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    जानिए बटरफ्लाई मंथ के तहत राजधानी में तितलियों के लिए क्या किए जाएंगे नए इंतजाम, कैसे बढ़ाई जाएगी संख्या

    विभिन्न कालोनियों व सोसायटियों के लोगों के साथ मिलकर तितलियों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करने की पहल की है। बीएनएचएस के सेंटर इंचार्ज सोहेल मदान ने बताया कि हर साल राजधानी में तितलियों की गिनती के लिए एक माह का कार्यक्रम चलाया जाता है।

    By Vinay Kumar TiwariEdited By: Updated: Wed, 01 Sep 2021 01:31 PM (IST)
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    तितलियों की संख्या बढ़ाने के लिए उनके अनुकूल वातावरण तैयार करने की पहल की जा रही है।

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। राजधानी में तितलियों की संख्या बढ़ाने के लिए उनके अनुकूल वातावरण तैयार करने की पहल की जा रही है। चार सितंबर से शुरू हो रहे बिग बटरफ्लाई मंथ के तहत इसके लिए जगह-जगह तितली हैबिटेट बनाए जाएंगे। एनसीआर में तितलियों की संख्या घट रही है। इसे देखते हुए बांबे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी (बीएनएचएस) ने विभिन्न कालोनियों व सोसायटियों के लोगों के साथ मिलकर तितलियों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करने की पहल की है। बीएनएचएस के सेंटर इंचार्ज सोहेल मदान ने बताया कि हर साल राजधानी में तितलियों की गिनती के लिए एक माह का कार्यक्रम चलाया जाता है। इसमें तितलियों की नई प्रजातियों से लेकर उनकी संख्या आदि का डेटा जुटाया जाएगा।

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    उन्होंने बताया कि इस दौरान लोगों व विभिन्न सिविक एजेंसियों को भी इसके लिए प्रेरित किया जाता है कि वे जगह-जगह तितलियों के लिए होस्ट प्लांट व फूल के पौधे लगाएं ताकि तितलियां उन पर अंडे दे सकें। सोहेल मदान ने बताया कि अभी तक एनसीआर में कुल 67 तितली हैबिटेट बनाए जा चुके हैं। इनमें से 10 तितली पार्क विभिन्न स्कूलों, 17 पब्लिक पार्कों व 40 को होम गार्डन व टैरेस गार्डन में बनाया गया है।

    उन्होंने बताया कि लोग अपने घरों के आसपास कढ़ी पत्ता, मदार, वज्रदंती, चौलाई, नींबू, अरंडी, पथरचट्टा व सेना आदि के पौधे लगाएं तो तितलियां इन पर जरूर आएंगी। उन्होंने बताया कि राजधानी में पिछले साल इंडियन रेड फ्लैश, प्लेन टाइगर व कामन ग्रास यलो आदि प्रजाति की तितलियां देखी गई थीं। उम्मीद है कि इस बार की गणना में अन्य प्रजातियां भी मिलेंगी।