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    सस्पेंस थ्रिलर फिल्म की तरह है दिल्ली के राजू-नीतू की खूनी Love Story

    By JP YadavEdited By:
    Updated: Sat, 29 Jun 2019 04:51 AM (IST)

    नीतू मटियाला में परिवार के साथ रहती थी और वहीं से एमसीडी काउंसर का चुनाव लड़ी थी। दोनों शादी करना चाहते थे लेकिन एक गोत्र होने के कारण दोनों के घर वाल ...और पढ़ें

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    सस्पेंस थ्रिलर फिल्म की तरह है दिल्ली के राजू-नीतू की खूनी Love Story

    नई दिल्ली, जेएनएन। आठ साल पहले टैटू गर्ल नीतू सोलंकी का हत्यारोपित राजू गहलोत 2013 से गुरुग्राम में छिपकर रह रहा था, लेकिन दिल्ली पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी। उसने रोहन दहिया के नाम से फर्जी पैन कार्ड व आधार कार्ड बनवा लिया था, लेकिन पिता का नाम सही दिया था। क्राइम ब्रांच का कहना है कि राजू गहलोत के पिता की मृत्यु हो चुकी है। मां की मानसिक हालत ठीक नहीं है। वहीं, पुलिस ने राजू के परिवार को इसकी जानकारी दी तो परिजन पहले पहचान से इनकार करने लगे। आखिरकार उसके चाचा रण सिंह गहलोत, जो दिल्ली पुलिस से रिटायर्ड एसीपी हैं, ने उसकी पहचान कर ली। 

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    घर वालों के संपर्क में भी नहीं था टैटू गर्ल का हत्यारोपित राजू गहलोत
    पुलिस की मानें तो राजू गहलोत की प्रेमिका नीतू के साथ रहने के कारण परिवार के अन्य सभी सदस्यों से उसका झगड़ा था, इसलिए गुरुग्राम में छिपकर रहने के दौरान उसने कभी परिवार के सदस्यों से संपर्क नहीं किया। जांच से पता चला है कि गुरुग्राम में राजू पहले दूसरी कंपनी में नौकरी करता था। 2017 में उसने कोचर इंफोटेक ज्वाइन की थी। उसे वहां 25 हजार तनख्वाह मिलती थी।

    आठ साल से फरार चल रहे राजू के बारे में बुधवार को पता चला था कि वह गुरुग्राम के पारस अस्पताल में भर्ती हुआ है। उसका गुर्दा खराब हो गया था। टीम जब वहां पहुंची, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। उसपर दिल्ली पुलिस की तरफ से दो लाख रुपये का इनाम था। राजू को दबोचने के लिए दिल्ली पुलिस ने कई सालों तक जी तोड़ मेहनत की, लेकिन सफलता नहीं मिली। 

    बता दें कि 2011 में काले रंग के सूटकेस में नीतू सोलंकी की लाश मिली थी। टैटू से पहचान के बाद पुलिस ने उसके प्रेमी राजू गहलोत को आरोपित बनाया था। इनाम के अलावा पुलिस ने देशभर के हवाई अड्डे पर गहलोत के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी करवा दिया था।

    राजू ने फ्रेंच लैंग्वेज में डिप्लोमा कर रखा था और एयर इंडिया का पूर्व कर्मचारी भी था। गुरुग्राम में कई सालों से रोहन दहिया के नाम से रह रहा था। राजू की तलाश के लिए दिल्ली पुलिस उसके घर के सभी सदस्यों, रिश्तेदारों व दोस्तों के मोबाइल को सर्विंलांस पर रखा हुआ था, लेकिन सफलता नहीं मिली।

    नीतू मटियाला में परिवार के साथ रहती थी और वहीं से एमसीडी काउंसर का चुनाव लड़ी थी। दोनों शादी करना चाहते थे, लेकिन एक गोत्र होने के कारण दोनों के घर वाले तैयार नहीं थे, इसलिए उन्होंने घर छोड़कर पहले हरी नगर फिर आश्रम में रहना शुरू किया था। बाद में किसी कारण राजू ने नीतू की हत्या कर उसके शव को काले रंग के सूटकेस में डालकर नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के बाहर पार्किंग एरिया में छोड़ दिया था।

    मिली जानकारी के मुताबिक, एक सामान्य परिचय के बाद नवादा का राजू गहलोत और मटियाला की नीतू सोलंकी 2010 में करीब आए। दोनों एक ही गोत्र के थे, इसलिए शादी के लिए परिजनों की इजाजत नहीं मिली। लॉ ग्रैजुएट होने के बावजूद कॉल सेंटर में काम करने वाली नीतू ने मार्च 2010 में परिजनों से सिंगापुर में जॉब लगने की बात कही और गायब हो गई। राजू ने भी अप्रैल 2010 में एयर इंडिया से जॉब छोड़ दी। ये दोनों मुंबई, गोवा और बेंगलुरु में रहते रहे।

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