Firing in Jamia Area: स्कूल के प्रबंधक का बयान, नाबालिग है 12 वीं में पढ़ने वाला छात्र
Firing in Jamia Area बेहद सामान्य परिवार का आरोपित छात्र जेवर के एक विद्यालय में 12वीं में पढ़ता है। उसके पिता परचून की दुकान चलाकर परिवार का पालन-पोषण कर रहे हैं।
नई दिल्ली/ ग्रेटर नोएडा, जागरण संवाददाता। नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के विरोध में बृहस्पतिवार को निकाले गए पैदल मार्च के दौरान तमंचे से फायरिंग करने का आरोपित छात्र मानसिक तनाव में था। वहीं, घटना के दूसरे दिन मीडिया के सामने आए निजी स्कूल के प्रिंसिपल ने जामिया प्रदर्शन के दौरान बंदूक लहराने वाले युवक के नाबालिग होने की पुष्टि करते हुए कहा कि सर्टिफिकेट बिल्कुल सही है और बच्चे की जन्मतिथि अप्रैल, 2002 है जिसके अनुसार ये बच्चा नाबालिग है।
पिता चलाते हैं परचून की दुकान
बेहद सामान्य परिवार का आरोपित छात्र जेवर के एक विद्यालय में 12वीं में पढ़ता है। उसके पिता परचून की दुकान चलाकर परिवार का पालन-पोषण कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनका बेटा बृहस्पतिवार सुबह स्कूल जाने की बात कहकर घर से निकला था। उन्हें नहीं मालूम कि वह कैसे दिल्ली पहुंच गया। हाई स्कूल की मार्कशीट व आधार कार्ड के अनुसार आरोपित नाबालिग है।
15 दिन से मानसिक तनाव में था
उसके पिता ने दावा किया कि करीब 15 दिन से वह मानसिक रूप से परेशान था। वह कभी जय श्रीराम के नारे लगाने लगता था, कभी अलग तरह की हरकतें करने लगता था। कस्बे में निजी चिकित्सक से भी सलाह ली थी, जहां चिकित्सकों ने उसे किसी अच्छे अस्पताल में इलाज कराने को कहा था। उनका कहना है कि उनके घर में कोई हथियार नहीं है, इसके बावजूद वह तमंचा कहां से लाया, इसकी कोई जानकारी नहीं है।
छात्र के फेसबुक दोस्तों की मानें तो वह कुछ समय से आपत्तिजनक पोस्ट भी डाल रहा था। उत्तर प्रदेश में तिरंगा यात्रा के दौरान हुई चंदन गुप्ता की मौत का बदला लेने संबंधी पोस्ट भी उसके फेसबुक पेज पर डाली गई थी।