जानिये- दिल्ली-NCR में क्यों पड़ रही इतनी भीषण सर्दी, टूट गया डेढ़ दशक का रिकॉर्ड
पिछले एक पखवाड़े से दिल्ली-एनसीआर का तापमान 6 डिग्री से नीचे ही चल रहा है। पिछले दिनों गुरुग्राम में न्यूनतम पारा 1.4 डिग्री तो दिल्ली में न्यूनतम पारा 2.6 रहा।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। देश की राजधानी दिल्ली समेत पूरा उत्तर भारत शीत लहर की चपेट में है। वहीं, दिल्ली-एनसीआर में भीषण सर्दी का आलम यह है कि यहां पर रोजाना पूराने रिकॉर्ड टूट तो नए रिकॉर्ड बन रहे हैं। आकड़े साफ बता रहे हैं कि पिछले 13 सालों के दौरान दिल्ली के लोगों को ऐसी सर्दी का सामना नहीं करना पड़ा। स्काईमेट के मौसम वैज्ञानिक महेश पलावत ने बताया कि रात के समय ऊर्जा पृथ्वी की सतह से निकलकर ऊपर आसमान की तरफ पहुंच रही है। लिहाजा, तापमान में लगातार गिरावट दर्ज हो रही है। रविवार भी को दिल्ली का न्यूनतम तापमान 3 डिग्री दर्ज हुआ, तो वहीं गुरुग्राम का न्यूनतम तापमान 0.4 डिग्री दर्ज हुआ।
एक पखवाड़े से जारी है गिरते पारे का टॉर्चर
दो दशक पूर्व आसमान में बादलों के छाने के साथ न्यूनतम तापमान गिरना दिल्ली में आम रहा है, लेकिन दिल्ली में छह डिग्री सेल्सियस तक तापमान गिरने के साथ दिन में भी धूप भी निकल रही है। ताज्जुब की बात है कि धूप में भी लोगों को कंपकंपी का सामना करना पड़ रहा है। कुछ दिनों से तापमान 3-5 डिग्री सेल्सियस के बीच है। पिछले एक पखवाड़े से दिल्ली-एनसीआर का तापमान 6 डिग्री से नीचे ही चल रहा है। पिछले दिनों गुरुग्राम में न्यूनतम पारा 1.4 डिग्री तो दिल्ली में न्यूनतम पारा 2.6 रहा। रविवार को तो गुरुग्राम का न्यूनतम तापमान 0 .4 डिग्री तक पहुंच गया। बताया जा रहा है कि न्यूनतम तापमान 2 डिग्री तक भी जा सकता है या फिर कई दिनों तक 2-3 के बीच रह सकता है।
मौसम विभाग के मुताबिक, 13 साल पहले वर्ष 2005 के बाद ऐसा कोई साल नहीं आया है, जब पांच दिन से अधिक छह डिग्री न्यूनतम तापमान रहा हो। इस साल लगातार 13 दिन से छह डिग्री से नीचे न्यूनतम तापमान रहा है और आगे भी कुछ दिन तक रहने के आसार हैं।
मौसम विभाग की मानें तो साल 2005 में ऐसे दिन केवल 4, साल 2007 में 5 दिन, साल 2011 में 5 दिन, साल 2013 में 4 दिन तो साल 2014 में ऐसे दिनों की संख्या 5 दिन ही रही थी। मौसम विभाग के मुताबिक, इस साल 18 दिसंबर को न्यूनतम तापमान 6.2 डिग्री सेल्सियस रहा। इसके बाद से अभी तक लगातार न्यूनतम तापमान छह डिग्री से नीचे बना हुआ है। आगे भी चार-पांच दिन तक न्यूनतम तापमान के छह डिग्री से नीचे ही बने रहने की संभावना जताई जा रही है।
शिमला से भी ठंडी रही दिल्ली
दिल्ली शनिवार को शिमला से भी अधिक ठंडी हो गई तो रविवार को भी ऐसे ही हालात रहे और न्यूनतम तापमान 3 डिग्री सेल्सियस रहा। रविवार को साप्ताहिक अवकाश के चलते ज्यादातर लोग घरों में कैद रहे, मॉल आदि जगहों पर भी संख्या कम ही दिखी। इससे पहले शनिवार को न्यूनतम तापमान ने कई रिकॉर्ड तोड़ दिए। जहां, शिमला का न्यूनतम तापमान शनिवार को 4.5 डिग्री सेल्सियस रहा, वहीं दिल्ली में यह 2.6 पहुंच गया।
आठ साल में सबसे ठंडा रहा 29 दिसंबर
मौसम विभाग के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, पिछले आठ साल में पहली बार 29 दिसंबर को इतनी अधिक ठंड महसूस हुई। वहीं, इससे पहले 2.6 डिग्री सेल्सियस तापमान 2014 में 28 दिसंबर को दर्ज किया गया था। शनिवार को अधिकतम तापमान सामान्य से दो डिग्री कम के साथ 20 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ जबकि हवा में नमी का अधिकतम स्तर 100 और न्यूनतम 45 फीसद दर्ज हुआ।
गुरुग्राम में न्यूनतम तापमान 2, पूसा में 2.4, लोदी रोड में 2.5, जाफरपुर में 3 और मुंगेशपुर में 3.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। मौसम विभाग के मुताबिक, रविवार को शीतलहर चलने की उम्मीद थी और चली भी।
... इसलिए तापमान में आ रही गिरावट
स्काईमेट के मौसम वैज्ञानिक महेश पलावत ने बताया कि दिल्ली में बीते एक हफ्ते से न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा दर्ज नहीं हुआ है। इसका कारण है कि दिल्ली में इस साल दिसंबर के आखिरी हफ्ते में ज्यादा कोहरा एवं बादल नहीं छाए। उन्होंने कहा कि सूरज की किरणों से पृथ्वी की सतह गर्म होती है और उसमें ऊर्जा पहुंचती है। रात के समय यह ऊर्जा पृथ्वी की सतह से निकलकर ऊपर आसमान की तरफ जाती है। बादल व कोहरा छाने की स्थिति में यह ऊर्जा आसमान की ओर न जाकर बीच में ही कैद हो जाती है, जिससे तापमान कम दर्ज नहीं होता है। जबकि, इस समय बादल न छाने के कारण यह ऊपर आसमान की तरफ पहुंच रही है। लिहाजा, तापमान में लगातार गिरावट दर्ज हो रही है।
आगे ऐसा रहेगा मौसम
महेश पलावत ने बताया कि दिल्ली और आसपास के इलाकों में आने वाले दिनों में एक बार फिर ठंडी हवा चल सकती है। जनवरी की शुरुआत में एक और पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत में दस्तक देगा, जिससे पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी होने के आसार हैं। साथ ही हवा की दिशा बदलकर पूर्वी दिशा से चलने लगेंगी। 24 एवं 25 दिसंबर के आसपास पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत में पहुंचा था, जिसके बाद से कोई दूसरा पश्चिमी विक्षोभ नहीं आया है। इस कारण भी लगातार उत्तर-पश्चिम दिशा से ठंडी हवा दिल्ली की तरफ चल रही है।
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