Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पाकिस्तान के पीएम इमरान खान को करारा जवाब देने वालीं स्नेहा दुबे का जानिये क्या है JNU कनेक्शन

    By Jp YadavEdited By:
    Updated: Sun, 26 Sep 2021 07:12 AM (IST)

    Sneha Dubey News स्नेहा के बारे में जेएनयू में क्षेत्रीय अध्ययन विकास केंद्र (आरएसडीसी) के अध्यक्ष प्रो. मिलाप पुनिया ने कहा कि यूएनजीए में पाकिस्तान की बोलती बंद करके स्नेहा ने जेएनयू का भी गौरव बढ़ाया है। जेएनयू को उन पर गर्व है। वह शुरू से ही मेधावी रही हैं।

    Hero Image
    पाकिस्तान के पीएम इमरान खान को करारा जवाब देने वालीं स्नेहा दुबे का जानिये क्या है JNU कनेक्शन

    नई दिल्ली [राहुल चौहान]। संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में भारत की प्रथम सचिव स्नेहा दुबे शनिवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की बोलती बंद करके सुर्खियों में आ गईं। उन्होंने अपनी स्नातकोत्तर और एमफिल की पढ़ाई दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) से पूरी की है। स्नेहा के बारे में जेएनयू में क्षेत्रीय अध्ययन विकास केंद्र (आरएसडीसी) के अध्यक्ष प्रो. मिलाप पुनिया ने कहा कि यूएनजीए में पाकिस्तान की बोलती बंद करके स्नेहा ने जेएनयू का भी गौरव बढ़ाया है। जेएनयू को उन पर गर्व है। वह शुरू से ही मेधावी रही हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर शुरू से है स्नेहा की रुचि

    यहां पर बता दें कि स्नेहा दुबे गोवा की निवासी है। उनका बचपन भी गोवा में ही बीता है और प्रारंभिक शिक्षा भी वहीं से हासिल की है। इसके बाद उन्होंने अपनी स्नातक की पढ़ाई पुणे के फर्ग्युसन कालेज से पूरी की थी। उच्च शिक्षा की कड़ी में स्नेहा दुबे ने वर्ष 2008 में जेएनयू में दाखिला लिया। उन्होंने जेएनयू के आरएसडीसी से भूगोल विषय में अपनी स्नातकोत्तर की पढ़ाई वर्ष 2010 में पूरी की थी। उस समय से ही स्नेहा की अंतरराष्ट्रीय मामलों में रुचि थी। लेक्चर के दौरान वह अक्सर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों को लेकर चर्चा करती थीं।

    राष्ट्रवादी विचारों के करीब हैं स्नेहा

    स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी करने के बाद स्नेहा ने जेएनयू में स्कूल आफ इंटरनेशनल स्टडीज में अपनी एमफिल की पढ़ाई पूरी की थी। जेएनयू में वर्ष 2008 में फ्रेंच स्नातक में दाखिला लेने वाले विनयकांत ने बताया कि जब स्नेहा जेएनयू में एमए कर रही थीं तब वह भी पढ़ाई कर रहे थे। इस दौरान कई मौकों पर उन्होंने देखा कि स्नेहा का राष्ट्रवादी विचारों के करीब हैं। हालांकि, वह छात्र राजनीति से दूर रहती थीं।

    पढ़ाई के प्रति शुरू से संजीदा रही हैं स्नेहा

    वहीं, जेएनयू के प्रो. गोवर्धन दास ने बताया कि स्नेहा का बौद्धिक स्तर काफी मजबूत था। उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर वाद-विवाद करने में काफी रुचि थी। जेएनयू में होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों में स्नेहा वाद-विवाद प्रतियोगिता में सामाजिक और राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय विषयों पर जमकर बहस करती थीं। साथ ही वह अपनी पढ़ाई के प्रति काफी लग्नशील थीं।

    एमफिल के दौरान ही शुरू की थी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी

    स्नेहा इस दौरान जेएनयू के छात्रावास में ही रहती थीं। वर्ष 2012 में स्नेहा की एमफिल की पढ़ाई पूरी हो गई। साथ ही इसी वर्ष उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में सिविल सेवा परीक्षा में उनका भारतीय विदेश सेवा (आइएफएस) के लिए उनका चयन हो गया। विदेश मंत्रालय में उनकी पहली नियुक्ति हुई। इसके बाद उन्हें मैड्रिड स्थित भारतीय दूतावास भेजा गया। अपने परिवार से वह पहली सिविल सेवा अधिकारी हैं। सहपाठियों की मानें तो एमफिल की पढ़ाई के दौरान ही स्नेहा ने सिविल सेवा परीक्षा की भी तैयारी शुरू कर दी थी।

     

    comedy show banner
    comedy show banner