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    Indian Railways News: दिल्ली के इन 2 रेलवे स्टेशनों का बदल जाएगा लुक, खर्च होंगे 240 करोड़ रुपये

    By Jp YadavEdited By:
    Updated: Thu, 21 Oct 2021 08:52 AM (IST)

    Indian Railways News दिल्ली के आनंद विहार टर्मिनल को विश्वस्तरीय बनाने और प्रस्तावित बिजवासन मेगा टर्मिनल को संवारने के लिए निविदा भी निकाली गई है लेकिन अब इस निगम को बंद करने का फरमान जारी हो गया है।

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    Indian Railways News: दिल्ली के इन 2 रेलवे स्टेशनों का बदल जाएगा लुक, खर्च होंगे 240 करोड़ रुपये

    नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। आनंद विहार टर्मिनल को विश्वस्तरीय बनाने और प्रस्तावित बिजवासन मेगा टर्मिनल का काम अब उत्तर रेलवे के पास होगा। अब तक यह काम भारतीय रेलवे स्टेशन विकास निगम (आइआरएसडीसी) के पास था। इन दोनों रेलवे स्टेशनों को संवारने के लिए निविदा भी निकाली गई है, लेकिन अब इस निगम को बंद करने का फरमान जारी हो गया है। वहीं, भारतीय रेल वैकल्पिक ईंधन संगठन (आइआरओएएफ) पर ताला लगने से देश में पहली हाइड्रोजन ट्रेन चलाने की परियोजना को सिरे चढ़ाने की जिम्मेदारी भी उत्तर रेलवे के कंधों पर है।

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    नई दिल्ली, पुरानी दिल्ली और हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशनों का बोझ कम करने के लिए आनंद विहार टर्मिनल और बिजवासन रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास करके यहां विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्रस्ताव है। यह जिम्मेदारी आइआरएसडीसी को सौंपी गई थी। निजी सहभागिता से इस काम को किया जाना है। इसके लिए निविदा भी आमंत्रित की गई है। इसी बीच 18 अक्टूबर को आइआरएसडीसी को बंद करने का आदेश जारी कर दिया गया। इसके तहत आने वाले स्टेशनों का पुनर्विकास कार्य अब संबंधित क्षेत्रीय रेलवे को सौंपने का फैसला किया गया है।

    सबसे पहले आनंद विहार टर्मिनल का काम मिला था

    जरूरत के अनुसार रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास के काम को गति देने के लिए वर्ष 2012 में आइआरएसडीसी का गठन किया गया था। किसी स्टेशन के पुनर्विकास में स्थानीय निकायों का हस्तक्षेप कम हो इसके लिए इसे रेलवे अधिनियम 1989 के तहत विशेष अधिकार प्राप्त था। इसे सबसे पहले आनंद विहार टर्मिनल के पुनर्विकास का काम सौंपा गया था।

    240 करोड़ रुपये होंगे खर्च

    आनंद विहार टर्मिनल के पुनर्विकास पर करीब 240 करोड़ रुपये खर्च होंगे। स्टेशन में प्रवेश और निकास के अलग-अलग रास्ते बनाए जाएंगे। यात्रियों के ठहरने के लिए आधुनिक प्रतीक्षालय के साथ ही तीन सितारा व बजट होटल भी बनाया जाना है। निर्माण पर होने वाले वाले खर्च वसूलने के लिए व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा। पुनर्विकास काम शुरू होने की तिथि से तीन साल में काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। भविष्य में पूर्व दिशा की लगभग सभी ट्रेनें यहीं से चलाने की योजना है। इसी तरह से बिजवासन मेगा टर्मिनल पर भी यात्रियों को एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने की योजना है। यहां से पश्चिम दिशा की ट्रेनों का संचालन किया जाना है।

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