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Tablighi Jamaat: देश के लिए बड़ा संकट खड़ा कर सकती हैं जमात में शामिल महिलाएं

Tablighi Jamaat क्राइम ब्रांच से लेकर अन्य सभी जांच एजेंसियां देशभर में पुरुषों की तलाश तो कर रही हैं लेकिन इन महिला जमातियों से अंजान बनी हुई हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 10 Apr 2020 08:21 AM (IST)Updated: Fri, 10 Apr 2020 09:21 AM (IST)
Tablighi Jamaat: देश के लिए बड़ा संकट खड़ा कर सकती हैं जमात में शामिल महिलाएं
Tablighi Jamaat: देश के लिए बड़ा संकट खड़ा कर सकती हैं जमात में शामिल महिलाएं

नई दिल्ली (शुजाउद्दीन)। Tablighi Jamaat : निजामुद्दीन स्थित मरकज में हुए कार्यक्रम में शामिल देश-विदेश के जमातियों में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुई थीं। हालांकि, क्राइम ब्रांच से लेकर अन्य सभी जांच एजेंसियां देशभर में पुरुषों की तलाश तो कर रही हैं, लेकिन इन महिला जमातियों से अंजान बनी हुई हैं। ऐसे में यह महिलाएं देश के लिए बड़ा संकट खड़ा कर सकती हैं।

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दरअसल जमात में ये महिलाएं पिता, भाई या बेटे के साथ शामिल होती हैं। इस जमात को मस्तूरात की जमात कहा जाता है, जिसमें महिला और पुरुष दोनों होते हैं। जमात में जाने वाले पुरुष मस्जिद में रुकते हैं, जबकि महिलाएं मस्जिद के आसपास के किसी घर में। लॉकडाउन के दौरान निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी मरकज से जो जमाती मिले थे। उसमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं। इसमें देश के विभिन्न राज्यों के साथ ही विदेश से भी महिलाएं आई थीं। तब्लीगी मरकज में शामिल लोगों में कोरोना की पुष्टि हो चुकी है। पुलिस की जांच फिलहाल पुरुष जमातियों पर टीकी है, उनका ध्यान महिला जमातियों पर नहीं गया है।

जमात से जुड़े हुए अब्दुल सईद ने बताया कि निजामुद्दीन स्थित मरकज में महिलाओं के ठहरने के लिए एक अलग से बड़ा हॉल बना हुआ है, वहां पर पुरुषों का प्रवेश प्रतिबंधित है। मरकज से मस्तूरात की तीन दिन, 40 दिन और दो महीने की जमातें देश-विदेश में जाती हैं। मार्च महीने में बहुत सी विदेशी मस्तूरात की जमातें दिल्ली में भी आई हुई हैं। यह जमातें दिल्ली की विभिन्न मस्जिदों में रुकी हुई थीं, वहीं कुछ जमातें मरकज में भी रुकी थीं। जिस वक्त मरकज को सील किया गया, उस दौरान महिलाओं को भी क्वारंटाइन सेंटर भेजा गया है। हालांकि, दिल्ली पुलिस के पास अभी पुख्ता जानकारी नहीं है कि क्वारंटाइन सेंटरों में कितनी जमाती महिलाओं को रखा गया है।

बताया जा रहा है कि जमात में रहते हुए यह महिलाएं कितनी महिलाओं से मिलीं, यह भी पता लगाना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है। जमात में जाने वाली महिलाएं पर्दे में रहती हैं, किसी गैर मर्द के सामने वह अपने चेहरे का नकाब तक नहीं हटाती हैं। मस्तूरात जमात की महिलाएं जहां पर रुकती हैं, वहां मोहल्ले की महिलाएं आती हैं, जिन्हें जमात की महिलाएं इस्लाम की बातें बताती हैं।

जमात में शामिल किसी महिला को कोरोना है या नहीं इसके बारे में अभी कुछ पता नहीं चल पाया है, लेकिन अगर किसी महिला को कोरोना हुआ तो वह किस किस से मिली उसके बारे में पता लगाना स्वास्थ्य विभाग के साथ ही पुलिस के लिए चुनौती साबित होगा। यही नहीं इससे देशभर में कोरोना के मरीजों की कितनी बड़ी संख्या सामने आ सकती है, इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है।


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