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    Delhi Pollution 2022: दिल्ली की सड़कों पर घूम रहे जैदान की सलाह पर करें गौर, वरना भविष्य में पड़ेगा पछताना

    By Nemish HemantEdited By: JP Yadav
    Updated: Fri, 11 Nov 2022 08:01 AM (IST)

    दिल्ली वालों को प्रदूषण के प्रति भविष्य की संभावित भयावहता से आठ वर्षीय जैदान आगाह कर रहे हैं। दरअसल हर सर्दी दिल्ली में प्रदूषण के काले बादल छा जाते हैं। इसे अधिकतर दिल्ली वालों ने अपनी नियति मान लिया है। वहीं अब इसी को लेकर जैदान अभियान चलाए हुए हैं।

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    वायु प्रदूषण के प्रति 8 वर्षीय जैदान कर रहा लोगों को जागरूक।

    नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। सरकार व सिविक एजेंसियों के तमाम प्रयासों के बाद भी तकरीबन 15 दिन से दिल्ली गैस चैंबर बनी हुई है। हवा की गुणवत्ता बेहद खराब है। सांस लेने में प्रदूषण सीधे सीने में जा रहा है। इसके चलते बच्चों और बुजुर्ग के साथ वे लोग खासे परेशान हैं। इस बीच दिल्ली वालों को इसी भविष्य की संभावित भयावहता से आगाह कर रहे हैं आठ वर्षीय जैदान।

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    8 वर्षीय जैदान पिछले कई दिनों से कनाट प्लेस, दिल्ली विश्वविद्यालय व पुरानी दिल्ली समेत अन्य इलाकों में घूमकर लोगों को दिल्ली को प्रदूषण मुक्त बनाने की अपील कर रहे हैं। वह मास्क पहने हुए हैं साथ में प्रतीकात्मक सिलेंडर भी लेकर घूमते हैं। उनके हाथों में दिल्ली को बचाने की अपील लिखे प्ले कार्ड होते हैं।

    लोगों से कर रहे पर्यावरण स्वच्छ रखने की अपील

    जैदान आते जाते लोगों से दिल्ली को अधिक से अधिक हरा बनाने और कचरा मुक्त करने की अपील करते हैं। इसके लिए वह पौधे भी साथ में रखते हैं। सदर बाजार निवासी आठ वर्षीय जैदान कक्षा चार के छात्र हैं। इस उम्र में उनसे अपेक्षा खेलने कूदने की होनी चाहिए, लेकिन वह समझदार हैं।

    जैदान ने बताया, आखिर क्यों ऐसा करने की जरूरत

    दिल्ली-एनसीआर समेत देश-दुनिया में वायु प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है। जैदान का कहना है कि ऐसे में अगर आज हम सभी चिंतित नहीं हुए तो भविष्य में मेरी डेढ़ वर्ष की बहन और मुझे समेत सभी दिल्ली वालों को शुद्ध आक्सीजन बीते दिनों की बात हो जाएगी, इसलिए उन्हें भविष्य की चिंता में घर से बाहर निकलना पड़ा है।

    माता-पिता भी दे रहे अभियान में साथ

    जैदान के इस अभियान में उनके पिता और माता का भी बखूबी साथ मिल रहा है क्योंकि वह भी इस समस्या की भयावहता को गंभीरता से समझते हैं। उनके पिता कासिफ कुरैशी व्यवसायी हैं। जबकि मां गृहणी। पिता बताते हैं कि स्कू, ट्यूशन और होमवर्क के बाद जितना समय बच रहा है, उसमें जैदान का काम लोगों को इस समस्या के प्रति जागरूक करने का है।

    जारी रहेगा अभियान

    दिल्ली में इस मौसम जब वायु प्रदूषण की समस्या गहराने लगी तो उसने इसे लेकर तमाम सवाल पूछे। स्कूल में भी इस समस्या का हल जानने की कोशिश की। अध्यापकों ने बताया कि पौधरोपण के साथ ही वाहनों के कम इस्तेमाल और गंदगी को दूर कर दिल्ली को स्वच्छ बनाया जा सकता है, पर इसके लिए सभी दिल्ली वालों को साथ आना होगा। इसलिए सबसे पहले घर के बाहर गलियों में लोगों को जागरूक करने का यह अभियान शुरू हुआ। लेकिन इस परिधि के बाहर वह अकेले नहीं जा सकता है, इसलिए जब उन्हें व्यवसाय से समय मिलता है, तब बेटे और परिवार के साथ दिल्ली के दूसरे इलाके में जाते हैं।  

    दिल्ली-एनसीआर का हाल बेहाल

    जिन्हे सांस संबंधित बीमारी है, जिसके चलते उन्हें एयर प्यूरीफायर तक से काम चलाना पड़ रहा है। ऐसा नहीं है कि यह स्थिति इसी साल है बल्कि पिछले कई सालों से जाड़े के मौसम में दिल्ली में हवा की ऐसी भयावह स्थिति बन जाती है। इस स्थिति से जैदान खासे चिंतित हैं। उन्हें डर है कि अगर इस स्थिति में बदलाव लाने के तत्काल ठोस प्रयास शुरू नहीं किए गए और इसका परिणाम जल्द देखना शुरु नहीं हुआ, तो दिल्ली में वह स्थिति भी आ सकती है जब हर किसी को ऑक्सीजन सिलेंडर साथ लेकर घूमना पड़ सकता है।