'सफलता का कोई तयशुदा पैमाना नहीं...' अभिनेत्री मानुषी छिल्लर ने अपने संघर्ष के अनुभव किए साझा
अभिनेत्री मानुषी छिल्लर ने अपने जीवन के अनुभव साझा करते हुए कहा कि फिल्म इंडस्ट्री में आने से पहले आत्मविश्वास और धैर्य जरूरी है। उन्होंने बताया कि माता-पिता का भरोसा उनके करियर का अहम हिस्सा रहा। मानुषी ने फिल्मी सफर और सामाजिक कार्यों के बारे में भी बात की साथ ही महिला कलाकारों के लिए इंडस्ट्री में आए बदलावों पर प्रकाश डाला।

रीतिका मिश्रा, नई दिल्ली। सफलता का कोई तयशुदा पैमाना नहीं होता, बल्कि यह हर दिन खुद को बेहतर बनाने की प्रक्रिया है।
अगर मैं जीवन के हर पहलू में, अपने रिश्तों में, पेशेवर जीवन में, आध्यात्मिक विकास में और व्यक्तिगत स्वास्थ्य में कल से थोड़ी बेहतर हूं, तो मैं खुद को सफल मानती हूं।
मिस वर्ल्ड रह चुकी अभिनेत्री मानुषी छिल्लर ने संवादी कार्यक्रम के अंतिम दिन मानुषी की दुनिया विषय पर अपने जीवन, संघर्ष और सफलता के अनुभवों को साझा किया।
उन्होंने कहा कि मेरे माता-पिता हमेशा अपने सपनों के पीछे जाने की आजादी देते हैं। मेरे लिए उनका भरोसा मेरे करियर का एक अनमोल हिस्सा बना।
उन्होंने बताया कि उनकी सफलता का सफर बेहद कठिनाइयों से भरा रहा, मिस वर्ल्ड बनने के बाद फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखना उनके लिए इतना आसान नहीं था, जितना लोगों को लगता है।
फिल्म इंडस्ट्री में आने से पहले खुद पर भरोसा, आत्म-विश्वास और धैर्य रखना सीखा। सफलता केवल बड़े टाइटल या फिल्मी पहचान से नहीं आती, बल्कि यह हर रोज खुद में छोटे-छोटे सुधार करने की निरंतर कोशिश है।
उन्होंने कहा कि मेरे लिए बाहरी मान्यता की तलाश छोड़, अपने आत्म-संतोष पर ध्यान देना सबसे बड़ा सबक रहा।
मानुषी ने अपने फिल्मी सफर के अनुभव को भी विस्तार से साझा किया। उन्होंने बताया कि कैसे बड़े मियां-छोटे मियां, तेहरान, सम्राट पृथ्वीराज जैसी बड़ी फिल्मों में उन्होंने कठिन एक्शन सीन किए।
सम्राट पृथ्वीराज फिल्म में अभिनेता अक्षय कुमार के साथ घुड़सवारी के सीन को लेकर भी उन्होंने दिलचस्प किस्सा साझा किया। बताया कि किस तरह से उन्होंने घुड़सवारी सीखी।
उन्होंने कहा कि एक कलाकार के तौर पर अपने आपको शारीरिक तौर पर भी लगातार ध्यान देना जरूरी होता है। उन्होंने कहा कि बंदूक चलाने से लेकर एमएमए (मिक्स मार्शल आर्ट्स) प्रशिक्षण और एक्शन कोरियोग्राफी तक सब कुछ सीखा, ताकि हर सीन में परफार्मेंस बेहतरीन हो।
उन्होंने यह भी बताया कि अक्षय कुमार और टाइगर श्राफ जैसे एक्शन कलाकार के साथ काम करने से उन्हें अनुशासन, मेहनत और समर्पण का असली महत्व समझ आया।
उन्होंने कहा कि सिनेमा केवल मनोरंजन का माध्यम नहीं, बल्कि यह समाज में जागरूकता फैलाने का शक्तिशाली जरिया भी हो सकता है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने अपने सामाजिक प्रोजेक्ट शक्ति के बारे में बताया, जिसे उन्होंने मासिक धर्म स्वच्छता पर जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू किया।
मानुषी छिल्लर ने यह भी कहा कि फिल्म इंडस्ट्री में महिला कलाकारों के लिए अब बहुत ज्यादा बदलाव आ चुके हैं। पहले जहां सेट पर सुविधाओं की कमी होती थी, अब वहां प्रोफेशनल वैनिटी वैन और चेंजिंग रूम्स उपलब्ध होते हैं।
उन्होंने कहा कि आज का समय फिल्म इंडस्ट्री के लिए बेहतर है। अब हर कलाकार को प्रोफेशनल अप्रोच अपनानी होगी। केवल सुंदर दिखने से काम नहीं चलेगा, मेहनत और पेशेवर होना जरूरी है।
मानुषी ने युवाओं से कहा कि करियर और व्यक्तिगत जीवन के बीच संतुलन बनाए रखें। उन्होंने इस दौरान ये भी बताया कि उन्होंने एक माह मिरांडा हाउस काॅलेज में पढ़ाई की थी और वेस्टर्न डांस सोसाइटी में भी हिस्सा लिया था।
उन्होंने ये भी साझा किया कि उन्होंने डाॅक्टर बनने की प्लानिंग की थी, लेकिन उनके सपने ने उन्हें अभिनेत्री बनने की दिशा में मोड़ा।
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