सोशल मीडिया की फर्जी खबरें बिगाड़ रही हैं ताना बाना, युवाओं को करना होगा जागरूक
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही फर्जी खबरें लोकतांत्रिक व्यवस्था का ताना बाना बिगाड़ रही हैं। इनसे निपटने के लिए युवाओं को जागरूक करना होगा।
फरीदाबाद [राज्य ब्यूरो]। सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों (फेक न्यूज) का असर पूरे समाज खासतौर पर युवाओं पर पड़ रहा है। इससे निपटने की चुनौतियों पर मानव रचना अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय के सभागार में बुधवार को नेशनल मीडिया कॉन्क्लेव हुआ। इसमें मीडिया दिग्गजों ने माना कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रही फर्जी खबरें लोकतांत्रिक व्यवस्था का ताना बाना बिगाड़ रही हैं। इनसे निपटने के लिए युवाओं को जागरूक करना होगा।
सत्यता परखना जरूरी
मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज की तरफ से आयोजित इस कॉन्क्लेव में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार संजय बारू को भी आना था मगर वे किसी कारण वश नहीं आए। वरिष्ठ पत्रकार प्रभु चावला ने कहा कि तकनीक के इस जमाने में सूचनाएं तो एकत्र करनी चाहिए मगर उनकी सत्यता परखने के लिए केंद्र या राज्य सरकार की वेबसाइट पर जाना चाहिए।
सवालों के दिए जबाव
कान्क्लेव में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के मीडिया सलाहकार अमित आर्य, राज्यसभा टीवी के मुख्य संपादक राहुल महाजन, वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप बागची, राणा यशवंत, लेखक सबा नकवी सहित रोहित गांधी ने फर्जी खबरों की बाबत विद्यार्थियों की जिज्ञासा भरे सवालों के जबाव दिए।
प्रिंट मीडिया की खबरें ज्यादा विश्वसनीय
पत्रकार हितेश शंकर सहित मणिपुर मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार रजत सेठी ने कहा कि प्रिंट मीडिया की खबरें ज्यादा विश्वसनीय हैं। बड़े मीडिया हाउस द्वारा सोशल मीडिया पर दी जाने वाली सूचनाएं ज्यादा विश्वसनीय हैं। इससे पहले विश्वविद्यालय की ओर से डॉ. नीमो धर ने सभी का स्वागत किया। इस दौरान कान्क्लेव के विषय को लेकर एक पत्रिका का भी विमोचन किया गया। मानव रचना संस्थान की ओर से उपकुलपति डॉ. एनसी वाधवा और ट्रस्टी डॉ.एमएम कथूरिया ने आए हुए अतिथियों का आभार जताया।