क्या दिल्ली के खिलाड़ियों की चमकेगी किस्मत? सीएम रेखा ने उठाया ये कदम
भारत की स्टार टेबल टेनिस खिलाड़ी मनिका बत्रा ने दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से मुलाकात कर राजधानी में खेलों के विकास से जुड़े अहम मुद्दों पर चर्चा की। बत्रा ने कहा यह देखकर उत्साहवर्धक लगा कि सरकार खेलों के बुनियादी ढांचे में सुधार युवा खिलाड़ियों को अधिक अवसर प्रदान करने और जमीनी स्तर पर खेल कार्यक्रमों को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। भारत की स्टार टेबल टेनिस खिलाड़ी मनिका बत्रा ने दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से मुलाकात कर राजधानी में खेलों के विकास से जुड़े अहम मुद्दों पर चर्चा की।
इस दौरान खास तौर पर जमीनी स्तर पर खिलाड़ियों को सशक्त बनाने और राज्य के एथलीटों के कल्याण पर चर्चा हुई। मनिका बत्रा ने कहा, "मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के साथ हमारी मुलाकात नई खेल नीतियों पर केंद्रित रही, जिसमें जमीनी स्तर पर खिलाड़ियों के विकास और राज्य के एथलीटों के कल्याण पर विशेष ध्यान दिया गया।"
बत्रा ने कहा, "यह देखकर उत्साहवर्धक लगा कि सरकार खेलों के बुनियादी ढांचे में सुधार, युवा खिलाड़ियों को अधिक अवसर प्रदान करने और जमीनी स्तर पर खेल कार्यक्रमों को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।"
खेल जगत में बदलाव की अटकलें तेज
बता दें कि दिल्ली में रेखा सरकार बनने के बाद खेल जगत में बदलाव की अटकलें तेज हो गई हैं। खास तौर पर उन खिलाड़ियों को लेकर चर्चा है जो पुरानी सरकार के रवैये से परेशान होकर दूसरे राज्यों का रुख कर चुके हैं। क्या भाजपा सरकार की नीतियां उन्हें फिर से दिल्ली का रुख करने के लिए प्रेरित करेंगी या फिर वे अपने मौजूदा संघों और संगठनों में लौट जाएंगे?
दिल्ली को छोड़कर अन्य राज्य से खेलने वाले खिलाड़ियों की सूची
- वंतिका अग्रवाल - शतरंज की मास्टर वंतिका अग्रवाल दिल्ली से खेलती थीं। उन्होंने अपनी सारी पढ़ाई दिल्ली से ही की। हालांकि, बेहतर सुविधाएं न मिलने के कारण इस खिलाड़ी ने उत्तर प्रदेश के लिए खेलना शुरू कर दिया। उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्हें 2 करोड़ रुपए की पुरस्कार राशि दी।
- ऋचा मिश्रा और चारू मिश्रा - ऋचा मिश्रा और चारू मिश्रा दिल्ली से तैराकी प्रतियोगिताओं में भाग लेती थीं। लेकिन, यहां पदक जीतने के बाद भी उन्हें कोई आर्थिक सहायता नहीं दी गई। इस वजह से दोनों बहनों ने दिल्ली छोड़कर कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से खेलना शुरू कर दिया। आज दोनों बहनें CISF में कार्यरत हैं।
- अंकुर धामा - अंकुर धामा एक एथलीट हैं। वे पहले दिल्ली से खेलते थे और वे अंधे हैं। वर्तमान में उनकी उम्र 29 वर्ष है। हालाँकि, एशियाई चैंपियनशिप में पदक जीतने के बाद, उन्हें पूर्व दिल्ली सरकार द्वारा कोई पुरस्कार राशि नहीं दी गई थी। जिसके कारण आज यह एथलीट हरियाणा से खेल रहा है।
- नीरज यादव - नीरज यादव डिस्कस थ्रो करते हैं। वह एक दिव्यांग खिलाड़ी हैं। एशियाई पदक जीतने के बाद भी उन्हें सरकार की तरफ से कोई मदद या नौकरी नहीं दी गई, जिसके कारण उन्होंने दिल्ली छोड़कर उत्तर प्रदेश से खेलना शुरू कर दिया।
- विजय तोमर - विजय तोमर 100 मीटर लंबी कूद के एथलीट हैं। वह पोलियो के मरीज भी हैं। एशियाई रजत पदक जीतने के बाद भी दिल्ली सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं की गई। जो मदद दी गई, उससे एथलीट का खर्च भी पूरा नहीं हो पाया। जिसके कारण उन्होंने उत्तर प्रदेश से खेलने का फैसला किया।
- मदन - मदन टी-11 ब्लाइंड हैं। वे राष्ट्रीय स्तर के स्वर्ण पदक विजेता रह चुके हैं। वे वर्तमान में हरियाणा के लिए खेल रहे हैं। खिलाड़ी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं।
इनके अलावा कई ऐसे खिलाड़ी भी हैं जो आगे नहीं आते और सरकार का विरोध नहीं कर पाते। हालांकि, दिल्ली में सत्ता परिवर्तन के साथ ही इन खिलाड़ियों की दिल्ली में वापसी की उम्मीदें बढ़ गई हैं।
दिल्ली में राष्ट्रीय स्तर पर जीतने वाले खिलाड़ियों को प्रथम स्थान के लिए 1000 रुपये, दूसरे स्थान के लिए 75000 रुपये और तीसरे स्थान के लिए 50000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। जो दिल्ली के खिलाड़ियों के लिए नाकाफी है।
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