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Low Price Alcohol: दिल्ली-NCR के शराब के शौकीनों के लिए गुड न्यूज

Low Price Alcohol In Delhi नई आबकारी नीति को लेकर एक बार फिर से दिल्ली का राजनीतिक तापमान बढ़ने लगा है। भारतीय जतना पार्टी ने मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी को लेकर मोर्चा खोल दिया है। बावजूद इसके फिलहाल दिल्ली में सस्ती शराब और बियर का मिलना जारी रहेगा।

By Jp YadavEdited By: Published: Mon, 25 Jul 2022 12:32 PM (IST)Updated: Mon, 25 Jul 2022 12:32 PM (IST)
Low Price Alcohol In Delhi: दिल्ली-NCR के शराब के शौकीनों के लिए गुड न्यूज,

नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। शराब नीति 2021 को लेकर भले ही दिल्ली में सत्तासीन आदमी पार्टी सरकार और उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के बीच जंग छिड़ी हो, लेकिन शराब के शौकीनों के गुड न्यूज है। दरअसल, दिल्ली में सस्ती और 25-30 प्रतिशत छूट के साथ शराब की बिक्री फिलहाल जारी रहेगी। 

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शराब का अधिक स्टॉक नहीं करेंगे कारोबारी

दिल्ली के शराब कारोबारियों की मानें तो लोगों को बियर और शराब की कीमतों पर दी जा रही छूट जारी रहेगी। कुछ व्यापारियों का कहना है कि शराब पर छूट खत्म करने का ऐलान भी किया जा सकता है, ऐसे में वे अपनी दुकानों में अधिक शराब स्टॉक नहीं करेंगे।

मिलती रहेगी शराब

शराब कारोबारियों का कहना है कि दिल्ली में मांग के अनुरूप शराब और बियर खरीदी जाती रहेगी। इसके साथ ही स्टॉक भी बरकरार रखने की पूरी कोशिश की जाएगी। इसके साथ ही उपभोक्ताओं शराब और बियर वैसी ही मिलेगी, जैसी अभी तक मिलती आ रही थी।  

दिल्ली में बंद हो सकती हैं कुछ शराब की दुकानें

यहां पर बता दें कि शराब कारोबारियों को लगातार घाटा हो रहा है। ऐसे में आने वाले आने वाले दिनों में देश की राजधानी दिल्ली में शराब की कुछ और भी दुकानें बंद हो सकती हैं। घाटे को इसके पीछे की वजह माना जा रहा है। दिल्ली में फिलहाल शराब की करीब 400 दुकानें खुली हैं।

राजनिवास से बढ़ी रार

दिल्ली में जिस तरह का राजनीतिक और प्रशासनिक माहौल बन रहा है, उससे राजनिवास और दिल्ली की चुनी हुई सरकार के बीच दूरियां बढ़ रही हैं। पहले वक्फ बोर्ड में कर्मचारियों की भर्ती के एक मामले को लेकर आप विधायक अमानतुल्लाह खान के खिलाफ सीबीआइ जांच की सिफारिश और इसके बाद आबकारी नीति को लेकर सीबीआइ जांच की उपराज्यपाल ने सिफारिश की है। इसे लेकर दिल्ली सरकार खासी नाराज है, क्योंकि इस मामले में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का भी नाम सामने आया है। यह ऐसा मुद्दा है, जो चुनी हुई सरकार और राजनिवास के बीच की दूरियां और बढ़ा रहा है। रविवार को हुए वन महोत्सव कार्यक्रम को लेकर भी दोनों के बीच विवाद बढ़ा है। दिल्ली सरकार इस आयोजन में शामिल नहीं हुई। सत्ता के गलियारों में चर्चा है कि जांच चाहें जितनी होती रहें, मगर राजनिवास और चुनी हुई सरकार के बीच तनातनी जनता के हित में नहीं है।


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