कालिंदी कुंज की तरफ से आ रहे स्कूटी सवार सागर को रोकने का प्रयास किया तो उसने पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस की चलाई गोली उसके दाहिने पैर में लगी। उसे सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया।
इंटरनेट मीडिया पर डालता था हथियारों के साथ फोटो
पुलिस ने बताया कि सागर मुंबई में अंडरवर्ल्ड पर बनी फिल्म शूटआउट एट लोखंडवाला के किरदार 'माया' से प्रेरित है। उसने माया के नाम से ही अपना माया गैंग बनाया था। माया गैंग का लोगो 'माया, मौत का दूसरा नाम' है और उसके गैंग के सदस्यों ने 'मौत' शब्द का टैटू अपने हाथ पर गुदवाया हुआ है।
पुलिस के अनुसार उसने 23 साल की उम्र में ही इलाके के दूसरे अपराधियों से भी प्रोटेक्शन मनी के नाम पर वसूली शुरू कर दी थी। इलाके में दबदबा बनाने के लिए माया इंटरनेट मीडिया पर पिस्तौल और चाकुओं के साथ अपनी फोटो अपलोड करता रहता था।

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