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जानिये- दिल्ली के 'जेपी भाई' के बारे में, कभी बेचते थे दूध और अब हैं भाजपा के कद्दावर नेता

JP Bhai of Delhi उत्तरी दिल्ली नगर निगम के महापौर जय प्रकाश के प्रारंभिक जीवन की बात करें तो उनका जीवन काफी संघर्ष भरा रहा है। उन्होंने अपनी युवा अवस्था में घर खर्च चलाने के लिए घर-घर जाकर दूध तक की बिक्री की।

By Jp YadavEdited By: Published: Thu, 20 May 2021 11:41 AM (IST)Updated: Thu, 20 May 2021 11:56 AM (IST)
जानिये- दिल्ली के 'जेपी भाई' के बारे में, कभी बेचते थे दूध और अब हैं भाजपा के कद्दावर नेता
जानिये- दिल्ली के 'जेपी भाई' के बारे में, कभी बेचते थे दूध और अब हैं भाजपा के कद्दावर नेता

नई दिल्ली [निहाल सिंह]। उत्तरी दिल्ली नगर निगम के महापौर जय प्रकाश का आज जन्म दिन है। वह बृहस्पतिवार को 46 वर्ष के हो गए। 20 मई, 1975 में उनका जन्म दिल्ली के सदर बाजार में हुआ। जय प्रकाश ने दिल्ली की राजनीति में अपने दम पर पहचान बनाई है। इतना ही नहीं, उन्होंने कई संघर्षों से निकलकर अपने आप को साबित भी किया है। जय प्रकाश अपने प्रशंसकों में जेपी भाई के नाम से मशहूर है। वह निगम में पार्षद बनने से पूर्व भाजपा में कई पदों पर रह चुके हैं।

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वर्ष 2010 में विजेंद्र गुप्ता जब प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बने तो उन्हें चांदनी चौक जिले का अध्यक्ष बनाया गया। इसके बाद वर्ष 2013 में प्रदेश अध्यक्ष विजय गोयल के साथ उन्होंने प्रदेश महामंत्री पद पर कार्य किया। इसके बाद सतीश उपाध्याय व मनोज तिवारी प्रदेश के अध्यक्ष बनने पर वह प्रदेश उपाध्यक्ष बनाए गए। प्रमुख पदों पर काम करने की वजह है कि उनकी न केवल निगम के मुद्दों पर मजबूत पकड़, बल्कि वह संगठनात्मक तौर पर भी काफी पकड़ रखते हैं। छोटे-छोटे कार्यकर्ताओं को नाम से पहचाने की आदत उन्हें अपने चहेतों के बीच लोकप्रिय कर देती है। वह महापौर बनने से पहले स्थायी समिति के अध्यक्ष भी थे। उनके अच्छे कार्यों को देखते हुए वर्ष 2020 में भाजपा ने उन्हें महापौर बनने की जिम्मेदारी दी थी।

जय प्रकाश के प्रारंभिक जीवन की बात करें तो उनका जीवन काफी संघर्ष भरा रहा है। उन्होंने अपनी युवा अवस्था में घर खर्च चलाने के लिए घर-घर जाकर दूध तक की बिक्री की। जय प्रकाश बताते हैं कि युवा होते-होते संयुक्त और बड़ा परिवार होने के चलते घर का खर्चा चलाने की जिम्मेदारी आई। ऐसे में घर में सात से आठ भैंसे थीं। जिनका वह सदर बाजार के विभिन्न घरों में जाकर दूध बेचा करते थे। इसके बाद स्कूल जाया करते थे। जय प्रकाश के परिवार में सात भाई और पांच बहने हैं। वह दिल्ली विश्वविद्यालय से पढ़े हुए हैं। उन्होंने वहीं से छात्र राजनीति की शुरुआत की थी। वर्ष 1988 में 1991 में वह अरविंदों कॉलेज छात्रसंघ के सचिव भी रहे हैं। वह छात्र जीवन से लेकर वर्ष 2004 तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लिए कार्य करते रहे।

अच्छे व्यवस्थापक के रूप में है पहचान

जय प्रकाश की पहचान एक व्यवस्थापक के रूप में है। भाजपा की चुनावी रेलियों से लेकर बड़े कार्यक्रमों की व्यवस्था की जिम्मेदारी जय प्रकाश के पास ही आती है। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दिल्ली में विभिन्न चुनावों में हुई रैलियों के व्यवस्थापक रह चुके हैं। इतना ही निगम से लेकर विधानसभा चुनावों में वह प्रदेश की तरफ से कार्यक्रमों के व्यवस्थापक तक नियुक्त किए गए हैं। जय प्रकाश ने 2008, 2013 और 2020 के विधानसभा चुनावों में सदर बाजार क्षेत्र से किस्मत आजमा चुके हैं जहां उन्हें सफलता नहीं मिली। वह 2013 का चुनाव 700 वोटों से हार गए थे। फिलहाल वह सदर बाजार क्षेत्र से पार्षद हैं।


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