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    Delhi में एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश, अधिकारी बन ऐसे करते थे ठगी; दो शातिर हुए गिरफ्तार

    Updated: Tue, 17 Jun 2025 09:57 AM (IST)

    दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो लोन देने के नाम पर लोगों से ठगी करता था। पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है जिन्होंने एक व्य ...और पढ़ें

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    लोन के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़।

    जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली। एक नामी फाइनेंस कंपनी के अधिकारी बन लोन देने का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है और दो अन्य की तलाश की जा रही है।

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    पुलिस का कहना है कि जाल में फंसने वाले लोगों से पहले प्रोसेसिंग फीस के नाम पर वसूली करते थे और बाद में पैसों काे फर्जी अकाउंट में ट्रांसफर करते थे। आरोपित ने शिकायतकर्ता को 25 लाख रुपये का लोन दिलाने के नाम पर 1.92 लाख रुपये की धोखाधड़ी की। पुलिस इस तरह की 10 शिकायतों की छानबीन कर रही है। पुलिस ने दोनों आरोपित से 16 मोबाइल फोन, एक कंप्यूटर, चार चेक बुक, रबर स्टैंप, डेबिट कार्ड बरामद किए हैं।

    बाहरी उत्तरी जिला पुलिस उपायुक्त हरेश्वर वी. स्वामी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपित साइबर धोखाधड़ी नेटवर्क संचालित करते थे। ये लोग एक नामी फाइनेंस कंपनी के अधिकारी बनकर लोन चाहने वाले व्यक्तियों को निशाना बनाते थे। वे लोगों को बड़े लोन का वादा करके अपने जाल में फंसाते थे, प्रोसेसिंग फीस वसूलते थे और कई बैंक खातों में फंड ट्रांसफर करते थे।

    वहीं, जांच में धन के स्रोत का पता लगाया गया है, पता चला कि धन के गंतव्य को छिपाने के लिए फर्जी खातों के एक नेटवर्क इस्तेमाल किया गया था।

    उन्होंने बताया कि एनसीआरपी पोर्टल के माध्यम से गत अप्रैल माह में शिकायत प्राप्त हुई, जिसमें 1,92,599 की वित्तीय धोखाधड़ी की सूचना दी गई। दिल्ली के भलस्वा डेयरी निवासी शिकायतकर्ता हसीब ने बताया कि फाइनेंस कंपनी के अधिकारी बनकर 25 लाख का लोन देने का प्रस्ताव दिया। पॉलिसी और प्रोसेसिंग फीस के रूप में राशि ट्रांसफर करने के बाद, उन्हें कोई लोन नहीं मिला और उनके बैंक खाते से कटौती की जानकारी मिली।

    पुलिस ने तकनीकी निगरानी और वित्तीय विश्लेषण किया। दिल्ली के तिलक नगर और सभापुर एक्सटेंशन सहित कई स्थानों पर छापे मारे गए। पवन कुमार और मोहम्मद रहबर को नोटिस देकर पूछताछ के बुलाया। पूछता के दौरान असहयोग के बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया।

    जिला पुलिस उपायुक्त ने बताया कि आरोपित पवन कुमार लोन दिलाने के लिए लोगों के पास काल करता था। उसने प्रोसेसिंग फीस के बदले 25 लाख रुपये तक का लोन देने का वादा किया गया था। फीस को विभिन्न खातों में ट्रांसफर किया गया, जिसमें मोहम्मद रहबर निकासी का प्रबंधन करता था। आरोपित पवन कुमार 12 वीं कक्षा पास है और किराड़ी का रहने वाला है। मोहम्मद रहबर दिल्ली के सभापुर एक्सटेंशन में रहता है। वह अपने पिता के साथ एक पारिवारिक इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण कारखाने में काम करता था।

    उन्होंने बताया कि आरोपित देशभर में इसी तरह के ऋण धोखाधड़ी की कई शिकायतों से जुड़े हैं, इनमें से 10 से ज़्यादा जुड़ी शिकायतों की जााच चल रही है। सह-आरोपी संदीप और यशीश का पता लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं।