जानें, अगले दो महीने में कैसे करें जेईई की स्मार्ट तैयारी, फालो करें ये टिप्स
जेईई मेन और जेईई एडवांस्ड दोनों परीक्षाएं करीब हैं। जेईई मेन जहां 20 जून से 29 जून के बीच प्रस्तावित है वहीं जेईई एडवांस्ड अब 28 अगस्त को आयोजित होगा। ऐसे में इंजीनियरिंग में भविष्य बनाने की इच्छा रखने वाले छात्रों के लिए अगले दो-ढाई महीने बहुत अहम होंगे।

नई दिल्ली, स्वाति जैन। एक कहावत है कि सफलता के लिए हार्ड वर्क से ज्यादा जरूरी है स्मार्ट वर्क। उदाहरण के तौर पर किसी बोतल के चूड़ीदार ढक्कन को खोलने के लिए उसे बहुत जोर से ताकत लगाकर नहीं खींचना होता, बस सही दिशा में चूड़ियां घुमानी होती हैं। यही तरीका पढ़ाई के मामले में भी कारगर है।
जेईई मेन और जेईई एडवांस्ड दोनों परीक्षाएं करीब हैं। जेईई मेन जहां 20 जून से 29 जून के बीच प्रस्तावित है, वहीं जेईई एडवांस्ड अब 28 अगस्त को आयोजित होगा, जो पहले 3 जुलाई को प्रस्तावित था। ऐसे में इंजीनियरिंग के क्षेत्र में भविष्य बनाने की इच्छा रखने वाले छात्रों के लिए इन परीक्षाओं की अहमियत किसी से छिपी नहीं है। अगले दो-ढाई महीने ऐसे हर बच्चे के लिए बहुत अहम होंगे। लेकिन यह भी सच है कि इन परीक्षाओं की तैयारी रातोंरात नहीं हो सकती है। न ही मात्र दो महीने पढ़कर इन्हें क्वालीफाई करने के बारे में सोचना चाहिए। यहां समझदारी इस बात में है कि आप अपनी अब तक की पढ़ाई को कितनी सूझबूझ के साथ इन बाकी बचे दो महीनों में कैसे रिवाइज करेंगे, क्योंकि इसी पर काफी हद तक आपकी सफलता टिकी होगी।
न करें एनसीईआरटी की किताबों की अनदेखी
एनसीईआरटी की किताबों को सबसे अच्छी तरह लिखी गई किताबों में माना जाता है। इसलिए तैयारी करते समय इनकी अनदेखी बिल्कुल नहीं करनी चाहिए। एनसीईआरटी के अलावा भी किसी अन्य किताब को पढ़ें, लेकिन यह ध्यान रहे कि बहुत ज्यादा किताबें जुटा लेना सही नहीं है। बहुत सारी किताबें रख लेना और उनमें से किसी को भी पूरा नहीं कर पाना, बिल्कुल भी ठीक बात नहीं है। इससे अच्छा है कि एक किताब को ही अच्छी तरह से पढ़ें।
रिवाइज के समय वेटेज का रखें ध्यान
बीते वर्षों के प्रश्नपत्रों को देखने के बाद परीक्षा में विभिन्न विषयों और उनके अलग-अलग खंडों के वेटेज के बारे में आसानी से पता लग जाता है। ऐसे में अपनी रुचि के हिसाब से और वेटेज को ध्यान में रखते हुए रिवाइज करना ही स्मार्ट तरीका है। परीक्षा के दिन जब नजदीक आने लगें, तब किसी नये टापिक को पढ़ने/सीखने की कोशिश से ज्यादा अच्छा है कि उन टापिक्स को पक्का कर लें, जिन पर आपकी पकड़ है।
वक्त है स्मार्ट होने का : ओसवाल बुक्स की एडिटोरियल डायरेक्टर स्वाति जैन ने बताया कि बात जब स्मार्ट होने की हो, तो स्मार्टफोन और स्मार्ट गैजेट्स को कैसे भूल सकते हैं। स्मार्ट गैजेट्स ने सभी के समक्ष संभावनाओं के नये द्वार खोल दिए हैं। मौजूदा समय में बहुत से प्रतिष्ठानों के कई टूल्स भी उपलब्ध हैं, जो अच्छी तैयारी करने में मदद करते हैं। इनकी मदद से आप सैंपल पेपर से लेकर पिछले साल के पेपर तक पर अपनी तैयारी को आजमा सकते हैं। इन टूल्स से आपको बिल्कुल रियल टाइम में परीक्षा में शामिल होने का अनुभव होता है। इससे न सिर्फ आप अपनी तैयारी को आंक पाते हैं, बल्कि अपनी स्पीड को भी जान पाते हैं। ऐसे टूल्स की मदद से बाकी बचे समय में स्मार्ट तरीके से खुद को परीक्षा के लिए तैयार कर सकते हैं और सफलता की राह पर बढ़ सकते हैं।
ओसवाल बुक्स की एडिटोरियल डायरेक्टर स्वाति जैन
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