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सीलिंग के खिलाफ 48 घंटे तक सील हुई दिल्‍ली, 7 लाख से अधिक दुकानों पर लटके ताले

दिल्ली में सीलिंग के मद्देनजर एक समान एफएआर की व्यवस्था भी लागू की जा सकती है।

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 02 Feb 2018 07:35 AM (IST)Updated: Fri, 02 Feb 2018 04:56 PM (IST)
सीलिंग के खिलाफ 48 घंटे तक सील हुई दिल्‍ली, 7 लाख से अधिक दुकानों पर लटके ताले

नई दिल्ली (जेएनएन)। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में चल रही सीलिंग के विरोध में शुक्रवार को दिल्ली के बाजार बंद हैं। जानकारी के मुताबिक, सीलिंग के विरोध में दिल्ली में सात लाख से अधिक दुकानें बंद हैं। वैसे, अलग-अलग कारोबारी संगठनों ने दो और तीनों दिनों के बंद की घोषणा की है, लेकिन कई बाजारों ने सांकेतिक विरोध दर्ज कराते हुए एक ही दिन शुक्रवार को बाजार बंद का ऐलान किया है। वहीं, उपराज्यपाल अनिल बैजल अधिकारियों की शुक्रवार को अहम बैठक ले रहे हैं, इसमें सीलिंग को लेकर कोई रास्ता निकल सकता है।  

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48 घंटे बंद के एलान के मद्देनजर शुक्रवार सुबह से ही ज्यादातर इलाकों में सीलिंग के विरोध में दुकानें बंद नजर आईं। व्यापारी वर्ग जगह-जगह प्रदर्शन भी कर रहे हैं।

आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बाद अब भाजपा ने भी इस बंद को समर्थन दिया है। इस बंद में 7 लाख से ज़्यादा कारोबारी प्रतिष्ठान ठप हैं और पूरी दिल्ली के लगभग 2500 बाज़ारों में कोई कारोबार नहीं होगा। कारोबारियों ने चेतावनी दी है कि अगर सीलिंग का तत्काल कोई हल नहीं निकाला गया तो वे बेमियादी बंद पर विचार करेंगे।

वहीं, कन्फेडेरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के नेता प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि दिल्ली बंद के तहत अगले 48 घंटे तक तकरीबन 25000 मार्केट बंद रहेंगीं। उन्होंने कहा कि सीलिंग के चलते व्यापारियों-कारोबारियों का बहुत नुकसान हो रहा है। 

कंफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने सीलिंग के विरोध में शुक्रवार और शनिवार (48 घंटे) बाजार बंद की घोषणा की है।

सीलिंग मुद्दे पर व्यापारियों के साथ खड़ी आम आदमी पार्टी के विधायक सोमनाथ भारती ने भारतीय जनता पार्टी को घेरा है। उन्होंने कहा कि भाजपा की जिम्मेदारी है कि वह मास्टर प्लान 2021 की कमियों को दूर कराए और इसका अधिकार केंद्र सरकार के पास है। सीलिंग से बचाव सिर्फ भाजपा ही कर सकती है।  

वहीं, एक अन्य कारोबारी संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआइ) ने एक कदम आगे बढ़ते हुए रविवार को भी यानी लगातार 72 घंटे दिल्ली बंद का ऐलान किया है। हालांकि, बंद से कारोबार पर दोहरी मार पड़ने के चलते कई बाजारों ने अलग रास्ता अख्तियार करने का फैसला लिया है।

चांदनी चौक सर्व व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजय भार्गव ने कहा कि चांदनी चौक के व्यापारियों की बैठक में एक राय से शुक्रवार (24 घटे) बाजार बंद का फैसला लिया गया है।

दुकानदार दुकानें बंद रखकर सीलिंग के खिलाफ विरोध दर्ज कराएंगे। वहीं, नई दिल्ली ट्रेडर्स एसोसिएशन के सचिव विक्रम बधवार ने कहा कि अभी तक शुक्रवार को कनॉट प्लेस की दुकानें बंद करने का फैसला लिया गया है। आगे बंद में शामिल होने को लेकर फैसला शुक्रवार शाम कनॉट प्लेस के दुकानदारों की बैठक में लिया जाएगा। गांधी नगर जैसे बाजारों के कारोबारी संगठनों ने दो दिनों तक बाजार बंद में शामिल होने की घोषणा की है।

इस बीच कैट ने बयान जारी कर दावा किया कि शुक्रवार से दो दिनों तक दिल्ली के करीब 2500 बाजार बंद रहेंगे, जबकि 100 स्थानों पर व्यापारी विरोध प्रदर्शन करेंगे। वहीं सीटीआइ के संयोजक बृजेश गोयल और हेमंत गुप्ता ने कहा कि 2 से 4 फरवरी तक दिल्ली की 8 लाख दुकानें और 1.5 लाख फैक्ट्रिया पूरी तरह से बंद रहेंगी। इस बंद को 750 कारोबारी संगठन और 20 से अधिक औद्योगिक क्षेत्र ने समर्थन किया है।


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