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Good news : 1-5 जनवरी तक ठंड से मिलेगी राहत, 6-7 जनवरी को फिर लौटेगी भीषण ठंड

नए साल की शुरुआत बारिश और ओलावृष्टि से होने की संभावना है लेकिन राहत की खबर यह है कि साल के पहले पांच दिन ठिठुरन भरी ठंड से कुछ राहत मिलेगी।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 31 Dec 2019 10:57 AM (IST)Updated: Tue, 31 Dec 2019 10:57 AM (IST)
Good news : 1-5 जनवरी तक ठंड से मिलेगी राहत, 6-7 जनवरी को फिर लौटेगी भीषण ठंड
Good news : 1-5 जनवरी तक ठंड से मिलेगी राहत, 6-7 जनवरी को फिर लौटेगी भीषण ठंड

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। बेशक नए साल की शुरुआत बारिश और ओलावृष्टि से होने की संभावना है, लेकिन राहत की खबर यह है कि साल के पहले पांच दिन ठिठुरन भरी ठंड से कुछ राहत मिलेगी। इस दौरान धूप भी खिलेगी और तापमान में भी इजाफा होगा। छह या सात जनवरी से तापमान फिर गिरेगा और ठिठुरन बढ़ेगी।

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मौसम विभाग के मुताबिक मंगलवार को जम्मू-कश्मीर की ओर से एक मजबूत पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा है। दिल्ली-एनसीआर में इसका असर बुधवार से दिखाई देगा। इसके परिणामस्वरूप हवा की दशा और दिशा दोनों बदल जाएगी। अभी हवा उत्तर पश्चिमी दिशा से चल रही है।

पश्चिमी विक्षोभ के असर से हवा पूर्व दिशा से चलने लगेगी। एक जनवरी की रात और दो जनवरी को दिन में हल्की बारिश होने की संभावना है। कहीं-कहीं ओले भी पड़ सकते हैं।

स्काईमेट वेदर के मुख्य मौसम विज्ञानी महेश पलावत बताते हैं कि उत्तर-पश्चिमी दिशा से आने वाली हवा पहाड़ी क्षेत्रों से आती है। इसमें नमी और ठंडक दोनों होती है। इसके विपरीत पूर्व दिशा से जब हवा आती है तो वह बंगाल की खाड़ी से आती है। यह अपेक्षाकृत गर्म एवं सूखी होती है। राजधानी दिल्ली में जो बादल 14 दिसंबर से डेरा डाले हैं। वह इस हवा के असर से छंटने लगेंगे और धूप भी खिलने लगेगी। धूप और हवा की गर्मी से अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान में इजाफा होगा। हालांकि, मौसम विभाग के मुताबिक 6 जनवरी को हवा फिर से उत्तर पश्चिमी हो जाएगी। बर्फीली हवा से दोबारा शीतलहर चलेगी।

कुलदीप श्रीवास्तव (प्रमुख, प्रादेशिक मौसम विज्ञान केंद्र) के मुताबिक,  पश्चिमी विक्षोभ का असर बुधवार से दिखाई देने लगेगा और अगले पांच दिन तक थोड़ी राहत का दौर बना रहेगा। इस दौरान ठंड से कुछ राहत मिलेगी। लेकिन, यह राहत आंशिक होगी और छह या सात जनवरी से फिर खत्म हो जाएगी।

भीषण गर्मी से निजात पाने के लिए मैदानी इलाकों के लोग शिमला, मसूरी और नैनीताल जैसी जगहों पर जाते हैं, लेकिन इन दिनों उन जगहों का न्यूनतम तापमान दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पंजाब के कई जिलों से ज्यादा है। दिल्ली में सोमवार को दिसबंर माह में सर्दी का 119 साल का रिकॉर्ड टूट गया है। रविवार को राजस्थान के पांच शहरों में न्यूनतम तापमान जमाव बिंदु से नीचे रहा, जबकि हरियाणा के हिसार में कई दिनों से न्यूनतम तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस से नीचे बना हुआ है। उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर समेत कई जिलों का न्यूनतम तापमान 1.7 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा है। राजस्थान में माइनस तीन, झारखंड और मध्यप्रदेश में 1 डिग्री सेल्सियस तक न्यूनतम तापमान पहुंच चुका है। वहीं जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में लगातार दिन में गुनगुनी धूप निकल रही है। यह अलग बात है कि शाम को अचानक तापमान गिरने से ठंड तेजी से बढ़ जाती है।

प्रादेशिक मौसम विज्ञान केंद्र, दिल्ली के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव कहते हैं कि इसमें शक नहीं कि जलवायु परिवर्तन से मौसमी गतिविधियां अब चरम पर पहुंचने लगी हैं। गर्मी में तापमान बहुत अधिक चला जाता है तो मानसून में बारिश का रिकॉर्ड टूटने लगा है और सर्दियों में शीतलहर भी ज्यादा ही लंबी चल गई है।

मौसम विज्ञानी के अनुसार, लगभग एक पखवाड़े से बादल महज 200 से 300 मीटर की ऊंचाई पर ही सिमटे हुए हैं। धूल और प्रदूषण ने बादलों की परत को और मोटा कर दिया है। नतीजतन सूरज की गर्म किरणों इन बादलों को भेदकर धरती तक नहीं पहुंच पा रही हैं। पहाड़ों पर हुई बर्फबारी के कारण उत्तर पश्चिम दिशा से आ रही हवा में नमी बहुत है।


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