Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Lockdown in Delhi: प्रवासी श्रमिक विमान से उड़कर पहुंचे बिहार, तो बढ़ गई गांव पहुंचने की खुशी

    By Prateek KumarEdited By:
    Updated: Sat, 30 May 2020 02:44 PM (IST)

    किसान पप्पन सिंह गहलोत ने बताया कि विशेष श्रमिक एक्सप्रेस में सीट के लिए पंजीकरण कराया लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। इसके बाद उन्‍होंने फ्लाइट की टिकट काट दी।

    Lockdown in Delhi: प्रवासी श्रमिक विमान से उड़कर पहुंचे बिहार, तो बढ़ गई गांव पहुंचने की खुशी

    दिल्‍ली/समस्तीपुर, जागरण संवाददाता। आसमान में उड़ते हवाई जहाज को गांव में देखते थे। दिल्ली में भी चिड़िया जैसे उड़ते जहाज को ही देखा। कभी एयरपोर्ट तक नहीं पहुंचे। ऐसे 10 मजदूर गुरुवार को दिल्ली से हवाई सफर में थे। पटना उतरे तो गाड़ी बुक की और गांव की ओर चल पड़े। उनकी हवाई यात्रा की खबरें पहले ही प्रकाशित और प्रसारित हो चुकी थीं, तो पटना से समस्तीपुर तक वीआइपी ट्रीटमेंट मिला।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    10 मजदूरों को मिली सुविधा

    लॉकडाउन के कारण दिल्ली में फंसे समस्तीपुर जिले के 10 प्रवासी किसान श्रमिक गुरुवार को हवाई सफर के बाद अपने गांव के नजदीक पहुंच गए। ये सभी खानपुर प्रखंड के श्रीपुरगाहर गांव के निवासी हैं। दिल्ली के तिगीपुर के किसान पप्पन सिंह गहलोत के मशरूम फर्म में काम करते थे। सीजन खत्म होने के बाद लौट जाते थे, लेकिन इस बार लॉकडाउन में फंस गए थे।

    ट्रेन की जगह फ्लाइट से भेजा गांव

    घर आने की इच्छा हुई तो पप्पन सिंह ने ट्रेन की जगह फ्लाइट से गांव भेजने का निश्चय किया। परिस्थितियां थोड़ी सामान्य हुईं तो 68 हजार खर्च कर टिकट बुक कराए। गुरुवार सुबह छह बजे दिल्ली से पटना के लिए इंडिगो विमान ने उड़ान भरी और 07.15 बजे पटना पहुंची। दिल्ली एयरपोर्ट तक छोड़ने खुद किसान के भाई पहुंचे थे।

    ट्रेन में नहीं मिली बुकिंग

    किसान पप्पन सिंह गहलोत ने बताया कि विशेष श्रमिक एक्सप्रेस में सीट के लिए पंजीकरण कराया, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। उन्होंने प्रवासियों को श्रमिक ट्रेन से जाने के लिए धूप में लाइन लगते देखा। कहा, ये हमारे साथी हैं उन्हें इस हाल में नहीं छोड़ सकते, फिर फ्लाइट की बात सोची। पप्पन के फर्म में काम करने वाले नवीन ने कहा कि हवाई सफर के बारे में सोचा भी नहीं थी मगर यह सब सपने जैसा है। किसान लखिंदर राम ने कहा कि दिल्ली में किसान के यहां पिछले 27 वर्ष से काम कर रहे हैं। उन्होंने कभी दिक्कत नहीं होने दी।