Delhi ZOO: दिल्ली चिड़ियाघर में 15 वर्षीय गौर की हुई मौत, प्रबंधन पर उठे सवाल; मैसूर से लाया गया था
दिल्ली के राष्ट्रीय प्राणी उद्यान में 15 वर्षीय नर गौर की मौत हो गई। यह गौर 2014 में मैसूर से लाया गया था और प्रजनन कार्यक्रम का महत्वपूर्ण हिस्सा था। चिड़ियाघर प्रशासन के अनुसार उसकी मौत उम्र से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं के चलते हुई। नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं। चिड़ियाघर में वन्य जीवों की निगरानी के लिए थर्मामीटर और सेंसर लगाने की योजना है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली के राष्ट्रीय प्राणी उद्यान में रविवार को 15 साल के नर गौर (भारतीय बाइसन) की मौत हो गई। यह गौर वर्ष 2014 में मैसूर से लाया गया था और प्रजनन कार्यक्रम का अहम हिस्सा बनकर चिड़ियाघर में गौर की आबादी बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा था। चिड़ियाघर में वर्तमान में मौजूद 15 में से 75 प्रतिशत गौर इसी नर गौर की संतान हैं।
चिड़ियाघर प्रशासन के मुताबिक उसकी मौत उम्र से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं के चलते हुई है। गौर का स्वास्थ्य खराब होने पर अंतिम दिनों में उसे एक अलग बाड़े में विशेष निगरानी में रखा गया था। लेकिन, गौर की तबीयत लगातार खराब होती चली गई। चिड़ियाघर के निदेशक संजीत कुमार ने बताया कि गौर की मौत के कारणों की पुष्टि के लिए सैंपल भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) को भेजे गए हैं और रिपोर्ट का इंतजार है।
चिड़ियाघर में दो एशियाई शेर शावकों की मौत हो चुकी
इससे पहले चिड़ियाघर में दो एशियाई शेर शावकों की मौत हो चुकी है और हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में दो हाथी भीषण गर्मी में जंजीरों से बंधे नजर आए थे। यह वीडियो एक व्यक्ति ने अपने बच्चों के साथ समर कैंप के दौरान चिड़ियाघर घूमते समय रिकार्ड किया था। ये सभी घटनाएं चिड़ियाघर की पशु देखभाल व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर रहे हैं।
हालांकि, चिड़ियाघर निदेशक संजीत कुमार ने प्रशासन ने इन सभी आरोपों को नकारते हुए कहा कि यहां पर हाथियों की नियमित देखभाल होती है। उन्हें दिन में तीन बार नहलाया जाता है, मिट्टी और रेत में खेलने के लिए छोड़ा जाता है और वह पेड़ों की छाया में आराम करते हैं। केवल कुछ खास परिस्थितियों में ही जंजीर का सीमित और एहतियाती उपयोग किया जाता है।
थर्मामीटर और सेंसर लगाने की योजना तैयार की गई
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि वन्य जीवों की बेहतर निगरानी और स्वास्थ्य की स्थिति को समझने के लिए चिड़ियाघर के 74 बाड़ों में थर्मामीटर और सेंसर लगाने की योजना तैयार की गई हैं। इसका उद्देश्य पशुओं की सुरक्षा और गर्मी में उनके तनाव के स्तर की निगरानी करना है ताकि समय रहते उचित कदम उठाए जा सकें।

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