तबीयत बिगड़ने के बाद घर में अचेत पड़े थे Manmohan Singh, प्रधानमंत्री बनने से पहले ही पाई ये बड़ी उपलब्धि
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की आयु में निधन (Manmohan Singh Passes Away) हो गया। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। बृहस्पतिवार देर शाम को उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई और घर में अचेत हो गए। इसके बाद उन्हें एम्स लाया गया जहां इलाज के दौरान रात 9.51 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन से देश शोक की लहर फैल गई है।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। Former PM Manmohan Singh death: देश में आर्थिक सुधारों के जनक माने जाने वाले अर्थशास्त्री व पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह का बृहस्पतिवार रात निधन हो गया। वे 92 वर्ष के थे और लंबे समय से बीमार चल रहे थे। बृहस्पतिवार देर शाम को उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई और घर में अचेत हो गए।
इसके बाद उसके बाद उन्हें एम्स (Delhi AIIMS) लाया गया जहां इलाज के दौरान रात 9.51 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन से देश शोक की लहर फैल गई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा।
देश के सभी बड़े नेताओं ने जताया शोक
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, प्रियंका गांधी वाड्रा सहित तमाम दलों के नेताओं ने एक्स पर पोस्ट कर उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। एम्स में पार्थिव शरीर को एंबामिंग करने के बाद परिवार को सौंपा जाएगा।
एम्स के मीडिया डिविजन की प्रभारी डॉ. रीमा दादा द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि उन्हें उम्र से संबंधित मेडिकल कंडिशन की परेशानी थी। शाम को वे अचानक अपने घर में अचेत हो गए। इसके बाद उन्हें घर में तुरंत रिससिटेशन शुरू किया गया। इसके बाद रात 8:06 बजे उन्हें एम्स की इमरजेंसी में भर्ती कराया गया। जहां उन्हें बचाने की पूरी कोशिश की गई लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।
मनमोहन सिंह ने आर्थिक उदारीकरण को कराया लागू
डा. मनमोहन सिंह ( Manmohan Singh profile) 22 मई 2004 से 26 मई 2014 तक लगातार दो बार दस वर्षों तक देश के प्रधानमंत्री रहे। इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में 21 जून 1991 से 16 मई 1996 तक केंद्रीय वित्त मंत्री रहे। इस दौरान उन्होंने आर्थिक उदारीकरण को लागू कराया।
वे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के गवर्नर सहित आर्थिक मामलों से जुड़े कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे थे। वह पंडित जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और नरेन्द्र मोदी के बाद सबसे अधिक समय तक प्रधानमंत्री रहने वाले राजनेता नेता हैं। जानकार बताते हैं कि उनकी पहले दो बार बाइपास सर्जरी हुई थी।
पहली बाइपास सर्जरी यूनाइटेड किंगडम में हुई थी। दूसरी सर्जरी वर्ष 2009 में एम्स में बाइपास सर्जरी हुई थी। उस वक्त मुंबई से भी डॉक्टर बुलाए गए थे। बृहस्पतिवार रात उनके उनके निधन के बाद एम्स में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। देर रात कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा एम्स पहुंचे। इसके अलावा कांग्रेस के कई अन्य नेता व कार्यकर्ता भी एम्स पहुंचे।
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