शर्म का कारण नहीं है मासिक धर्म, खुलकर बात करें बच्चियां: सिसोदिया
मनीष सिसोदिया ने कहा कि मासिक धर्म कोई शर्म का कारण नहीं। किसी भी महिला के लिए यह गौरव का कारण है। यही उसके मां बनने का आधार भी है।
नई दिल्ली [जेएनएन]। महिलाओं को होने वाले मासिक धर्म पर बच्चियां खुलकर बात करें। यह कोई बीमारी, किसी तरह की कमजोरी नहीं, बल्कि एक प्राकृतिक क्रिया है। इसे लेकर समाज और लोगों में कई तरह की भ्रांतियां हैं जिसे दूर करना है। यह बातें दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने सोमवार को आयोजित नेशनल मेंसट्रुअल कॉन्क्लेव के दौरान कहीं। कार्यक्रम में निर्भया की मां आशा देवी भी मौजूद थीं।
कार्यक्रम का आयोजन एनजीओ सच्ची सहेली एवं संस्था समथिंग क्रिएटिव द्वारा किया गया। आयोजन में एनजीओ की ओर से डॉ. सुरभि सिंह, आइएमए के अध्यक्ष डॉ. केके अग्रवाल, दिल्ली मेडिकल काउंसिल के अध्यक्ष डॉ. अरुण गुप्ता, संस्था आकार के डायरेक्टर प्रतीक कुमार समेत कई हस्तियां उपस्थित रहीं।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सिसोदिया ने कहा कि मासिक धर्म कोई शर्म का कारण नहीं। किसी भी महिला के लिए यह गौरव का कारण है। यही उसके मां बनने का आधार भी है। बच्चियों से लेकर मां तक भ्रांतियों की शिकार हैं। जिसे ध्यान मे रखकर अब सरकारी स्कूलों में इस विषय पर बात करना शुरू किया जा रहा है। शहर के सरकारी स्कूलों में करीब 16 लाख छात्र पढ़ते हैं। लड़कों को भी इस प्राकृतिक क्रिया के बारे में खुलकर बताने की आवश्यकता है।
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सिसोदिया ने बताया कि जल्द ही सरकार एक योजना को शुरू करने वाली है। जिसके अंतर्गत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपने संबंधित क्षेत्रों में मां-बेटी को जागरूक करेंगी। कार्यक्रम में मदनपुर खादर उच्च राजकीय कन्या विद्यालय, शकरपुर उच्च राजकीय कन्या विद्यालय की छात्राओं ने भी भाग लिया। छात्राओं ने कव्वाली और नाटिका प्रस्तुत कर दर्शाया कि किस तरह मासिक धर्म को लेकर लोगों में भ्रम है।
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