सज्जन कुमार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन मामले में मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा सहित अन्य बरी
राउज एवेन्यू कोर्ट ने 2013 के प्रदर्शन मामले में मनजिंदर सिंह सिरसा सहित कई लोगों को बरी कर दिया जो कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार के खिलाफ था। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपों को साबित करने में विफल रहा। यह मामला 1984 के सिख दंगों में सज्जन कुमार की भूमिका के विरोध से जुड़ा था जिसमें प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हुई थी।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार के खिलाफ 12 साल पुराने विरोध प्रदर्शन मामले में राउज एवेन्यू की मजिस्ट्रेट कोर्ट ने दिल्ली सरकार के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा सहित अन्य बरी कर दिया है। एडिशनल चीफ ज्यूडिशयल मजिस्ट्रेट नेहा मित्तल ने 2013 के विरोध प्रदर्शन मामले में सभी आरोपितों को संदेह का लाभ देते हुए राहत दी है।
अदालत ने आरोपितों को यह कहते हुए बरी कर दिया कि अभियोजन पक्ष अपने मामले को उचित संदेह से परे साबित नहीं कर सका। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष द्वारा रिकार्ड पर लाए गए साक्ष्य गैरकानूनी तरीके से एकत्रित होने, दंगा और शरारत के आरोपों को स्थापित करने के लिए पर्याप्त नहीं थे।
यह मामला 2 मई, 2013 का है, जब दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के सदस्यों और उनके समर्थकों ने 1984 के सिख विरोधी दंगों में सज्जन कुमार की भूमिका के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए कांग्रेस पार्टी के केंद्रीय कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया था।
पुलिस के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने धारा 144 लागू होने की चेतावनी के बावजूद अकबर रोड स्थित कोठी नंबर 26 के पास लगे बैरिकेड्स तोड़ दिए थे और कांग्रेस कार्यालय की तरफ जा रहे थे। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प में एक सरकारी बस का शीशा टूट गया था।
इस मामले में सिरसा के अलावा मंजीत सिंह जीके और मनजिंदर सिंह सिरसा के अलावा ओंकार सिंह थापर, कुलदीप सिंह भोगल, मनदीप कौर बख्शी, अवतार सिंह हित, हरजीत सिंह, हरमीत सिंह कालका, तेजिंदर पाल सिंह गोल्डी और बलजीत कौर खालसा शामिल थे।
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