Cement Price in UP: यूपी में सीमेंट-सरिया के महंगे दामों ने रुकवाया घरों का काम, एनसीआर में नहीं बन रहे फ्लैट
Cement Price in UP एनसीआर में सीमेंट बजरी ईंट सहित घर बनाने की सामग्री महंगी हो गई है जिस कारण लोगों को घर बनाने में परेशानी हो रही है। नोएडा में बिल्डरों ने फ्लैट निर्माण का काम तक रोक दिया है।
नोएडा/गाजियाबाद [कुंदन तिवारी]। Cement Price in UP: उत्तर प्रदेश में निर्माण सामग्री महंगी होने से घरों का निर्माण तक रुक गया है, ऐसा ही हाल एनसीआर क्षेत्रों यानी यूपी के गाजियाबाद और नोएडा में हैं, यहां फ्लैट के निर्माण बिल्डरों ने रोक दिए हैं। प्रदेश में निर्माण सामग्री काफी महंगी हो गई है। जिससे रियल एस्टेट सेक्टर को दिक्कत में डाल दिया है। तमाम बिल्डर निर्माण कार्य को रोक दिया है।
क्रेडाई (कांफेडरेशन आफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन आफ इंडिया) ने इसके संकते दिया है। वहीं, राजधानी दिल्ली में भी सीमेंट सहित निर्माण सामग्री के रेट एनसीआर के लगभग बराबर ही हैं।
बता दें कि संगठन के सभी सदस्य निर्माण कार्य रोक दिया है। इसकी वजह सीमेंट, स्टील सहित सभी कच्चे माल की कीमतों में भारी बढ़ोत्तरी का होना है। ऐसे में निर्माण लागत भी करीब 500 रुपये प्रति वर्ग फीट बढ़ गई है। इस कारण समय से घर बनाकर दे पाना अब उनके लिए मुश्किल हो गया है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट में दो लाख फ्लैट हैं, जिनका काम बाकी है।
रेरा में सभी प्रोजेक्ट की डेडलाइन तय है, लेकिन अब क्रेडाई अपने हाथ खड़े कर दिए है। निर्माण सामग्री विक्रेताओं का कहना है कि निर्माण सामग्री उपलब्ध कराने वाली कंपनियों ने अपनी उत्पादन क्षमता को सिर्फ 25 फीसद कर दिया है, जिससे बाजार में मांग की तेजी बनी रहे, आर्टीफिशियल तरीके से दामों में तेजी लाकर दरों में बढ़ोत्तरी की जा सके।
नेफोवा अध्यक्ष अभिषेक कुमार ने बताया कि रियल स्टेट में 2009-10 में बूम आया। बिल्डरों को जमीन आवंटित की गई। बिल्डरों को 2014-15 में खरीदारों को पजेशन देना था। खरीदार ने फ्लैटों की कुल लागत का करीब 95 प्रतिशत पैसा बिल्डर को दे दिया है। ऐसे में दो साल से कोरोना और अब कंस्ट्रक्शन कास्ट का बहाना बनाकर यह लोग फ्लैट और डिले करना चाहते हैं।
कई परियोजनाओं को रोक दिया
कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि चिंताजनक है। महामारी ने पिछले दो वर्षों से पहले ही कई परियोजनाओं को रोक दिया है। अब कीमतें डेवलपर्स की सामर्थ्य से परे हैं। स्टील की कीमतें 100 प्रतिशत से अधिक बढ़ गई हैं। अन्य कच्चे माल में इनपुट लागत में 30-40 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। हम समय सीमा के भीतर परियोजनाओं को वितरित नहीं कर पाएंगे और यह ग्राहक-डेवलपर संबंध को भी नुकसान पहुंचाएगा।
युद्ध के प्रभाव के कारण स्थिति और खराब
कच्चे माल की कीमतें पिछले दो से तीन महीनों में उच्च स्तर पर हैं। युद्ध के प्रभाव के कारण स्थिति और खराब हो गई है। इस स्थिति ने डेवलपर्स को निर्माण स्थलों पर काम रोकने के लिए मजबूर किया है। यह एनसीआर रियल एस्टेट मार्केट को भी प्रभावित करेगा।
उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के महामंत्री मनोज भाटी ने बताया कि जहां भी निर्माण सामग्री जा रही थी, उन जगहों पर काम रुकने लगा है। निर्माण सामग्री के दाम लगातार बढ़ रहे है। इस पर अंकुश लगना चाहिए।
निर्माण में उपयोग होने वाली सामग्री की स्थिति
सामग्री दाम
सीमेंट 430 रुपये प्रति बैग
सरिया 70 रुपये प्रति किलो
ईंट 5700 रुपये (एक हजार)
तार 90 रुपये प्रति किलो
डस्ट 55 रुपये प्रति फिट
रोड़ी 55 रुपये प्रति क्यूबिक फिट
बदरपुर 58 रुपये प्रति फिट