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    आनलाइन लर्निंग लाइसेंस बनवाने में बड़ी संख्या में फेल हो रहे हैं दिल्लीवासी, जानिए कहां हो रही गलती

    By Prateek KumarEdited By:
    Updated: Sun, 05 Sep 2021 04:23 PM (IST)

    लर्निंग लाइसेंस के लिए आवेदन करने वालों में एक माह में अब तक इस परेशानी के चलते 258 लोग टेस्ट में फेल हो चुके हैं। इस समस्या को परिवहन विभाग सभी सेवाएं आनलाइन करने के बाद पकड़ सका है। इससे पहले मैनुअल तरीके से लर्निंग लाइसेंस बनते थे।

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    तीन सितंबर तक इस लाइसेंस के लिए 28435 आवेदन आए हैं।

    नई दिल्ली [वी के शुक्ला]। लर्निंग लाइसेंस बनवाने वाले आवेदकों में बड़ी संख्या में अब कलर ब्लाइंडनेस के मामले सामने आ रहे हैं। लर्निंग लाइसेंस के लिए आवेदन करने वालों में एक माह में अब तक इस परेशानी के चलते 258 लोग टेस्ट में फेल हो चुके हैं। इस समस्या को परिवहन विभाग सभी सेवाएं आनलाइन करने के बाद पकड़ सका है। इससे पहले मैनुअल तरीके से लर्निंग लाइसेंस बनते थे। उसमें यह गड़बड़ी नहीं पकड़ी जा पा रही थी। कभी-कभार ही ऐसे मामले सामने आते थे।

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    परिवहन विभाग ने गत 11 अगस्त से अपनी सभी सेवाएं आनलाइन कर दी हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घोषणा कर विभाग के चार क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय भी बंद कर दिए हैं। इनसे संबंधित सेवाएं दूसरे परिवहन कार्यालय ये जोड़ दी गई हैं। इसका मकसद विभाग के कार्यालयों में भीड़भाड़ कम करना है। 11 अगस्त से ही विभाग ने लर्निंग लाइसेंस की प्रक्रिया भी पूरी तरह से आनलाइन कर दी गई है। इसके तहत अब घर बैठे ही लोग लाइसेंस बनवा पा रहे हैं। जब से लर्निंग लाइसेंस की प्रक्रिया आनलाइन की गई है तब से गत तीन सितंबर तक इस लाइसेंस के लिए 28435 आवेदन आए हैं।

    टेस्ट में उत्तीर्ण होकर 21391 लोग लर्निंग लाइसेंस बनवा चुके हैं। जबकि 7044 आवेदन अभी पेंडिंग हैं। इसके अलावा 1809 लोग टेस्ट में फेल हो गए हैं। इसमें से 258 लोग कलर ब्लाइंडनेस टेस्ट में फेल हो गए हैं। यह वह टेस्ट है जो बहुत सामान्य होता है। आवेदक को कलर (रंग) का नाम बताना पड़ता है। जिसमें यह देखा जाता है कि आवेदक की नजर ठीक है या नहीं। उसे कलर पहचानने की क्षमता है कि नहीं।

    परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं कि यह पहली बार है कि कलर ब्लाइंडनेस के मामले इतनी बड़ी संख्या में सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था को आनलाइन करने के बाद ही संभव हो सका है। इससे पहले सामान्य तरीके से यह प्रक्रिया पूरी की जाती थी। निरीक्षक के नेतृत्व में रंग पहचानने की आवेदक की जांच होती थी, मगर अब सब कुछ आनलाइन है।

    सिस्टम कोई भी गड़बड़ी स्वीकार नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि वाहन चालक के लिए रंग पहचानने की क्षमता होना अति आवश्यक है। अगर वाहन चला रहा व्यक्ति रंग नहीं पहचान पाएगा तो ऐसा चालक अपने लिए व अन्य के लिए भी खतरनाक साबित होगा। क्योंकि उसे पता नहीं चल सकेगा कि लालबती पर हरे रंग की लाइट जल रही है या लाल रंग की जल रही है।