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    Delhi Lok Sabha Seat: दक्षिणी दिल्ली सीट पर रहा है गुर्जर मतदाताओं का वर्चस्व, AAP-BJP ने इन पर लगाया दांव; जानिए समीकरण

    Updated: Sat, 09 Mar 2024 11:51 PM (IST)

    दक्षिणी दिल्ली लोकसभा सीट पर भाजपा और AAP के बीच चुनाव में कड़ी टक्कर देखने मिल सकती है। इस सीट पर हमेशा गुर्जर मतदाता का वर्चस्व रहा है। यही वजह है कि दोनों ही पार्टियों ने सीट पर गुर्जर प्रत्याशी बनाए हैं। भाजपा ने रामवीर सिंह बिधूड़ी और आप ने सहीराम पहलवान को अपना चेहरा बनाया। इस सीट पर गुर्जर बनाम गुर्जर की भी स्थिति बन सकती है।

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    भाजपा के रामवीर सिंह बिधूड़ी और आप के सहीराम पहलवान।

    शनि पाथौली, दक्षिणी दिल्ली। South Delhi Lok Sabha Seat: दक्षिणी दिल्ली लोकसभा सीट पर भाजपा और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच चुनाव में कड़ी टक्कर देखने मिल सकती है। इस सीट पर हमेशा गुर्जर मतदाता का वर्चस्व रहा है। यही वजह है कि दोनों ही पार्टियों ने सीट पर गुर्जर प्रत्याशी बनाए हैं। भाजपा ने रामवीर सिंह बिधूड़ी और आप ने सहीराम पहलवान को अपना चेहरा बनाया। इस सीट पर गुर्जर बनाम गुर्जर की भी स्थिति बन सकती है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन सा प्रत्याशी जातीय समीकरण को साधने में कामयाब रहता है।

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    राजधानी की सबसे हाट मानी जाने वाली दक्षिणी दिल्ली सीट पर कुल 22 लाख 21 हजार 445 मतदाता है। इस लोकसभा में कुल 54 गांव हैं। इनमें से 22 गावों में गुर्जर बहुल है। इन गांवों में करीब साढ़े चार लाख गुर्जर है। इनमें मुख्य रूप से तुगलकाबाद, बदरपुर, छतरपुर, भाटी कलां, आली, मदनपुर, सतबड़ी और चंदनहोला शामिल हैं।

    इसके अलावा शहरी हिस्से में गुर्जर की संख्या काफी है। इस वजह से सीट पर प्रत्याशी को जिताने में गुर्जर जाति की महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती है।

    2019 की हार के बाद आप ने भी गुर्जर प्रत्याशी बनाया

    इस बार गुर्जर मतदाता को साधने के लिए आप ने भी गुर्जर उम्मीदवार सहीराम पहलवान को मैदान में उतारा है, जबकि 2019 लोकसभा चुनाव में आप ने पंजाबी समुदाय के राघव चढ्डा को प्रत्याशी बनाया था। राघव को भाजपा के गुर्जर प्रत्याशी रमेश बिधूड़ी ने हरा दिया था। जबकि भाजपा वर्ष 2014 से इस सीट पर गुर्जर को ही उम्मीदवार घोषित कर रही है।

    रालोद-भाजपा गठबंधन के जाट भी मुख्य भूमिका में

    इस सीट पर गुर्जर के बाद करीब 17 गांव जाट बहुल हैं। इनमें मुख्य रूप से देवली, वसंत कुंज, नेब सराय, बिजवासन और संगम विहार के कुछ हिस्से हैं। यहां पर जाटों की आबादी करीब ढाई लाख है। जाटों की पसंदीदा पार्टी रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा के साथ चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में दिल्ली के जाट मतदाता भाजपा के पास जाने की प्रबल संभावना है। वहीं, कालकाजी, गोविंदपुरी, साकेत, महरौली समेत कई इलाकों में बड़ी संख्या में पंजाबी वोटर हैं।

    लोकसभा क्षेत्र की 10 में नौ विधानसभा सीटों पर आप का कब्जा

    दक्षिणी दिल्ली लोकसभा सीट के दायरे में 10 विधानसभा सीटें आती हैं। इसमें बिजवासन, पालम, महरौली, छतरपुर, देवली, अंबेडकरनगर, संगम विहार, कालकाजी, तुगलकाबाद और बदरपुर शामिल हैं। इनमें से नौ सीटों पर आम आदमी पार्टी का कब्जा है, एक सीट पर बीजेपी काबिज है।

    विधानसभा में आप और लोकसभा में भाजपा को चुन रहे मतदाता

    पिछले विधानसभा चुनाव में आप को यहां 54 फीसदी से ज्यादा वोट मिले थे। पिछले दो लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव के आंकड़े देखें तो पता चलता है कि यहां के अधिकतर मतदाता सांसद के चुनाव में भाजपा को वोट कर रहे हैं। जबकि विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को चुन रहे हैं।

    85 फीसदी हिंदू और दूसरे नंबर पर 9.1 फीसदी मुस्लिम मतदाता

    दक्षिणी दिल्ली सीट की पर पहले नंबर पर 85 फीसदी से अधिक हिंदू मतदाता हैं। इसके बाद दूसरे नंबर पर लगभग 9.1 फीसदी के साथ मुस्लिम मतदाता हैं। तीसरे नंबर पर 2.4 फीसदी आबादी के साथ सिख हैं। इसके अलावा यहां जैन 0.4 और बौद्ध 0.14 फीसदी हैं। यहां पर अनुसूचित जाति के मतदाताओं की संख्या करीब 15.39 फीसदी है।

    पूर्वांचल के मतदाता भी निर्णायक भूमिका में

    दक्षिणी दिल्ली सीट पर पूर्वांचली मतदाता भी निर्णायक भूमिका में हैं। कई विधानसभा सीटों पर यह बड़ी संख्या में हैं। यह देवली विधानसभा में 31, अंबेडकर नगर में 26, संगम विहार में 26 और तुगलकाबाद में करीब 24 प्रतिशत मतदाता हैं।

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